बस दुआएं ही दे सकने का जालिम दौर है…. दिन गुजर जाता है तो लगता सब खैर है….

शंकर पांडे  ( वरिष्ठ पत्रकार )       एक देश-एक टेक्स, एक देश -एक चुनाव की…