जबलपुर। रेल पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आयी है… रेल पुलिस ने एक अपराध के तहत दो युवकों को गिरफ्तार किया था, दोनों आरोपियों का कोरोना टेस्ट कराया था जिसमें से एक आरोपी संक्रमित निकला था. इन आरोपियों को अदालत में पेश किया गया था और अदालत के आदेश के बाद उन्हे जेल भेजा जाना था लेकिन पुलिसकर्मियों ने इसके लिए वाहन की व्यवस्था नहीं की और अदालत से पहले पुलिस अस्पताल और फिर उसके बाद सेंट्रल जेल तक दोनों आरोपियों को पैदल लेकर गए… इस दौरान दोनों पुलिसकर्मियों ने पीपीई किट पहन ली थी… तेज धूप में कोरोना संक्रमित आरोपी को पैदल चलाने की वजह से आरोपी के हाल बेहाल हो गए थे लगभग डेढ़ तक कोरोना संक्रमित आरोपी को उसके साथी के साथ पैदल चलाया गया और फिर उसकी पुलिस अस्पताल में दोबारा जांच कराकर सेंट्रल जेल में दाखिल किया गया.. सड़क पर इस तरह से कोरोना संक्रमित आरोपी को ले जाते हुए देख कर लोगों की भीड़ जमा हो गई.. लोगों का यही मानना था कि संक्रमित आरोपी को वाहन में ही लेकर जाना था… इधर पुलिस कर्मियों की दलील है कि उनका वाहन खराब हो गया था इस वजह से उन्हें आरोपियों को पैदल लेकर जाना पड़ रहा है और वे अपनी ड्यूटी का निर्वहन कर रहे हैं।