शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )
पूर्व पीएम मनमोहन सिंंह के कार्यकाल में 55 लाख करोड़ रुपए कर्ज़ था, जो नरेंद्र मोदी के नौ सालों में बढ़ कर155 लाख करोड़ रुपए हो गया।कर्ज भी बढ़ गया,रियायतें भी घट गई, नौकरियां भी कम हो गई, लघु तथा मध्यम उद्योग तबाह हो रहे हैं,सरकारी कंपनिया बिक रही हैं..आखिर यह सब धन, जा कहां रहा है सरकार…?
पीएम मोदी को छोड़कर सभी 14 प्रधानमंत्रियों ने मिलकर 67 साल में कुल 55 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लिया। पिछले 9 साल में पीएम नरेंद्र मोदी ने हिंदुस्तान का कर्जा तिगुना कर दिया। 100 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कर्ज उन्होंने मात्र 9 साल में ले लिया है। 2014 में सरकार पर कुल कर्ज 55 लाख करोड़ रुपए था, जो अब बढ़कर 155 लाख करोड़ हो गया है।’ इसके बाद से ही भारत सरकार के कर्ज को लेकर चर्चा तेज हो गई है। पिछले 9 साल में मोदी सरकार ने कितने कर्ज लिए और ये पैसा कहां खर्च हो रहा है।केंद्रीय सरकार ने बजट की आधिकारिक वेबसाइट पर बताया है। केंद्र सरकार के मुताबिक 31 मार्च 2023 तक भारत सरकार पर 155 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। अगले साल मार्च तक ये बढ़कर 172 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है इसके अलावा 20 मार्च 2023 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सांसद नागेश्वर राव के एक सवाल का लिखित जवाब दिया है। सांसद नागेश्वर राव ने सरकारी कर्ज के बारे में सवाल पूछा था। इसके जवाब में वित्त मंत्री सीतारमण ने भी कहा कि 31 मार्च 2023 तक भारत सरकार पर 155 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है इस हिसाब से देखें तो पिछले 9 साल में देश पर 181% कर्ज बढ़ा है।2004 में जब मनमोहन सिंह की सरकार बनी तो भारत सरकार पर कुल कर्ज 17 लाख करोड़ रुपए था। 2014 तक तीन गुना से ज्यादा बढ़कर ये 55 लाख करोड़ रुपए हो गया। इस समय भारत सरकार पर कुल कर्ज 155 लाख करोड़ रुपए है। वित्त वर्ष 2014-15 के मुताबिक तब भारत सरकार पर कुल कर्ज 55 लाख करोड़ रुपए था। 2014 में देश की जनसंख्या 130 करोड़ मान ली जाए तो उस समय हर भारतीय पर औसत कर्ज करीब 42 हजार रुपए था।अब 2023 में भारत सरकार पर कुल कर्ज बढ़कर 155 लाख करोड़ रुपए हो गया है। भारत की कुल आबादी 140 करोड़ मान लें तो आज के समय में हर भारतीय पर 1 लाख रुपए से ज्यादा कर्ज है।इसी तरह अब अगर विदेशी कर्ज की बात करें तो 2014-15 में भारत पर विदेशी कर्ज 31 लाख करोड़ रुपए था। अब 2023 में भारत पर विदेशी कर्ज बढ़कर 50 लाख करोड़ रुपए हो गये…!
अब ‘इंडिया’ गुलामियत
का प्रतीक……
भारत की 26 विपक्षी पार्टियों ने अपने नये संगठन का नाम इंडिया (i-n-d-i-a)रखा है,इसे भाजपा के कुछ लोग गुलामियत का प्रतीक ठहरा रहे हैं,वैसे पीएम नरेन्द्र मोदी के सोशल मिडिया प्रोफ़ाइल/हेंडल में “प्राइम मिनिस्टर ऑफ़ इंडिया” और भारतीय जनता पार्टी के सोशल मिडिया प्रोफ़ाइल में “बीजेपी4 इंडिया” लिखा है……! इधर नरेंद्र मोदी सरकार ने कई योजनाओं के नाम में इंडिया शामिल किया था मसलन स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्किलइंडिया, मेक इन इंडिया, शाइनिंग इंडिया, खेलो इंडिया, जीतेगा इंडिया, पढ़ेगा इंडिया और बढेगा इंडिया आदि आदि…..?इसका क्या मतलब निकाला जाए….!
