विश्व प्रसिद्ध कोहिनूर हीरा का क्या बस्तर से सम्बन्ध है….

( किश्त106}

ब्रिटेन की क्‍वीन एलिजाबेथ के निधन के बाद से उनके राजमुकुट में लगे कोहिनूर हीरे को वापस भारत लाने की मांग फिर से उठने लगी है।आंखे चौंधिया देने वाली अपनी चमक,अलौकिक बनावट के लिए विश्व में प्रसिद्ध नायाब “कोहिनूर हीरा” ब्रिटेन राजपरिवार के पास है।ये नायाब रत्न कई मौतों की वजह भी रहा है।ऐसे मेंअब दावा किया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर से खास कनेक्शन रहा है।दावा किया जा रहा है कि 8 हज़ार किलोमीटर दूर लंदन में मौजूद हीरे के मालिक बस्तर काकतीय राजपरिवार के पूर्वज रहे हैं।

तेलंगाना के वारंगल से
शुरू हुई थी कहानी…

असल में कोहिनूर हीरा तेलंगाना के गोलकुंडा में खुदाई के दौरान मिला था तेलंगाना का वारंगल राज्य चालुक्य काकतीय वंश के आधिपत्य का राज रहा है। रुद्रदेव प्रथम 1158-1195 महादेव 1195-1198 गण पतिदेव 1199-126 रुद्रमा देवी 1262-1289, प्रताप
रुद्रदेव या रुद्रदेव द्वितीय ने 1289-13 23 तक राज किया था।बाद में 1303 में अलाउद्दीन खिलजी के खरीदे हुए गुलाम मलिक काफूर जिसे हजार दिनारी भी कहा जाता था,उसने वारंगल पहुंचकर रुद्रदेव द्वितीय को राज्य खिलजी सल्तनत के अधीन करने की चेतावनी दी।खिलजी की अपार सेना की शक्ति से वाकिफ रुद्रदेव ने खिलजी को लगान देना मंजूर किया, समर्पण के प्रतीक के रूप में जंजीर से बंधी स्वर्ण जड़ितप्रतिमा,कोहिनूर हीरा,प्रतापदेव ने मलिक काफूर को सौंप दी।तभी कोहिनूर मुस्लिम शासकों के पास चला गया।बाद में ये ब्रिटिश सत्ता को सौंप दिया गया, इसे ब्रिटेन के राजमुकुट में जड़ा गया। में बाद प्रताप रूद्रदेव भाई अन्नमदेव और बहन रैला देवी के साथ बस्तर कूच कर गये।बस्तर में आज भी काकतीय राजवंश का राज महल मौजूद है।आज भी उनके वंशज रहते हैं,बस्तर राज परिवार के वंशज कमलचंद्र भंजदेव ने मुझसे चर्चा में कहा कि एक समय कोहिनूर हीरा काकतीय राजवंश की संपत्ति था।

कोहिनूर विश्व का
नायब हीरा…

ये नायाब हीरा सैकड़ों सालों से विश्व के सबसे खास हीरे का दर्जा प्राप्त किये हुए है।105.6 कैरेट के इस हीरे का वजन 21.6 ग्राम है।इस समय इसकी कीमत लगभग 150 हजार करोड़ रुपए है।इसका मूल भारत है और यह तेलंगाना गोलकुंडा इलाके में पाया गया था। इसे प्राप्त करने के लिए पहले रियासतों में होड़ लगा करती थी।

वर्तमान में फिर
चर्चा में है मुकुट

ब्रिटेन की महारानी एलिजा बेथ द्वितीय की मौत 96 वर्ष की उम्र में हो गई।उनके अंतिम संस्कार में कोहिनूर हीरा जड़ित मुकुट उनकी ताबूत के ऊपर रखा गया था,उनकी मृत्यु के बाद विश्व में ये चर्चा है कि कोहिनूर युक्त यह मुकुट अब किस के माथे सजेगा। मुकुट के विषय में चर्चा रही है कि यह किसी महिला के सिर पर सुशोभित होता है तो वह विश्वशक्ति बन जाती है,लेकिन यदि इसे कोई पुरुष धारण करें तो वह नष्ट हो जाता है….?

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