अपने हर इक लफ़्ज़ का ख़ुद आईना हो जाऊँगा…. उसको ‘छोटा’ कह के मैं कैसे ‘बड़ा’ हो जाऊँगा…?

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )        

साल 2013 में मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार सत्ता में थी, उसने रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी को ‘जेड प्लस’ सुरक्षा देनी चाही तब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि….. ‘ऐसे व्यक्तियों को सुरक्षा क्यों प्रदान की जा रही है जबकिआम आदमी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है’आज 2022 में जेल से फरलो पर छूटे राम रहीम को मोदी सरकार ‘जेड प्लस’ सुरक्षा दे रही है, लेकिन सभी चुप हैँ।देश में इस वक्त मात्र 40 लोगों को ही जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की जा रही है।इस श्रेणी की सुरक्षा में 36 सुरक्षाकर्मी सेवा में तैनात किए जाते हैं. जिनमें एनएसजी के 10 कमांडोज भी शामिल होते हैं इन कमांडोज को अत्याधुनिक हथियारों के साथ तैनात किया जाता है. इसमें तीन घेरे में सुरक्षा की जाती है. पहले घेरे में एनएसजी सुरक्षा में लगाए जाते हैं, इसके बाद एसपीजी के अधिकारी तैनात किए जाते हैं और इसके साथ ही आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवान भी सुरक्षा में लगाए जाते हैँ…आप सोचकर देखिए कि ऐसी सुरक्षा एक ऐसे अपराधी को दी जा रही है जिसने रेप और मर्डर जैसे जघन्यअपराध किए हैं !…राम रहीम अपनी मृत्यु तक जेल में रहेगा उसे डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में उम्रकैद, पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या में उम्रकैद और अपने आश्रम में आने वाली श्रद्धालु लडकियों से बलात्कार करने के जुर्म में 20 साल जेल की सजा सुनाई जा चुकी है….
रेप के प्रकरण में फैसला देते वक्त सीबीआई अदालत के जज ने कहा था कि एक ऐसे व्यक्ति को नरमी पाने का कोई हक नहीं है जिसे न तो इंसानियत की चिंता है और न ही उसके स्वभाव में दया-करूणा का कोई भाव है. उन्होंने कहा कि किसी धार्मिक संगठन की अगुवाई कर रहे व्यक्ति की ओर से किए गए ऐसे आपराधिक कृत्य से देश में सदियों से मौजूद धार्मिक संस्थाओं की छवि धूमिल होना तय है.मात्र अपने राजनीतिक हित साधने के सत्ताधारी दल ने ऐसे अपराधी को जेल से निकालते ही जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा देती हैं, ताकि वह अपने अनुयायियों को वोट देने की अपील कर दे….?हरियाणा की बीजेपी सरकार कहती है कि राम रहीम कट्टर अपराधी नहीं है अगर दो – दो मर्डर और रेप का आरोपी कट्टर अपराधी नही है तो कट्टर अपराधी आप किसे कहेंगे….?

आपराधिक पृष्ठभूमि
और नेता……..        

सिंगापुर की संसद में लोकतंत्र पर चर्चा हो रही थी, इस चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने भारत में लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना के लिए नेहरू की तारीफ़ की और भारत में लोकतंत्र की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताते हुए हुए कहा कि, ‘नेहरू का भारत अब ऐसा बन गया है, जहां मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लोकसभा के आधे से अधिक सांसदों के खिलाफ रेप, हत्‍या जैसे आरोपों सहित आपराधिक मामले लंबित हैं….इस बात का मोदी सरकार को इतना बुरा लगा कि भारत के विदेश मंत्रालय ने सिंगापुर के उच्‍चायुक्‍त तलब किया और कहा कि ली सीन लूंग की टिप्पणी अनावश्यक थी….. लेकिन ली सीन लूंग सच ही तो कह रहे हैं…भारत में पिछले तीन चार दशकों में राजनीति के अपराधीकरण की प्रवृति तेजी से बढ़ रही है सन
2004 में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले सांसदों की संख्या 128 थी जो वर्ष 2009 में 162, 2014 में 185 और वर्ष 2019 में बढ़कर 233 हो गई।2004 से 2019 तक आपराधिक छवि वाले सदस्यों की लोकसभा में मौजूदगी 44 फीसदी बढ़ गई थी। इसी तरह, गंभीर आपराधिक मामलों में मुकदमों का सामना करने वाले सांसदों, विधायको की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है,देश में कुल सांसद विधायको पर दिसम्बर 2018 मे 4,122 आपराधिक मुकदमे चल रहे थे वह बढकर सितंबर 2020 में 4,859 तक पहुँच गए हैं 2019 के लोकसभा चुनाव में चुनकर आए सांसदों में से 233 पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से सबसे अधिक सांसद भाजपा के टिकट पर चुनकर संसद पहुंचे हैं। भाजपा के चुनकर आए कुल 116 सांसदों पर, आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमे दर्ज है और कांग्रेस के 29 सांसदों पर आपराधिक मामले चल रहे हैं। वैसे पीएम मोदी ने कुछ वर्ष पहले लालकिले से घोषणा की थी कि राजनीति से अपराधियों का वे धीरे-धीरे सफाया करेंगे….। भारतीय राजनीति को साफ करने का फैसला करने की बात वे करते हैँ ….पर आज क्या स्थिति है हम सब जानते है एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफाम्स के अनुसार 2022 के उप्र के विस चुनाव में भी बड़ी संख्या में आपराधिक पृष्ठ भूमि वाले उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं….!

