इंदौर। मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि मध्यप्रदेश को फॉर्मास्युटिकल हब बनाया जायेगा। इसके लिये उन्होंने औद्योगिक संस्थानों से आव्हान किया है कि वे मध्यप्रदेश में आये, रिसर्च करें और फॉर्मास्युटिकल औद्योगिक ईकाईयों की स्थापना करें। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में इसके लिये पर्याप्त संसाधन उपलब्घ है। मध्यप्रदेश में सबसे अधिक जैवविविधता है।
मुख्यमंत्री कमल नाथ इंदौर में पीथमपुर औद्योगिक संगठन के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। बैठक में प्रदेश के गृह मंत्री तथा इंदौर जिले के प्रभारी बाला बच्चन, स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट, मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा , विधायक विशाल पटेल, विनय बाकलीवाल प्रमुख सचिव उद्योग डॉ. राजेश राजौरा, संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी, आईजी विवेक शर्मा, कलेक्टर श्री लोकेश कुमार जाटव, डीआईजी श्रीमती रूचिवर्धन मिश्र, मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एमडी विकास नरवाल, नगर निगम आयुक्त आशीष सिंह, एकेवीएन के कुमार पुरूषोत्तम सहित अन्य अधिकारी और पीथमपुर औद्योगिक संगठन गौतम कोठारी सहित अन्य प्रतिनिधि मौजूद थे।
बैठक में मुख्यमंत्री कमल नाथ ने पीथमपुर औद्योगिक संगठन के प्रतिनिधियों से पीथमपुर संबंधी औद्योगिक ईकाईयों और औद्योगिक क्षेत्र की समस्याओं को गंभीरता से सुना। उन्होंने कहा कि संगठन अपनी समस्याओं और मांगों के संबंध में अलग-अलग विषय पर अलग-अलग प्रस्ताव दे। उनकी समस्याओं का परीक्षण कराया जायेगा और उचित निराकरण कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में फॉर्मास्युटिकल औद्योगिक ईकाईयों की स्थापना की अपार संभावनाएं है। प्रदेश को फॉर्मास्युटिकल हब बनाया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रतिष्ठित सन फार्मा ने अपने रिसर्च की शुरूआत कर दी है। प्रदेश में उपलब्ध जड़ीबुटियों और अन्य संसाधनों की मदद से वह कैंसर के ईलाज के लिये 70 प्रतिशत से अधिक खोज को पुरा कर चूकी है। उन्होंने औद्योगिक ईकाईयों का आव्हान किया की वे अपनी-अपनी ईकाईयों में सोलर प्लांट लगवाये। राज्य शासन द्वारा अनुदान भी दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि सोलर प्लांट के संबंध में नई-नई तकनीक आ रही है। सोलर से उत्पादित बिजली को स्टोर करने की तकनीक भी आ रही है।