भरतपुर : राजस्थान में सबसे पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) में बैकलॉग की भर्तियों, पांच प्रतिशत आरक्षण सहित अन्य मांगों को लेकर गुर्जरों ने एक बार फिर से आंदोलन शुरू कर दिया है। रोडवेज के पांच बड़े डिपो दौसा, हिंडौन, करौली, भरतपुर और बयाना की लगभग 220 बसों को रोक दिया गया। वहीं भरतपुर, करौली, दौसा, सवाई माधोपुर और जयपुर जिले की कई तहसीलों में इंटरनेट सेवाएं बंद हैं। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के गुट के लोग रविवार को रेलवे ट्रैक पर धरने पर बैठ गए। उनका ये धरना आज भी जारी है।
हम सरकार से मिलने के लिए नहीं जाएंगे…
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘इस बार हमारा प्रतिनिधिमंडल सरकार के साथ बातचीत करने के लिए कहीं नहीं जाएगा। अगर सरकार बात करना चाहती है, तो वे रेलवे ट्रैक पर आकर हमसे मिल सकती है।’
पांच जिलों में बंद हुईं इंटरनेट सेवाएं…
गुर्जर आंदोलन की वजह से भरतपुर, करौली, दौसा, सवाई माधोपुर और जयपुर जिले की कई तहसीलों में इंटरनेट सेवा बंद है। प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक की फिश प्लेटें उखाड़ दीं। इसके चलते रविवार को 40 मालगाड़ियों सहित 60 ट्रेनें डायवर्ट करनी पड़ीं। दिल्ली-मुंबई की ट्रेनों को डायवर्ट करना पड़ा और दो ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं।
ये है गुर्जर समुदाय की मांग…
आरक्षण को लेकर प्रदर्शन कर रहे गुर्जर समुदाय ने राज्य की अशोक गहलोत सरकार से पांच प्रतिशत आरक्षण देने की अपनी मांग दोहराई है। इसके अलावा वे समझौता और घोषणापत्र में वादे के मुताबिक बैकलॉग की भर्तियां निकाले जाने, आरक्षण आंदोलन में मारे गए लोगों के परिजनों को सरकारी नौकरी और मुआवजा देने, आरक्षण विधेयक को नौवीं अनुसूची में शामिल करने, एमबीसी कोटे से भर्ती 1252 कर्मचारियों को रेगुलर पे-स्केल देने और देव नारायण योजना में विकास योजनाओं के लिए बजट दिए जाने की भी मांग कर रहे हैं।
सरकार ने की समझौते की पेशकश…
अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार की तरफ से खेल मंत्री अशोक चांदना रविवार को कर्नल बैंसला से बात करने के लिए गए थे, लेकिन उन्हें खाली हाथ ही जयपुर वापस लौटना पड़ा। वहीं बैंसला का कहना है कि मेरे पास मुख्यमंत्री गहलोत का फोन आया था। उन्होंने विस्तार से बात करने का वादा किया है। मुख्यमंत्री ने गुर्जर समुदाय की मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने का भरोसा दिया है। इसलिए हमें उनपर एक बार और भरोसा करना चाहिए।