इंदौर। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने किसान बिल पर कहा कि ईस्ट इंडिया कम्पनी भी लालच देती थी राजाओं को की संकट आने पर हम आपकी रक्षा करेंगे। लेकिन होता उल्टा था धीरे धीरे अंग्रेज खुद ही राज्य ही हड़प लेते थे। ठीक इसी तरह नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। वे अडानी के लिये ये रच रहे हैं। आप पता कर लो कि अनाज भंडारण की 80 फीसदी क्षमता अडानी के पास है। जो पोर्ट है देश भर में यानी बन्दरगाह, जहां से खाद्यान्न पदार्थों की आवाजाही होती है, उसपर भी 80 फीसदी अधिकार अडानी जी के पास है। मोदी जी चाहते हैं कि एक्ट लाकर अडानी की निजी मंडियां खुलवा दें और उनकी मोनोपोली शुरू हो जाये। 900 पन्नों के एक्ट में एक लाइन समर्थन मूल्य पर नहीं लिखी। इससे पता चलता है कि नियत में खोट है।
जीतू पटवारी ने पलटवार करते हुए कहा कि मोदी जी ने रोजगार देने की बात कही थी, रोजगार दिया क्या? मोदी जी ने कहा था चीन को सबक सिखाऊंगा, सबक सिखाया क्या? मोदी जी ने कहा था कि रेल निजी हाथों को नहीं बेचूंगा, बेची की नहीं बेची? महंगाई घटाऊंगा, महंगाई घटी क्या? किसानों की आय दुगुनी हुई क्या? अब देश को मोदी जी पर भरोसा नहीं है।