नई दिल्ली : एक दिसंबर 2020 यानी कल से भारत में पांच बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। इन बदलावों का आपकी जिंदगी पर सीधा असर पड़ेगा। इन नए नियमों से एक ओर जहां आपको राहत मिलेगी, वहीं अगर आपने कुछ बातों का ध्यान नहीं रखा तो आपको आर्थिक नुकसान भी हो सकता है। इनमें गैस सिलिंडर, इंश्योरेंस प्रीमियम, रेलवे, एटीएम से पैसे निकालने के नियम और पैसों के लेनदेन से जुड़े नियम शामिल हैं। आइए जानते हैं इन महत्वपूर्ण बदलावों के बारे में।
LPG के दाम…
तेल कंपनियां हर महीने की शुरुआत में एलपीजी सिलिंडर के दामों की समीक्षा करती है। कल से देश में रसोई गैस सिलिंडर की कीमत बदल जाएगी। मालूम हो कि हर राज्य में टैक्स अलग-अलग होता है और इसके हिसाब से एलपीजी के दामों में अंतर होता है। मौजूदा समय में सरकार एक वर्ष में प्रत्येक घर के लिए 14.2 किलोग्राम के 12 सिलिंडरों पर सब्सिडी प्रदान करती है। अगर ग्राहक इससे ज्यादा सिलिंडर लेना चाहते है, तो वे उन्हें बाजार मूल्य पर खरीदते हैं। इसकी कीमत औसत अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क और विदेशी विनिमय दरों में बदलाव जैसे कारक निर्धारित करते हैं।
बदलेंगे पीएनबी ने एटीएम से पैसे निकालने के नियम…
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के ग्राहकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण खबर है। पंजाब नेशनल बैंक कल से एटीएम से कैश निकालने के तौर तरीकों में बदलाव करने जा रहा है। फ्रॉड्स के बढ़ते मामले देख पीएनबी अपने ग्राहकों के हित में एटीएम से पैसे निकालने को ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए एक वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) सिस्टम लागू करने जा रहा है। इसके तहत एटीएम से कैश निकालने के लिए आपको बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आया ओटीपी बताना होगा। यह नियम 10 हजार रुपये से ज्यादा के कैश ट्रांजैक्शन पर लागू होगा।
पीएनबी के ट्वीट के मुताबिक, एक दिसंबर से रात 8 बजे से लेकर सुबह 8 बजे के बीच PNB 2.0 एटीएम से एक बार में 10,000 रुपये से ज्यादा की कैश निकासी अब ओटीपी प्रणाली आधारित होगी। यानी कि इन घंटों में 10 हजार रुपये से अधिक की धनराशि निकालने के लिए पीएनबी ग्राहकों को ओटीपी की जरूरत होगी। इसलिए ग्राहक अपना मोबाइल साथ ले जाना न भूलें। ओटीपी आधारित कैश निकासी सुविधा पीएनबी डेबिट/एटीएम कार्ड से अन्य बैंक एटीएम से पैसे निकालने पर लागू नहीं होगी।
बैंक बदलेंगे पैसों के लेनदेन से जुड़ा ये नियम…
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए आए दिन किसी नई सुविधा का ऐलान करता रहता है। अब आरबीआई ने करोड़ों ग्राहकों के लिए एक और बड़ी घोषणा की है। अगले महीने से बैंक पैसों के लेन-देन से जुड़े एक अहम नियम में बदलाव करने जा रहे हैं।
अक्तूबर में आरबीआई ने रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) सिस्टम को दिसंबर 2020 से 24 घंटे सातों दिन चालू रखने का ऐलान किया था। यानी दिसंबर से आपको बड़ी रकम ट्रांसफर करने के लिए बैंक के खुलने और बंद होने का इंतजार नहीं करना होगा।
मौजूदा समय में ये है टाइमिंग…
मौद्रिक नीति समिति (MPC) के फैसलों की घोषणा करते समय गवर्नर शक्तिकांत दास ने ग्राहकों को यह तोहफा दिया था। फिलहाल, ग्राहकों के लिए आरटीजीएस सिस्टम की टाइमिंग सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक है। दूसरे और चौथे शनिवार को, जब बैंक की छुट्टी होती है, तब यह सुविधा भी बंद रहती है। इसके साथ ही रविवार को भी यह सर्विस बंद रहती है।
दो लाख रुपये है न्यूनतम सीमा…
आरबीआई ने देश भर में डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया है। कोरोना काल में डिजिटल बैंकिंग का उपयोग बढ़ गया है। आपको बता दें कि आरटीजीएस के तहत न्यूनतम ट्रांसफर अमाउंट दो लाख रुपये है। वहीं अधिकतम राशि की कोई सीमा नहीं है।
क्या है RTGS?
RTGS का मतलब है रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम। ‘रियल टाइम’ का मतलब है तुरंत। मतलब जैसे ही आप पैसा ट्रांसफर करें, कुछ ही देर में वह खाते में पहुंच जाए। आरटीजीएस के जरिए जब आप लेनदेन करते हैं तो दूसरे खाते में तुरंत पैसा ट्रांसफर हो जाता है।
नई ट्रेनों का होगा शुभारंभ…
कोरोना संकट के दौरान भारतीय रेलवे ने विशेष ट्रेनें चलाई। अब इसी कड़ी में एक दिसंबर 2020 से रेलवे कई नई ट्रेनें चलाने जा रही है। कल से ज्यादा यात्रियों को सुविधा प्रदान करने के लिए और ट्रेनों का परिचालन शुरू होने जा रहा है। इसमें झेलम एक्सप्रेस और पंजाब मेल दोनों शामिल हैं। इस दोनों ट्रेनों को सामान्य श्रेणी के तहत चलाया जा रहा है। प्रतिदिन 01077/78 पुणे-जम्मूतवी पुणे झेलम स्पेशल और 02137/38 मुंबई फिरोजपुर पंजाब मेल स्पेशल ट्रेनें चलेंगी।
बीमाधारक कर सकते हैं प्रीमियम में कटौती…
कोरोना काल में इंश्योरेंस की ओर कई लोग आकर्षित हुए हैं, लेकिन प्रीमियम को लेकर चिंता भी बढ़ी है। लेकिन अब पांच साल के बाद बीमाधारक प्रीमियम की रकम में कटौती कर सकते हैं। वे प्रीमियम को 50 फीसदी तक घटा पाएंगे। इससे बीमाधारकों को बड़ी राहत मिली है क्योंकि वे आधी किस्त के साथ पॉलिसी जारी रख पाएंगे। इससे उनके ऊपर ज्यादा वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा।