शोभा ओझा की वर्किंग बनी जचाऊ नेताओं की परेशानी

                                                                                      भोपाल / इंदौर। कांग्रेस में पहले ही कर्मयोगी कार्यकर्ताओं की कमी है ऐसे में जो काम करता दिखे और वो ऊपर वालों का विश्वास पाने लगे तो टांग खींचने में कोई कोताही नहीं बरती जाती। ऐसा ही कुछ इन दिनों मध्यप्रदेश में कांग्रेस के अंदर हो रहा है। ये सब जानते हैं कि शोभा ओझा संगठन की राजनीति में माहिर और दमदार नेता हैं। जब जब जो जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई उस पर वो खरी उतरीं हैं। प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष से लेकर उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष पद तक उन्होंने खुद को साबित किया। यही कारण था कि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें प्रदेश मीडिया विभाग प्रमुख की जिम्मेदारी दी गई थी। अपने कार्यों के चलते ही पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उन्हें प्रदेश मोर्चा संगठन का प्रमुख बनाया। अब उन्हें और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने की चर्चा अंदर खाने हो रही हैं तो कुछ जचाऊ नेताओं के पेट दुखने लगे हैं। चर्चा है कि ऐसे ही कुछ नेताओं ने शोभा ओझा को कमजोर करने के लिए अपने अपने तरीके से मीडिया मैनेजमेंट का खेल खेला। मामला कई जगह एक जैसा होने की वजह से अंदर खाने अपनी ही पार्टी को कमजोर करने वालों की तलाश होने लगी । कहा जा रहा है कि राजनीतिक खबरों को तैराने वालों की खबर कमलनाथ तक चली गई है। ओझा को कमजोर करने वालों की अब हालात खराब हो रही है , इधर जो लोग कमलनाथ की वर्किंग जानतें हैं उन्हें पता है कि उनकी बात नहीं मानने वाले व संगठन के खिलाफ जाने वालों के साथ क्या करना है। फिलहाल अब ऐसे नेताओं की धुकधुकी बंधी हुई है कि क्या होगा। सूत्रों का कहना है कि शोभा ओझा को कमलनाथ से लेकर दिल्ली के संगठन तक से अपना काम बिना किसी चिंता करने के लिए आश्वस्त कर दिया है। यही कारण है कि कुछ नेताओं के माथे चिंता की लकीरें आ रही हैं।

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