कोलकाता : अगले साल पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में भाजपा ने वहां अपनी जीत दर्ज करने के लिए कमर कस ली है। भाजपा से मिल रही कड़ी टक्कर के बीच ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने एक दिसंबर से बंगाल के लोगों को साधने के लिए अपने सबसे बड़े संपर्क अभियान की शुरुआत कर दी है। भाजपा ने इसे चुनावी स्टंट बताया है।
अभियान का नाम – ‘दुआरे-दुआरे पश्चिम बोंगो सरकार’
इस अभियान का नाम ‘दुआरे-दुआरे पश्चिम बोंगो सरकार’ (हर द्वार बंगाल सरकार) रखा है। इस अभियान के तहत पिछले दस सालों में सरकार द्वारा शुरू की गई नीतियों-योजनाओं और विकास के कार्यों को राज्य के लोगों तक पहुंचाया जाएगा और उनकी शिकायतें सुनी जाएंगी।
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ‘दुआरे सरकार’ अभियान के तहत लगभग एक दर्जन सरकारी कार्यक्रमों और उसके लाभार्थियों या फिर उन लोगों से जुड़ी शिकायतों को सुना जाएगा।
अभियान के तहत हर गांव में लगेंगे चार शिविर
इस अभियान के तहत एक दिसंबर से 29 जनवरी तक राज्य के 344 ब्लॉकों के हर गांव और नागरिक निकाय में कम से कम चार शिविर लगेंगे। इन शिविरों में लोगों को आने की अनुमति होगी और इस दौरान सरकारी अधिकारी मनरेगा, जॉब कार्ड, हेल्थ कार्ड, जाति प्रमाण पत्र सहित सरकारी सुविधाओं का इस्तेमाल करने में उनकी मदद करेंगे।
ममता सरकार ने पहले ही जिलाधिकारियों को यह निर्देश दे दिया है कि वह बांग्ला सहायता केंद्रों पर जोर दें। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने 3,400 केंद्रों में 6,800 से ज्यादा लोगों की तैनाती की है, जो लोगों की सरकारी सुविधाओं को लेकर मदद करेंगे।
भाजपा ने पूछा, सरकारी अभियान है या पार्टी का?
प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने राज्य सरकार के इस अभियान की आलोचना की है और इसे एक चुनावी स्टंट बताया है। उन्होंने कहा कि ये सरकारी कार्यक्रम है या चुनाव से पहले टीएमसी की ओर से शुरू किया गया एक संपर्क अभियान।