दुशांबे : हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्री भी शामिल होंगे। ऐसे में सभी को इस बात का इंतजार है कि भारत-पाक के विदेश मंत्रियों के बीच आमना-सामना होने पर क्या होगा। सवाल भी उठ रहे हैं कि जब दोनों देशों के मंत्री एक ही कमरे में बैठक के समय आमने-सामने होंगे, तो क्या वे आपस में बातचीत करेंगे।
बता दें, ताजिकिस्तान में हो रही 9वीं मंत्री स्तर की हार्ट ऑफ एशिया कॉन्फ्रेंस की शुरुआत मंगलवार सुबह 10 बजे से होगी। इस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर पहले ही ताजिकिस्तान के दुशांबे पहुंच चुके हैं। हालांकि, दोनों विदेश मंत्रियों की द्विपक्षीय मुलाकात तय नहीं है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के सकारात्मक बयानों के बाद दोनों देशों के विदेश मंत्री एक ही बैठक में शामिल होने जा रहे हैं। इसके अलावा 23 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान दिवस पर इमरान खान को बधाई पत्र भेजा था। साथ ही जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कोरोना पॉजिटिव पाए गए तब भी मोदी ने ट्वीट कर उनके जल्द स्वास्थ्य होने की कामना की थी।
उल्लेखनीय है कि सितंबर 2018 में नेपाल में चल रहे सार्क सम्मेलन में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपना भाषण खत्म करने के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी के भाषण का इंतजार नहीं किया था और वहां से चली गई थीं। इसके बाद सितंबर 2019 में भी न्यूयॉर्क में पाक विदेश मंत्री ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के भाषण का बहिष्कार किया था। हालांकि, इस बार हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन की बैठक को उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच सकारात्मक रूप से बैठक होगी।
गौरतलब है कि इससे पहले सोमवार रात को मेजबान ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमान ने सभी मेहमान विदेश मंत्रियों को रात्रि भोज पर आमंत्रित किया, जिसमें डॉ. जयशंकर के अलावा पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी समेत कई नेता शरीक हुए। यहां फिलहाल दोनों विदेश मंत्रियों के बीच किसी सीधी द्विपक्षीय बैठक से इनकार किया जा रहा है। हालांकि, इससे पहले ऐसा कई बार हुआ है कि हार्ट ऑफ एशिया बैठक के बहाने भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच अनौपचारिक तौर पर भेंट हुई हो।
बता दें दुशांबे पहुंचने के बाद भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ से मुलाकात की और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह सहित द्विपक्षीय सहयोग के अन्य मुद्दों पर बातचीत की। इसके अलावा जयशंकर तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लु से भी मिले। कावुसोग्लु के साथ जयशंकर की बातचीत का मुख्य मुद्दा अफगानिस्तान की मदद के लिए चलाई जा रही हार्ट ऑफ एशिया प्रक्रिया था।