नई दिल्ली : कोरोना के खिलाफ देश में दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के लिए सीरम इंस्टीट्यूट में बने कोविशील्ड टीके की पहली खेप दिल्ली समेत 15 शहरों में मंगलवार को पहुंच गई। पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से सुबह 5:45 बजे टीके की 56.5 लाख खुराक के 478 डिब्बे तीन ट्रकों में हवाई अड्डे पहुंचाए गए।
यहां से इन्हें 13 अलग-अलग शहरों में पहुंचाया गया। सभी शहरों में ग्रीन कॉरिडोर की मदद से टीके को भंडारण कक्ष तक ले जाया गया। अब यहां से इन्हें ब्लॉक और जिला स्तर पर सड़क मार्ग से पहुंचाया जाएगा। देशवासियों को कोरोना मुक्त करने के लिए 16 जनवरी से टीकाकरण का पहला चरण शुरू होना है।
सीरम इंस्टीट्यूट से रवाना करने के पहले टीके की खुराकों की पूजा कर देश को कोरोना मुक्त करने की प्रार्थना की गई। ट्रक से हवाई अड्डे पहुंचे डिब्बों को उड्डयन मंत्रालय की ओर से एयर इंडिया, स्पाइस जेट, इंडिगो और गो एयर के नौ विमान से 13 शहरों के लिए रवाना किया गया।
इनमें दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, गुवाहाटी, शिलांग, अहमदाबाद, हैदराबाद, विजयवाड़ा, भुवनेश्वर, पटना, बंगलूरू, लखनऊ और चंडीगढ़ शामिल हैं। इन शहरों के हवाईअड्डों से टीके के डिब्बों को पुलिस सुरक्षा में केंद्र सरकार के भंडारण कक्ष तक पहुंचाया गया। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंची खेप का आधा हिस्सा राजीव गांधी सुपर स्पेशियल्टी अस्पताल स्थित भंडारण कक्ष में जबकि आधा हिस्सा करनाल भेजा गया। वहीं मुंबई के लिए खुराक के डिब्बों को सड़क मार्ग से पहुंचाया गया।
स्वास्थ्य विभाग ने सीरम इंस्टीट्यूट के कोविशील्ड और भारत बायोटेक के कोवाक्सिन टीके को आपातकालीन स्थिति में इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। सरकार ने दोनों ही कंपनियों को करीब छह करोड़ खुराक का ऑर्डर सोमवार को दिया था, कोविशील्ड की 56 लाख खुराक अब तक पहुंच चुकी हैं। हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कंपनी की ओर से भी कोवैक्सीन की पहली खेप राज्यों तक पहुंचाने की तैयारी शुरू हो चुकी है।
पहली खेप के तहत करीब 35 लाख डोज उपलब्ध कराई जाएंगी। पहले चरण में सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों और सुरक्षा जवानों को टीका दिया जाएगा। सरकार ने इस महीने के आखिरी तक तीन करोड़ लोगों को टीके की खुराक देने की योजना बनाई है। कोविशील्ड और कोवाक्सिन दोनों ही टीका की दो-दो डोज लेना अनिवार्य है।
सर्वे सन्तु निरामया..
टीका के हर डिब्बे लिखा गया है ‘सर्वे सन्तु निरामया’ यानी सबके रोगमुक्त रहने की कामना। इस पर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने कहा, प्राचीन भारतीय परंपरा को आगे बढ़ाते हुए व प्रत्येक देशवासी को कोरोना से सुरक्षित रखने के लिए एएआई ने सभी डिब्बों पर स्वस्थ भारत की कामना के लिए यह प्रयास किया है। एएआई ने यहां तक बताया कि हर डिब्बे में 1200 वॉयल हैं। पांच एमएल की शीशी में 10 लोगों के लिए खुराक होगी।
सिर्फ पहले चरण में 10 करोड़ टीके की खुराक 200 रुपये में मिलेंगी
सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने मंगलवार को कहा, सिर्फ पहले 10 करोड़ खुराकों की कीमत ही 200 रुपये होगी। सरकार ने इसके लिए अनुरोध किया था और हम भी आम आदमी, गरीब और स्वास्थ्यकर्मियों की मदद करना चाहते थे, इसलिए सरकार की मांग मान ली। इसके बाद बाजार में टीके की एक खुराक 1000 रुपये में मिलेगी।
हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि अभी सरकार ने टीके को निजी बाजार में बेचने की मंजूरी नहीं दी है। उन्होंने साथ ही कहा, दुनिया के कई देशों ने टीके के लिए पीएम मोदी को लिखा है। हम सबको खुश करना चाहते हैं, लेकिन सबसे पहले अपने देशवासियों तक टीका पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका को टीका भेजने की भी तैयारी जारी है।
एतिहासिक क्षण…
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा कि ‘कोरोना रोकथाम के लिए कोविशील्ड टीके की पहली खेप का फैक्टरी से निकलना हमारे लिए ऐतिहासिक क्षण है। देश के हर व्यक्ति तक टीका पहुंचाना एक बड़ी चुनौती है और हमने 2021 में इस चुनौती को पूरा करने का ठान लिया है। अब देखना है कि क्या होता है।’