बिप्लब् कुण्डू,पखांजुर : पखांजुर कृषि प्रधान इलाका है । पशु पालन कृषकों की जीवनी का प्रमुख अंग है। अंचल में प्रायः रबी फसल की कटाई होने को है । भीषण गर्मी में पशुओं के लिए चारा जुटा पाना कृषकों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है । छत्तीसगढ़ सरकार ने तो नरूवा गरवा घुरूवा बॉडी योजना का शुभारंभ कर प्रदेश में नई क्रांति के सूत्रपात का दावा किया था लेकिन योजना का क्रियान्वन परलकोट में विफल नजर आ रहा है। बता दे कि स्टेट हाइवे क्रमांक 25 बड़े कापसी में इन दिनों मवेशियो का जमावड़ा देखने को मिल रहा है जो अक्सर हादसे को बुलावा देते नजर आते है । सरकार सड़क दुर्घटना को रोकने ,कमी लाने के लिए कई प्रकार से मुहीम चला रही है
लेकिन बड़े कापसी के मुख्य सड़क मार्ग पर मवेशी सड़को पर आवारा घूम रहे है उन्हें सड़को पर विचरण करते देखा जा रहा है । रात्रि में सड़क पर अपनी पैठ जमाए मवेशी इस कदर बैठे रहते है मानो सड़क ही उनका गौठान हो । सड़क पर से गुजरने वाले वाहन चालकों को इससे बड़ी परेशानी हो रही है मवेशी हादसे को न्यौता देते नजर आ रहे है। ज्ञात हो कि सड़कों पर आवारा पशु भी विचरण करते नजर आ जाते है जो दिन भर खुले तौर पर सड़को पर मंडराते हादसों को न्यौता दे रहे हैं
इसके अलावा ग्रामीण अंचलों में कृषकों ने फसल काटने के बाद (मवेशियी) पशुओं को चारे के अभाव में खुला छोड़ा हैं । सड़क पर मवेशी सोये हुए है जिससे यातायात सेवा बाधित होती है कई साइकिल व बाइक चालक रात में मवेशी नही दिख पाने से दुर्घटना का शिकार हो चुके है उन्हें चोटे भी पहुची है। जो चिंता का विषय है मवेशी सड़को में खुले न घूमे ? इस मसले पर प्रशासन को विचार करना चाहिए । मवेशी जगह-जगह भटकते चारे की तलाश में घूम रहे है । गौर करने की बात है कि कूड़े करकट में पड़े पालीथिन को भी मवेशी निगल जाते है जो उनके लिए भी खतरा साबित हो सकता है प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।