जम्मू : जम्मू-कश्मीर में एलओसी पर पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी में शहीद हुए बीएसएफ के सब-इंस्पेक्टर राकेश डोभाल को रविवार को श्रीनगर में श्रद्धांजलि दी गई। बीएसएफ के उप-निरीक्षक राकेश डोभाल उत्तराखंड के ऋषिकेश के रहने वाले थे।
Jammu and Kashmir: Wreath laying ceremony of BSF Sub-Inspector Rakesh Dobhal who lost his life in ceasefire violation by Pakistan in Baramulla district on 13th November, held at Srinagar today. pic.twitter.com/zMoDEl7E3s
— ANI (@ANI) November 15, 2020
फिलहाल राकेश डोभाल बारामुला में नियंत्रण रेखा पर बीएसएफ की आर्टिलरी बैटरी में तैनात थे। डोभाल उत्तराखंड के गंगानगर ऋषिकेश देहरादून निवासी थे। वे 2004 में बीएसएफ में शामिल हुए थे। परिवार में पिता, पत्नी तथा नौ साल की बच्ची है।
आपको बता दें कि दिवाली से ठीक पहले शुक्रवार को पाकिस्तानी सेना ने ने एलओसी पर शुक्रवार को भारी गोलाबारी की थी। इसमें बीएसएफ के एसआई समेत पांच जवान शहीद हो गए थे।
एक बच्चे समेत चार नागरिकों की भी मौत हुई थी। गोलाबारी में तीन जवान, दो पोर्टर समेत 20 लोग घायल हुए थे। पाकिस्तान की इस दुस्साहस का सेना ने करारा जवाब दिया है, जिसमें पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। उसकी कई चौकियां व बंकर तबाह हो गए हैं।
आयुध भंडार, तेल भंडार के साथ ही कई लांचिंग पैड भी तहस नहस हुए हैं। स्पेशल सर्विस ग्रुप के कमांडो समेत कम से कम 11 सैनिक मारे गए। साथ ही 10-12 सैनिक घायल हुए थे।
‘पाकिस्तान के सीजफायर उल्लंघन से आम नागरिकों को काफी नुकसान पहुंचा’
बीएसएफ के आईजी राजेश मिश्रा ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान के सीजफायर उल्लंघन से आम नागरिकों को काफी नुकसान पहुंचा है। इसे मनवाधिकार के उल्लंघन के मुद्दे के तौर पर देखा जाना चाहिए।
इस साल पाकिस्तानी गोलाबारी में मारे गए 20 नागरिक
सैन्य सूत्रों से मिले आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020 में अभी तक जम्मू कश्मीर से सटी एलओसी पर पाकिस्तान द्वारा 4052 बार सीजफायर का उल्लंघन किया गया है। इसमें अक्तूबर के महीने में 394 और नवंबर में 128 हैं। वर्ष 2020 के दौरान पाकिस्तानी गोलाबारी में 20 स्थानीय नागरिक मारे जा चुके हैं जबकि 47 घायल भी हुए हैं। वहीं वर्ष 2019 में 3233 बार पाकिस्तानी सेना ने जम्मू कश्मीर में सीजफायर का उल्लंघन किया था।