कका’ और ‘साहब’
का नया लुक…..      

छ्ग के सीएम भाई भूपेश बघेल छ्ग में लोगों के बेहतर भविष्य के लिए योजनाओं को अम्लीजामा पहना रहे हैं तो बीच बीच में यूपी में कॉंग्रेस के लिए प्रचार करने भी चले जाते हैं उसी के बीच रेसलिंग का भी आनंद ले लेते हैँ…?     
राजधानी रायपुर में नेशनल सुपर क्रास बाईक रेसिंग चैंपियनशिप 2022 होने जा रही हैं और इस बाइक रेसिंग से पहले सीएम अपने निवास पर बेफिक्री से बाइक राइडिंग का मजा लिया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की रेड टी शर्ट, ब्लेक जैकेट, गागल और हेलमेट लगाकर स्पोट्र्स बाइक पर निकलने वाले एक वीडियो भी चर्चा में है.. मतलब कका अभी भी रेस के लिए तैयार है…..!इधर लगातार नौकरशाही को सक्रिय करने लम्बी लम्बी बैठक लेने वाले छ्ग के मुख्य सचिव अभिताभ जैन का भी एक नया लुक सामने आया है…( वैसे उनकी फोटो कम ही दिखाई देती है) हाल मे नये लुक में वे किसी जलप्रपात के पास बिंदास दिखाई दे रहे हैं…बस अब तो पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा के नये लुक का इंतजार है…..

राज्यसभा में जाना
चाहते हैँ डॉ महंत…      

छ्ग में जून माह में होने वाले राज्य सभा चुनाव में कांग्रेस को रिक्त हो रही दोनों सीटों पर जीत मिलना तय है। कांग्रेस की छाया वर्मा( पिछड़ा वर्ग )तथा भाजपा के राम विचार नेताम( आदिवासी वर्ग )के पद रिक्त हो रहे हैँ। कांग्रेस ने पिछले रास चुनाव में आदिवासी वर्ग से फूलोदेवी नेताम को भेजा है। वहीं अल्पसंख्यक वर्ग से के सी तुलसी को भी मौका दिया है। इसलिए यदि कबीरपंथी, सामान्य वर्ग से किसी को प्रत्याशी बनाया जाता है तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। 11बार लोकसभा/विधानसभा चुनाव लड़ चुके छ्ग विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सार्वजनिक रूप से राज्यसभा जाने की इच्छा जताई है। छग में राज्यसभा की दो सीटों के लिए इस साल जून में चुनाव होना है।कोरिया जिले में प्रेस से चर्चा के दौरान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा, अब वे राज्यसभा जाना चाहते हैं। सीएम और हाईकमान का निर्देश होगा तो राज्यसभा में चयन होगा। मैंने अपनी इच्छा जता दिया है। जताता भी रहूंगा। डॉ. महंत ने कहा, “मैं विधानसभा और लोकसभा जा चुका हूं। 11 बार चुनाव लड़ चुका हूं। ऐसे में राज्यसभा में एक बार सेवा करना चाहता हूं। यह मैं आज करूं या पांच साल बाद करूं यह अलग बात है।’ महंत की यह चाह तब सार्वजनिक हो रही है जब कांग्रेस में राज्यसभा चुनाव के दावेदारों की लॉबिंग बढ़ रही है। बताया जा रहा है कि राज्यसभा में कांग्रेस विधानसभा में कांग्रेस के 70 विधायक हैं। ऐसे में दोनों सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों की जीत तय मानी जा रही है।वैसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम कह चुके हैँ कि रास प्रत्याशी हाईकमान को तय करना है। वैसे राजनीतिक जानकर कहते हैँ कि सीऍम के दावेदार टी एस बाबा अगले विस चुनाव में करीब 70 साल के हो जाएँगे और डॉ चरणदास रास में चले गये तो भूपेश को अगले चुनाव के बाद चुनौती देने वाला ही नहीं बचेगा……!क्योंकि ताम्रध्वज साहू पहले ही दौड़ से बाहर हो चुके हैं। हाल ही में उनसे कांग्रेस के राष्ट्रीय ओबीसी अध्यक्ष पद से इस्तीफा ले लिया गया है। बहरहाल रास चुनाव को लेकर बाहरी /स्थानीय का मुद्दा भी अभी से चर्चा में है…..!