किसानों के बाद कर्मियों पर भी
भूपेश बघेल मेहरबान…
किसानों, गरीबों के लिये बड़े कदम उठानेवाली छग की भूपेश सरकार ने मौजूदा विधानसभा के आखिरी सत्र कर्मचारियों के लिए कई सौगातों का ऐलान किया है। शासकीय कर्मियों के लिए चार प्रतिशत डीए वृद्धि के साथ ही सातवें वेतनमान के मुताबिक गृह भाड़ा भत्ता देने का ऐलान किया है। सरकारी कर्मियों के अतिरिक्त संविदा कर्मी, दैनिक वेतनभोगी सहित सभी वर्गों के कर्मियों के लिए वेतन वृद्धि की घोषणाएं की गई हैं।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने करीब पांच लाख सरकारी कर्मचारियों को 4 प्रतिशत अतिरिक्त महंगाई भत्ता देने का फैसला किया है।संविदा कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि के साथ पंचायत सचिवों को भी विशेष भत्ता मिलेगा। संविदा वेतन पर कार्यरत 37 हजार कर्मियों को 27 प्रतिशत की वृद्धि का ऐलान भीकिया। इसके अलावा स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को हर महीने 2 हजार रुपये अतिरिक्त मानदेय मिलेगा। राज्य सरकार पटवारियों को भी प्रतिमाह 500 रुपये संसाधन भत्ता देगी। इसके साथ-साथ पंचायत सचिवों को भी विशेष भत्ता दिया जाएगा। 15 साल से कम सेवाकाल वाले पंचायत सचिवों को 2500 रुपये और इससे अधिक सेवाकाल वालों को 3000 रुपये विशेष भत्ता मिलेगा।सरकार ने दैनिक वेतनभोगी के वेतन में 4000 रुपये मासिक वृद्धि का निर्णय भी लिया है। इसके साथ-साथ सभी शासकीय सेवकों को सातवें वेतनमान पर बी श्रेणी शहर के लिए 9% और सी तथा अन्य शहरों के लिए6% गृह भाड़ा भत्ता दिया जाएगा।
बस्तर दशहरा इस
बार 107 दिनों का …
बस्तर का विश्व प्रसिद्ध दशहरा इस बार 75 दिनों की बजाए 107 दिनों का होगा। इसकी शुरुआत 17 जुलाई से हरेली के साथ शुरू हो गई है। इस वर्ष 2023 में एक माह तक का पुरुषोत्तम/अधिकमास पड़ने और 28 अक्टूबर को ग्रहण होने के कारण दशहरा पर्व की समय सीमा बढ़ गई है।उल्लेखनीय है कि बस्तर के आदिवासियों की आराधना देवी मां दंतेश्वरी के दर्शन करने हेतु हर साल देश विदेश भक्त और पर्यटक पहुंचते हैं। बस्तर दशहरा के ऐतिहासिक तथ्य के अनुसार वर्ष 1408 में बस्तर के काकतीय शासक पुरुषोत्तम देव को जगन्नाथपुरी में रथपति की उपाधि दिया गया था तथा उन्हें 16 पहियों वाला एक विशाल रथ भेंट किया गया था। इस तरह बस्तर में 615 सालों से दशहरा मनाया जा रहा है।
छ्ग के वरिष्ठ आईपीएस (एडीजी)
जीपी सिंह बर्खास्त…
आय से अधिक संपत्ति मामले में निलंबित छ्ग के वरिष्ठ आईपीएस, एडीजी,जीपी सिंह को केंद्र सरकार ने राज्य सरकार की अनुशंसा पर बर्खास्त कर दिया है।1 जुलाई 2021 की सुबह एसीबी -इओडब्लू की टीमों ने रायपुर,राजनांदगांव और ओडिशा में जीपी सिंह के सहयोगियों समेत उनके सभी ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था,जिसमें करीब 5 करोड़ की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ था।इसके अलावा छापे के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज भी मिले थे।जिसके आधार पर रायपुर कोतवाली में निलंबित आईपीएस जीपी सिंह पर राजद्रोह का मामला भी दर्ज किया था।जिसका चालान कोतवाली पुलिस पहले ही कोर्ट में पेश कर चुकी थी,मामला कोर्ट में विचाराधीन है।आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो रायपुर में अनुपातहीन संपत्ति और भष्टाचार निवारण अधिनियम और धारा 201,467,471 के आरोप में निलंबित आईपीएस जीपी सिंह का प्रकरण दर्ज है।
और अब बस….
0 मणिपुर के हालात की तुलना छ्ग से करने के पीछे आखिर पीएम की क्या मंशा है…?
0विधानसभा के पास नग्न प्रदर्शन करने के पीछे आखिर है कौन…?
0छ्ग के सीएस अभिताभ जैन ने फर्जी प्रमाणपत्र के जरिये नौकरी करनेवालों को तत्काल बर्खास्त करने के निर्देश दिये हैं।
0 विस सत्र के बाद 2अगस्त के पहले कुछ कलेक्टरों को इधर उधर करने की चर्चा तेज है।