किशोर महंत, कोरबा : नेशनल हाईवे 49बी पर हुए हादसे में एक युवक की मौत हो गई। उसे वजनी सामान से लदे हाईवा ने अपनी चपेट में लिया। हादसे के बाद काफी संख्या में लोग यहां आ जुटे। मामले की जानकारी मिलने पर दर्री और बालकोनगर की पुलिस को यहां लगाया गया। खबर लिखे जाने तक मृतक का शव रखने के साथ पांच लाख के मुआवजा की मांग लोग कर रहे थे।
तहसीलदार ने शुरुआती सहायता के रूप में 30 हजार रुपए प्रदान किये हैं।
कोरबा जिले में पंजीकृत हाइवा संख्या सीजी-12एएल-5853 को लेकर उसका चालक बालको नगर की तरफ जा रहा था। इस वाहन में भारी सामान लोड था। इसकी आपूर्ति बालको में की जानी थी। दर्री बरॉज के पास राजमाता सिंधिया तिराहे पहुंचने पर वाहन की चपेट में प्रमोद सिंह राजपूत राजू पिता संतोष सिंह राजपूत आ गया। मार्च से पहले वह स्थानीय स्तर पर काम कर रहा था और अपने परिवार के लिए आर्थिक संसाधन जुटा रहा था।
लॉकडाउन के कारण कामकाज छूट गया। ऐसे में क्या कुछ किया जाए, यह सोचते हुए उसने सीएसईबी के कोल हैंडलिंग प्लांट के पास अपने पिता की पान दुकान में सहयोग करना शुरू कर दिया। आज सुबह 10 बजे वह पानी लेने के लिए नहर की तरफ जा रहा था। इसी दरम्यान वाहन के संपर्क में आने से मौके पर ही उसकी मौत हो गई। आसपास के लोगों ने इस नजारे को देखा तो शोर मचाया। कुछ ही देर में यहां काफी संख्या में लोग इक्कट्ठे हो गए।
दो थानों की पुलिस ने मिल-जुलकर स्थिति को संभालने की कोशिश की।
इस बीच स्थानीय पुलिस को सूचना मिलने पर टीआई विजय चेलक और कर्मी यहां आए। इस समय तक स्थिति विकट हो चुकी थी। उच्चाधिकारियों को खबर मिलने पर बालकोनगर टीआई राकेश मिश्रा और पुलिस बल को यहां भेजा गया। दो थानों की पुलिस ने मिल-जुलकर स्थिति को संभालने की कोशिश की। शव रखकर प्रदर्शन कर रहे दर्री बस्ती के लोग मृत प्रमोद राजपूत के परिजनों को पांच लाख रुपए की सहायता राशि देने की मांग कर रहे हैं।
ऐसे मामलों में शुरुआती सहायता राशि प्रशासन के द्वारा अधिकतम 25 हजार रुपए दी जा सकती है।
जिस वाहन की ठोकर से उसकी मौत हुई, उसके मालिक के पास एकमात्र गाड़ी होने की जानकारी मिली है। प्रदर्शन के दो घंटे बाद तहसीलदार ने यहां उपस्थिति दर्ज कराई और संबंधित लोगों से बातचीत की। उन्हें बताया गया कि ऐसे मामलों में शुरुआती सहायता राशि प्रशासन के द्वारा अधिकतम 25 हजार रुपए दी जा सकती है। अन्य स्तर पर भी कोशिश हो सकती है। पुलिस ने विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले सामाजिकजनों से पहल की और संबंधित परिवार की आर्थिक कमजोरी का वास्ता देकर उन्हें सहायता के लिए तैयार किया। कहा जा रहा है कि फौरी तौर पर संयुक्त प्रयास से 50 हजार रुपए तक की व्यवस्ािा हो सकती है। प्रदर्शन को समाप्त कराने और शव का पंचनामा व पोस्टर्माम कराने पर जोर दिया जा रहा है ताकि अंतिम संस्कार किया जा सके। समाचार लिखे जाने तक प्रदर्शनकारी इस सुझाव को लेकर सहमत नहीं हुए।
हादसों का अंतहीन सिलसिला जारी
जिले में सडक़ हादसों को अंतहीन सिलसिला बना हुआ है। कभी यहां तो कभी वहां ऐसे हादसे हो रहे हैं जिनमें या तो जान जा रही है या लोगों की हड्डी-पसली टूट रही है। सामान्य मार्गों के साथ-साथ नेशनल हाईवे पर इस तरह के हालात काफी समय से बने हुए हैं। अधिकांश सडक़ें गड्ढों का पर्याय बन चुकी है। इन्हें भी दुर्घटनाओं के काफी हद तक जिम्मेदार माना जा रहा है।