भोपाल : भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया सोमवार को एक घंटे के लिए भोपाल पहुंचेंगे। वे 45 मिनट तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ बैठक करेंगे और फिर वापस चले जाएंगे। माना जा रहा है कि यह मुलाकात शिवराज मंत्रिमंडल के संभावित विस्तार को लेकर है। हालांकि मुलाकात से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ‘राज्य के मंत्रिमंडल विस्तार पर कोई चर्चा नहीं होगी। यह मुख्यमंत्री का विवेक है।’
शिवराज सरकार जल्दी ही मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकती है। सिंधिया इसमें अपने समर्थकों को एक बार फिर मंत्री पद दिलाने की कोशिश करेंगे। मध्यप्रदेश सरकार में भाजपा की वापसी को लेकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सिंधिया अब सत्ता के केंद्र बन गए हैं।
भाजपा सरकार और संगठन बिना सिंधिया से सलाह-मशविरा किए मंत्रिमंडल में किसी के नाम को नहीं जोड़ सकती है। सोमवार को सिंधिया आएंगे और दोपहर डेढ़ बजे से 2.15 तक मुख्यमंत्री के साथ उनके आवास पर बैठक करेंगे। बैठक के बाद वे सीधे हवाईअड्डे के लिए रवाना हो जाएंगे।
सिंधिया और शिवराज के बीच 45 मिनट तक होने वाली बैठक में नए मंत्रियों के नाम पर चर्चा होगी। साथ ही उपचुनाव में हारे तीन मंत्रियों के पुनर्वास पर भी मंथन किया जाएगा। सिंधिया प्रदेश भाजपा संगठन में भी अपना दखल चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने अपने समर्थकों के नाम प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा की टीम में शामिल करने के लिए दे दिए हैं।
अपने समर्थकों को मंत्री बनाने का दबाव बना रहे हैं सिंधिया
राज्य में हुए उपचुनाव के दौरान इस्तीफा देने वाले तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत का मंत्री बनना तय माना जा रहा है। सिंधिया ने अपने 12 समर्थकों को मंत्री बनाया था। इनमें से तीन चुनाव हार गए हैं। ऐसे में सिंधिया तीन अन्य समर्थकों को मंत्री बनाने के लिए दबाव बना रहे हैं। चुनाव हार चुके पूर्व मंत्री गिरिराज दंडोतिया, एंदल सिंह कंसाना और इमरती देवी को निगम में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।