नई दिल्ली: दिल्ली में किसानों के उग्र प्रदर्शन के अराजक हो जाने के बाद हुई हिंसा में कम से कम 86 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। वहीं, कल किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस ने अब तक 15 प्राथमिकी दर्ज की हैं। इनमें से ईस्टर्न रेंज में 5 एफआईआर दर्ज की गई हैं। दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी ईश सिंघल ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने रैली के लिए निर्धारित शर्तों का उल्लंघन किया।
15 FIRs have been registered in connection with the violence during farmers' tractor rally yesterday. So far, 5 FIRs have been lodged in Eastern Range: Delhi Police Sources
— ANI (@ANI) January 27, 2021
उधर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हिंसा के पीछे कुछ असामाजिक तत्व थे जिनकी पहचान की जाएगी। ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के मामले में सात प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। लाल किले पर भारी सुरक्षा-व्यवस्था है। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात हैं। लाल किला मेट्रो स्टेशन के प्रवेश द्वार बंद कर दिए गए हैं। लाल किला स्टेशन पर प्रवेश निषेध है किंतु स्टेशन से बाहर आया जा सकता है। मेट्रो के अनुसार बाकी स्टेशन खुले हुए हैं औऱ सभी लाइनों पर सेवाएं सामान्य हैं।
सिंघल ने बताया कि किसानों ने निर्धारित समय से काफी पहले ही ट्रैक्टर रैली शुरू कर दी। उन्होंने हिंसा और तोड़फोड़ की। सिंघल ने कहा कि हमने वादे के अनुरूप सभी शर्तों का पालन किया और अपने सभी प्रयास किए, लेकिन प्रदर्शन में सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है। प्रदर्शन के दौरान कई पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं। संयुक्त पुलिस आयुक्त आलोक कुमार ने कहा कि किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान पुलिसकर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त प्रवक्ता अनिल मित्तल ने कहा कि झड़पों में कुल 86 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें लाल किला और पूर्वी जिले में हुई घटनाएं भी शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि अतिरिक्त डीसीपी (पूर्वी) मंजीत उस समय बाल-बाल बच गये जब कुछ किसानों ने उन्हें अपने ट्रैक्टर से धक्का मारने की कोशिश की लेकिन उन्हें कोई चोट नहीं आई। झड़पों के बाद पुलिसकर्मियों सहित घायलों को लोकनायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उनमें से कुछ को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दी गई। उनमें से अभी करीब 22 लोग भर्ती हैं जिनमें एक थाना प्रभारी (एसएचओ) और 10 अन्य पुलिसकर्मी शामिल हैं। चोटों के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने बताया कि इन लोगों के पैर और हाथ में फ्रैक्चर हैं तथा कटने के भी जख्म हैं।
लाठी-डंडा, तिरंगा और अपनी यूनियनों के झंडे लिए हजारों किसानों ने ट्रैक्टरों से अवरोधकों को तोड़ दिया। वे पुलिस से भिड़ गए और विभिन्न स्थानों से दिल्ली के भीतर घुस गए। आईटीओ पर लाठी-डंडा लिए सैकड़ों किसान पुलिस का पीछा करते देखे गए और उन्होंने वहां खड़ी बसों को अपने ट्रैक्टरों से टक्कर मारी। एक प्रदर्शनकारी की तब मौत हो गई जब उसका ट्रैक्टर पलट गया। आईटीओ युद्धक्षेत्र में तब्दील नजर आया। वहां सड़कों पर ईंट-पत्थर बिखरे नजर आए।
ट्रैक्टर परेड के मामले में सात प्राथमिकी दर्ज
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के मामले में सात प्राथमिकी दर्ज की हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पूर्वी जिले में तीन प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। द्वारका में तीन तथा शाहदरा जिले में एक मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि और प्राथमिकी दर्ज होने के आसार हैं।
इससे पहले दिन में, तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसानों ने पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया और पुलिस के साथ झड़प की, वाहनों में तोड़ फोड़ की और लाल किले पर धार्मिक झंडे फहरा दिये।
पुलिस ने बयान जारी कर बताया कि इस हिंसा में पुलिस के 86 जवान घायल हो गये हैं। हिंसा स्थल पर एक प्रदर्शनकारी का ट्रैक्टर पलट गया जिससे उसकी मौत हो गयी।
बयान में कहा गया है कि संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया गया था। प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड के संबंध में मोर्चा के साथ दिल्ली पुलिस की कई दौर की बैठक हुई थी ।
टिकैत ने कहा हिंसा के पीछे असामाजिक तत्व
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के पीछे कुछ असामाजिक तत्व थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस की ‘कार्रवाइयों’ के कारण कुछ असामाजिक तत्व परेड में शामिल हो गए और यह हिंसा का कारण बने।
टिकैत ने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने परेड के पहले से तय मार्गों के कुछ स्थानों पर गलत तरीके से बैरिकेड लगाए थे। यह जानबूझकर किसानों को बरगलाने के लिए किया गया था, इस वजह से ट्रैक्टरों पर किसान भटक गए। उन्होंने दावा किया कि इससे असामाजिक तत्वों को ट्रैक्टर परेड में प्रवेश का मौका मिला। उन्होंने कहा कि बीकेयू शांतिपूर्ण प्रदर्शन में विश्वास करता है और हिंसा के पीछे उपद्रवियों की पहचान करेगा।