नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ कन्हैया कुमार की मुलाकात के बाद से राजनीतिक अटकलें तेज हो गई हैं। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। वहीं इस मुलाकात के बाद से राजनीतिक गलियारे में यह भी चर्चा होने लगी है कि क्या कन्हैया कुमार का लेफ्ट से मोहभंग हो गया है? कई राजनीतिक विश्लेषकों का यह भी कहना है कि प्रशांत किशोर जैसे माहिर चुनावी रणनीतिकार से मिलने के बाद कन्हैया कुमार कांग्रेस में भी शामिल हो सकते है।
सूत्रों के अनुसार प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी को राय दी है कि पुराने नेताओं का असर अब कांग्रेस पार्टी में समाप्त हो गया है इसलिए अब युवाओं को मौका देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसकी भरपाई कन्हैया की एंट्री से की जा सकती है। कन्हैया कुमार बीते डेढ़ सालों से राजनीति में कम ही सक्रिय नजर आ रहे हैं। प्रशांत किशोर का कहना है कि कन्हैया के भाषण देने का अंदाज वोटरों को लुभा सकता है।
हालांकि इन अटकलों पर बिहार कांग्रेस का कोई भी नेता कुछ भी खुलकर बोलने से परहेज कर रहा है। बताया जा रहा है कि कई वरिष्ठ नेता कन्हैया की संभावित एंट्री से अपनी वैल्यू कम होने की आशंका जता रहे हैं। बता दें कि इससे पहले कन्हैया कुमार ने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) नेता अशोक चौधरी से मुलाकात भी की थी। उनकी इस मुलाकात की सियासी गलियारों में काफी चर्चा हुई थी। लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकला।
अपनी ही पार्टी से नहीं बन रही कन्हैया कुमार की…
बता दें कि फरवरी में हैदराबाद में सीपीआई की अहम बैठक हुई थी। इसमें कन्हैया कुमार द्वारा पटना में की गई मारपीट की घटना को लेकर निंदा प्रस्ताव पास किया गया था। बैठक में पार्टी के 110 सदस्य मौजूद थे जिसमें तीन को छोड़कर बाकी सभी ने कन्हैया के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास करने का समर्थन किया था। इस घटनाक्रम के बाद कन्हैया की जदयू नेता से मुलाकात को अहम माना जा रहा है। बता दें कि कन्हैया बेगूसराय के रहने वाले हैं। उन्होंने 2019 में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ बेगूसराय से लोकसभा चुनाव लड़ा था।