नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के केवडिया में 80वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित कर रहे हैं। पीएम मोदी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इस सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित कर रहे हैं। अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन की शुरुआत वर्ष 1921 में की गई थी। इस वर्ष पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के शताब्दी वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष और सम्मेलन के अध्यक्ष ओम बिड़ला, गुजरात के राज्यपाल आचार्या देवव्रत, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी उपस्थित हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा आज का दिन पूज्य बापू की प्रेरणा को, सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिबद्धता को प्रणाम करने का है।
आज का दिन बापू और पटेल की प्रतिबद्धता को प्रणाम करने का
पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, आज का दिन पूज्य बापू की प्रेरणा को, सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिबद्धता को प्रणाम करने का है। ऐसे अनेक प्रतिनिधियों ने भारत के नवनिर्माण का मार्ग तय किया था। देश उन प्रयासों को याद रखे, इसी उद्देश्य से 5 साल पहले 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया था।
संविधान दिवस मना रहा देश
भारत आज अपना संविधान दिवस मना रहा है। संविधान सभा ने 26 नवंबर, 1949 को औपचारिक रूप से भारत के संविधान को अपनाया था। देश में 26 जनवरी, 1950 को इसे लागू किया गया। 19 नवंबर, 2015 को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने नागरिकों के बीच संविधान के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाए जाने का फैसला लिया था।
संविधान पर विश्वास बढ़ाने के लिए निरंतर काम हुआ
पीएम मोदी ने कहा, भारत की 130 करोड़ से ज्यादा जनता ने जिस परिपक्वता का परिचय दिया है, उसकी एक बड़ी वजह, सभी भारतीयों का संविधान के तीनों अंगों पर पूर्ण विश्वास है। इस विश्वास को बढ़ाने के लिए निरंतर काम भी हुआ है।
मुंबई हमले में मारे गए लोगों को अर्पित की श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आज की तारीख, देश पर सबसे बड़े आतंकी हमले के साथ जुड़ी हुई है। 2008 में पाकिस्तान से आए आतंकियों ने मुंबई पर धाबा बोल दिया था। इस हमले में अनेक भारतीयों की मृत्यु हुई थी। कई और देशों के लोग मारे गए थे। मैं मुंबई हमले में मारे गए सभी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।