जानिए: किराए के घर में रहने वाले नौकरीपेशा लोगों को इनकम टैक्स में कितनी छूट मिलती है

नई दिल्ली : सरकार ने व्यक्तिगत आयकरदाताओं को राहत देने के लिए लिए वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 10 जनवरी 2021 तक कर दिया था। इसके साथ ही कंपनियों के लिए रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को भी 15 दिन बढ़ाकर 15 फरवरी कर दिया गया है।

इसलिए जिन करदाताओं ने अब तक अपना रिटर्न दाखिल नहीं किया है, वे जल्दी कर लें, वरना उनपर झुर्माना लग सकता है। अगर आप किसी कंपनी में काम करते हैं तो आपको हाउस रेंट अलाउंस (HRA) जरूर मिलता होगा। यह वेतन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। आज हम आपको HRA पर टैक्स छूट के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं एचआरए के जरिए आपको टैक्स बचत में कितना फायदा हो सकता है।

दरअसल हाउस रेंट अलाउंस कर्मचारी को दिया जाने वाला एक भत्ता होता है। यह नियोक्ता द्वारा अपने कर्मचारी को उनके घर का किराया चुकाने के लिए दिया जाता है। इनकम टैक्स कानून के अनुसार, HRA पर कर छूट सेक्शन 10(13A) के तहत मिलती है। कुल टैक्सेबल आमदनी की गणना एचआरए को कुल आय से घटाकर की जाती है। लेकिन अगर कर्मचारी अपने घर में रहते हैं और किसी घर के लिए किराया नहीं देते हैं, तो उनका एचआरए टैक्स के दायरे में आता है।

कर्मचारियों को कितना मिलता है लाभ?
अगर कर्मचारी के पास मकान मालिक के साथ हुआ रेंट एग्रीमेंट है तो उनको एचआरए के तहत टैक्स कटौती का लाभ मिलता है। महानगर में रहने वाले कर्मचारियों को मूल वेतन के 50 फीसदी तक और छोटे शहरों में रहने वाले कर्मचारियों को बेसिक सैलरी का 40 फीसदी तक एचआरए के तहत यह लाभ मिलता है। इसके अतिरिक्त कुल सालाना आमदनी का 10 फीसदी मकान किराए के रूप में चुकाने पर भी इसका लाभ मिलता है।

यदि किराए के रूप में आपने प्रति महीने 15,000 रुपये या साल में एक लाख रुपये से ज्यादा किराया चुकाया है, तो छूट पाने के लिए मकान मालिक का पैन नंबर देना भी अनिवार्य है।

 

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