किसानों ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी,किसानों से बात करें केंद्र सरकार – कैप्टन अमरिंदर सिंह

नई दिल्ली : कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली कूच कर रहे पंजाब और हरियाणा के किसान पुलिस की रोक से भड़क गए। गुरुवार को पंजाब से लेकर हरियाणा मेें जगह-जगह किसानों के संघर्ष के बाद शुक्रवार को भी उनका मार्च जारी है। किसानों पर आज भी आंसू गैस के गोले दागे गए लेकिन उनकी हिम्मत नहीं डिगी है। दिल्ली मेट्रो ने एहतियात के तौर पर छह मेट्रो स्टेशनों से निकासी और प्रवेश की सुविधा बंद कर दी है। वहीं किसानों ने आज तीन मांग रखते हुए पीएम मोदी को चिट्ठी भी लिखी है।

हापुड़ रोड पर किसानों को रोका…
दिल्ली कूच कर रहे किसानों को पुलिस ने बैरिकेडिंग कर हापुड़ रोड पर सीबीआई अकेडमी के सामने रोका। किसान राष्ट्रीय नेतृत्व के आदेश का इंतजार कर रहे हैं।

शंभू बॉर्डर पर किसानों पर आज फिर दागे आंसू गैस के गोले और पानी की बौछार…
शुक्रवार को अमृतसर से जो किसान चले हैं वह शंभू बॉर्डर तक पहुंचे हैं और उन्हें रोकने के लिए अंबाला पुलिस ने गुरुवार की तरह की आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछार की है। किसानों के आंदोलन के चलते दूल्हे समेत एक बरात को पैदल ही आगे जाना पड़ा। पुलिस ने दिल्ली की ओर जाने वाली तमाम सीमाओं को सील किया है जिससे आम लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।

कैप्टन अमरिंदर ने केंद्र से किया अनुरोध- किसानों से करें बात…
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र से आग्रह किया है कि वह तुरंत आंदोलन कर रहे किसानों से बात करें और दिल्ली बॉर्डर की तनावपूर्ण स्थिति को खत्म करें।

हमारी सरकार बनने पर ‘काले कृषि कानूनों’ को निरस्त कर दिया जाएगा: कांग्रेस
कांग्रेस ने तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली कूच करने की कोशिश कर रहे किसानों का समर्थन करते हुए शुक्रवार को कहा कि केंद्र में जिस दिन उसकी सरकार बनेगी उसी दिन इन ‘काले कानूनों’ को निरस्त कर दिया जाएगा। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी किसानों की मांगों को पूरा कराने के लिए उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।उधर, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा कि ‘एक देश, एक चुनाव’ की बात करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसानों के संदर्भ में ‘एक देश, एक व्यवहार’ पर अमल करना चाहिए।

दिल्ली सरकार ने नामंजूर की पुलिस की मांग, स्टेडियम नहीं बनेंगे अस्थायी जेल…
दिल्ली सरकार ने पुलिस की मांग ठुकराते हुए राजधानी के नौ स्टेडियम को अस्थायी जेल में बदलने से इनकार कर दिया है। इन अस्थाई जेलों में प्रदर्शनरत किसानों को रखा जाना था।

 

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