बिलासपुर। ऑटो चालक *’संजय’* का सराहनीय योगदान यथानाम तथा काम। महाभारत काल में भी दिव्यदृष्टि प्राप्त *’संजय’* सारथी की भूमिका में सुविख्यात थे। *’संजय’* के कारण ही आज दुनिया में *”गीता”* पढ़ी , देखी व सुनी जा रही है।।
कमोबेश आज का यह *’संजय’* ऑटोचालक के रूप में कोरोना के कहर में भी साहसिक , मानवीय कर्म को बखूबी अंजाम दे रहे हैं। सम्पूर्ण लॉक डाउन में जब आवागमन के सभी साधन बन्द कर दिए गए, तब भी चिरमिरी निवासी 50 वर्षीय श्रीमती सुष्मिता डे की किडनी फेल होने की परिस्थिति में उनके मायके गंगानगर बिलासपुर से उन्हें डायलिसिस के लिए हर दूसरे दिन अपोलो अस्पताल के लिए उनकी पुत्री इंजीनियर सुदीप्ता डे जो नौकरी छोड़कर अपनी माँ की आवश्यक देख भाल में लगी है, इन्हें साथ लेकर पुलिस की आवश्यक चेकिंग , रोकटोक के बावजूद *’संजय’* ने अपना कार्य समझकर पूरा किया। अस्पताल तक जाने ले आने की प्रशासन से विशेष अनुमति के साथ विपरीत परिस्थितियों में भी जारी रखा है। इस प्रकार वर्तमान समय में भी एक कुशल सारथी की तरह आरोग्य सेतु की कड़ी में जुड़ने वाले *’संजय’* का हार्दिक अभिनंदन एवं उनके कार्य को नमन्। इन्ही भाव को चरितार्थ रखने के लिए आज किडनी रोगी की इकलौती सुपुत्री द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए प्रेरणादायी *’संजय’* का अंगवस्त्र सह श्रीफल से स्वागत-सम्मान किया गया।
उल्लेखनीय है कि किडनी रोगी श्रीमती सुष्मिता डे , सामाजिक कार्यकर्ता सौम्यव्रत चाकी जो भाजपा जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद रामविचार नेताम के निज सचिव भी है। इनकी बड़ी बहन हैं।