सावधानी बरतें ऑफलाइन आईटीआर में आयकरदाता, जानें पूरी जानकारी

नई दिल्ली : सीबीडीटी ने आयकरदाताओं को ऑफलाइन रिटर्न भरने में अतिरिक्त सावधानी बरतने का सुझाव दिया है। सीबीडीटी ने रिटर्न फॉर्म 2,3,4,5,6 औऱ सात के संबंध में संशोधित निर्देश जारी किए हैं। जिससे करदाताओं को समझने में आसानी होगी।

सीबीडीटी के अनुसार करादाताओं को पहले आकलन वर्ष का चुनाव करना होगा फिर जावा अथवा एस्सेल पर फॉर्म को डाउनलोड करना पड़ेगा। करदाता के सिस्टम में मौजूद डाउनलोग फोल्डर में यह फाइल जिप या कमप्रेस्ड मोड में स्वत सुरक्षित हा जाएगी। जिप फाइल को खोलकर करदाता यूटिलिटी को प्राप्त कर सकता है। युटिलिटी के जरिए ही अपना आईटीआर फॉर्म भी भर सकता है। हर वर्ग के करदाता के लिए सीबीडीटी ने अलग आईटीआर फॉर्म जारी किए है। आकलन वर्ष 2020-21 के लिए रिटर्न दाखिल करने की अंतिम अवधि 31 दिसंबर कर दी गई है। ऑडिट किए जाने वाले खातों कि लिए यह अवधि 31 जनवरी 2021 है।

आईटीआर- 1
50 लाख तक सालाना आय वाले व्यक्तिगत करदाता शामिल हैं। यह आय वेतन, एक आवासीय संपत्ति या स्त्रोत से हो सकती है। साथ ही कृषि से 5 हजार तक आय शामिल है। हालांकि, करदाता किसी कंपनी का निदेशक या गैर-सूचीबद्ध शेयरों का निवेशक नहीं होना चाहिए।

आईटीआर- 2
ऐसे व्यक्तिगत करदाता या एचयूएफ जिनकी आय कारोबार या पेशेवर मुनाफे से नहीं होती है।

आईटीआर- 3
ऐसे व्यक्तिगत करदाता  जिनकी कारोबार से आय 2 करोड़ से नहीं होती है।

आईटीआर- 4
यह फॉर्म ऐसे व्यक्तिगत करदाता, हिंदू अविभाज्य परिवार अथवा फॉर्म को भरना होता है। जिनकी कुल सालाना आय 50 लाख रुपये तक है। साथ ही कारोबार या पेशे से होने वाली आय की गणना धारा 44एडी, 44एडीए और 44एई के तहत की जाती है।

आईटीआर- 5
यह फर्मों, कंपनियों या अन्य संबंधित अधिकारयों के लिए है। व्यक्तिगत या एचयूएफ नहीं भर सकते।

आईटीआर- 6
ऐसी कंपनियां जो आयकर अधिनियम की धारा 11 के तहत छूट का दावा नहीं करती हैं।

 

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