मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट युक्त मोबाइल बेचा :: निर्माता कंपनी, सर्विस सेंटर और दुकानदार पर लगा हर्जाना

दुर्ग। ग्राहक को निर्माणगत त्रुटि वाला मोबाइल बेचने के बाद वारंटी अवधि में ना तो मोबाइल बदला गया और ना ही मोबाइल की रकम लौटाई गई, इस कृत्य को ग्राहक के प्रति व्यावसायिक कदाचरण और सेवा में निम्नता मानते हुए जिला उपभोक्ता फोरम दुर्ग के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व लता चंद्राकर ने निर्माता कंपनी सोनी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (नई दिल्ली), सर्विस सेंटर विकास इलेक्ट्रॉनिक्स (भिलाई) एवं दुकानदार भूमियाजी इलेक्ट्रॉनिक्स (दुर्ग) पर 33000 रुपये हर्जाना लगाया।

ग्राहक की शिकायत
ग्राम कोड़िया, थाना नंदिनी नगर, जिला दुर्ग निवासी ग्राहक प्रदीप कुमार साहू ने दुकानदार भूमियाजी इलेक्ट्रॉनिक्स (दुर्ग) से सोनी एक्पीरिया मोबाइल दिनांक 07 अगस्त 2016 को 26000 रुपये में खरीदा। खरीदने के बाद से ही मोबाइल में नेटवर्क की समस्या के साथ-साथ गर्म होने, बैटरी जल्दी डिस्चार्ज, एवं अपने आप स्विच ऑफ होने की समस्या थी, जिसे परिवादी ने दुकानदार एवं सर्विस सेंटर को बार-बार दिखाया। इस दौरान दो बार मोबाइल का मदरबोर्ड बदला गया, फिर भी मोबाइल की समस्या दूर नहीं हुई। जब परिवादी ने कहा कि उसे दूसरा मोबाइल या मोबाइल की कीमत दिलाई जाए तो अनावेदकगण ने मोबाइल की वारंटी समाप्त होने की बात कहकर परिवादी से मोबाइल बनाने का चार्ज वसूल लिया और उसकी समस्या दूर नहीं की।

अनावेदकगण का जवाब
अनावेदक निर्माता कंपनी सोनी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने प्रकरण में उपस्थित होकर कहा कि परिवादी के मोबाइल में केवल नेटवर्क संबंधी समस्या थी जो कि उसके निवास वाली जगह की आंतरिक स्थिति के कारण थी। परिवादी के मोबाइल में कोई समस्या नहीं थी और उसका हैंडसेट सामान्य रूप से काम कर रहा था। परिवादी के आरोप निराधार हैं।

फोरम का फैसला
प्रकरण में पेश दस्तावेजों एवं विपक्ष के तर्कों के आधार पर जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये, व लता चंद्राकर ने विचारण के दौरान यह पाया कि परिवादी के मोबाइल में मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट था जिसका समाधान किया जाना संभव नहीं था। प्रकरण में सर्विस सेंटर द्वारा जारी जॉब शीट से यह प्रमाणित हुआ कि मोबाइल की स्क्रीनिंग में अनेकों फीचर फेल पाए गए थे। वारंटी अवधि में ही अनेकों प्रकार की समस्या उत्पन्न होना यह प्रमाणित करता है कि मोबाइल में तकनीकी खामी और मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट था, जिसकी जानकारी मिलने के बाद भी अनावेदकगण ने अनावश्यक समय व्यतीत किया जबकि मोबाइल में गंभीर तकनीकी त्रुटि थी तो परिवादी को मोबाइल की राशि मयब्याज लौटायी जानी चाहिए थी परंतु ऐसा नहीं किया गया। अनावेदकगण का यह आचरण सेवा में घोर निम्नता की श्रेणी में आता है।

जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये, व लता चंद्राकर ने अनावेदकगण पर 33000 रुपये हर्जाना लगाया, जिसके तहत निर्माता कंपनी सर्विस सेंटर और दुकानदार मोबाइल की कीमत 26000 रुपये, मानसिक कष्ट की क्षतिपूर्ति स्वरूप 6000 रुपये, तथा वाद व्यय 1000 रुपये परिवादी को देंगे। साथ में मोबाइल की कीमत पर 6 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज भी अदा करना होगा।

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