डीजीपी का रायगढ़
कनेक्शन….

मप्र के डीजी पी विवेक जौहरी( 4मार्च को सेवानिवृत ) तो आईपीएस के प्रारंभिक दौर में रायपुर में एडीशनल एसपी का कार्यभार सम्हाल चुके हैं तो नवनियुक्त डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना अविभाजित मप्र के समय रायगढ़ जिले में एसपी रह चुके हैं। रायगढ़ में सुधीर सक्सेना 16 नवम्बर 92 से 23अप्रेल 93तक एसपी रह चुके हैं तो छ्ग के पूर्व डीजीपी दुर्गेश माधव अवस्थी ने सुधीर के बाद रायगढ़ एसपी का कार्य सम्हाला था।ये 14अप्रेल 95तक वहाँ पदस्थ रहे। छ्ग के मौजूदा डीजीपी अशोक जुनेजा भी छ्ग राज्य बनने के बाद 17सितम्बर 01से 2जनवरी 2002तक रायगढ़ में एस पी के रूप में पदस्थ रहे…. इस हिसाब से डी जी पी का रायगढ़ कनेक्शन रहा है… वैसे रायगढ़ में पदस्थ रहे एसपी संजीव शुक्ला, संतोष सिंह, राजेश अग्रवाल आदि ख़ुश तो हो ही सकते हैँ कि वे जहाँ एस पी रहें हैँ वहाँ पदस्थ उनके वरिष्ठ डीजीपी बन चुके हैं…..!

यूक्रेन और डाक्टरी की पढ़ाई…..

रूस और यूक्रेन के युद्ध के कारण छत्तीसगढ़ में भी तनाव और चिंता का माहौल है. यहां के कुछ छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं। कुछ लौट भी चुके हैँ।कर्नाटक के एक छात्र नवीन शेखरप्पा की मौत भी हो गईं है।वैसे युक्रेन में ज्यादातर फंसे भारतीयों में वहां पढ़ाई के लिए पहुंचे छात्र हैं।छात्र और उनके परिजन जहां चिंतित है वहीं पढ़ाई के लिए यूक्रेन ही जाने का राज भी सामने आ रहा है.दुनिया की टॉप क्लास मेडिकल यूनिवर्सिटी अमेेरिका और ब्रिटेन में है लेकिन ऍमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए इन दोनों देशों की बजाए कई प्रदेशों से बड़ी संख्या में छात्र यूक्रेन जाते हैं. एक्सपर्ट बताते हैं कि दरअसल वहां ऍमबीबीएस के लिए प्रवेश बहुत आसानी से मिल जाता है. नीट पास कर लेने पर ही यूक्रेन में प्रवेश मिल जाता है फिर भले ही छात्र की रैंक कुछ भी हो.हालांकि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यूक्रेन में ऍमबीबीएस की फीस बहुत कम है. देश में सामान्यत: 60 लाख से 1करोड़ खर्च होते हैं जबकि यूक्रेन में महज 25/30 लाख रुपए में ही पढ़ाई, रहने के खर्च सहित मेडिकल की पढ़ाई हो जाती है। भारत से हवाई जहाज से यूक्रेन आने जाने में भी महज 6 घंटे लगते हैं और फ्लाइट का किराया भी बहुत ज्यादा नहीं है. इस तरह देश की तुलना में करीब 40 या 50% कम खर्च में यहां डाक्टरी की पढ़ाई पूरी हो जाती है.

और अब बस…

Oछत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट में केवल 13 बैठकों में विधायकों ने करीब 1523 सवाल लगाए हैं।
0झीरम घाटी नक्सली हत्या मामले की जाँच के लिए अब छ्ग सरकार को फ्री हेंड मिल गया है।
0 डीएसपी से एडिशनल एसपी की पदोन्नति सूची भी जल्दी ही आ सकती है।
0 सट्टा बाजार में उप्र में भाजपा, उत्तराखंड में कॉंग्रेस, गोवा में कांग्रेस तथा पंजाब में त्रिशंकु सरकार बनने की चर्चा तेज है। (4 मार्च 22)

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