शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )
भीलनी शबरी ने शंका की कि “राम!यदि रावण का अंत नहीं करना होता तो तुम यहाँ क्यों आते..?” राम गंभीर हुये,उत्तर दिया “भ्रम में न पड़ो माँ..!राम क्या रावण का वध करने आया है?अरे रावण का वध तो मेरा लक्ष्मण अपने पैर से बाण चला कर सकता है..! राम हजारों कोस चल कर इस गहन वन में आया है तो केवल और केवल तुमसे मिलने आया है माता!ताकि हजारों वर्षों बाद जब कोई पाखण्डी भारत के अस्तित्व पर प्रश्न करे तो इतिहास चिल्ला कर उत्तर दे कि इस राष्ट्र को क्षत्रिय राम और उसकी भीलनी माँ ने मिल कर गढ़ा था…।जब कोई भारत की परम्पराओं पर उँगली उठाये तो काल उसका गला पकड़ कर कहे कि नहीं!यह एकमात्र ऐसी सभ्यता है जहाँ एक राज पुत्र वन में प्रतीक्षा करती एक दरिद्र वनवासिनी से भेंट करने के लिए चौदह वर्ष का वनवास स्वीकार करता है…। राम वन में बस इसलिये आया है ताकि जब युगों का ‘इतिहास’ लिखा जाय तो उसमें अंकित हो कि सत्ता जब पैदल चल कर समाज के अंतिमव्यक्ति तक पहुँचे तभी ‘रामराज्य’ है।राम वन में इसलियेआया है ताकि भविष्य स्मरण रखे कि सच्ची प्रतिक्षाएँ अवश्य पूरी होती हैं।शबरी एकटक अपने राम को निहारती रहीं।राम ने फिर कहा-“राम की वन यात्रा रावण युद्ध के लिए नहीं है माता! राम की यात्रा प्रारंभ हुई है भविष्य के लिये आदर्श की स्थापना के लिए…।राम आया है ताकि भारत को बता सके किअन्याय काअंत करना ही धर्म है lराम आया है ताकि युगों को सीख दे सके कि विदेश में बैठे शत्रु की समाप्ति के लिए आवश्यक है कि देश में बैठी उसकी समर्थक सूर्पणखाओं की नाक काटी जाय और खर-दूषणोँ का घमंड तोड़ा जाय… और राम आया है ताकि युगों को बता सके कि रावणों से युद्ध केवल राम की शक्ति से नहींबल्कि वन में बैठी शबरी के आशीर्वाद से जीते जाते हैं……।”शबरी की आँखों में जल भर आया था।उसने बात बदलकर कहा”कन्द खाओगे राम….?’राम मुस्कुराये ‘बिना खाये जाऊंगाभी नहीं अम्मा… (वर्तमान राजनीति से इसका कोई सम्बन्ध नहीं है)
पावरफुल अफसर…. 2आईएएस,1आईपीएस
छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार में फिलहाल 2आईएएस दयानन्द पांडे,वसव राजू एवं एक आईपीएस मयंक श्रीवा स्तव पावरफूल बनकर उभरे हैं।पिछली सरकार में राजू को छोड़कर दोनों अफसर लूप लाईन में थे।दयानन्द तो एक मंत्री के टारगेट में थे तो झिरमघाटी के समय सुकमा एसपी रहे मयंक तो कुछ सालों से लूप लाईन में ही थे।सेक्रेटरी टू सीएम बनेआईएएस पी. दयानंद को भूपेश सरकार के मंत्री ने धमकी दी थी की ‘मेरे टारगेट में है’।2006 बैच के आईएएस दयानन्द को बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए उन्हें सेक्रेटरी टू सीएम बनाया गया है।पी.दयानंद पिछली कांग्रेस की सरकार में लूप लाइन पर भेज दिए गए थे।नई सरकार में वह अब सबसे पावरफुल अफसर के तौर पर काम करने के लिए तैयार हैँ।पी दयानंद बिहार के रहने वाले है।छ्ग में वह चार जिलों में कलेक्टरी का भी अनुभव रखते हैँ ।उन्होंने बस्तर क्षेत्र में तैनाती के दौरान समग्र शिक्षा के क्षेत्र में कई काम भी किये है।पिछली बार सरकार बदली थी तब वह कोरबा,बिलासपुर के कलेक्टर थे।जिसके बाद उन्हें प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा बना दिया गया।इसके बाद वह वापसी नहीं कर पाएं।इसकी वजह थी पिछली सरकार में राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री और कोरबा विधायक रहे जयसिंह अग्रवाल के साथ उनकी अनबन….?सीएम सचिवालय में दूसरे आईएएस की नियुक्ति की गई है। 2007 बैच के आईएएस बसव राजू सीएम टू सेकरेट्री बनाये गये हैं।बसव एस राजू सेक्रेटरी टू सीएम के साथ सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग,सचिव नगरीय प्रशासन विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।इधर भूपेश सरकार की तर्ज पर ही जनसम्पर्क विभाग के मुखिया एक आईपीएस को बनाया गया है।यह बात और है की पिछली सरकार में यह जिम्मेदारी एडीजी दीपांशु काबरा को दी गई थी तो इस सरकार ने डीआईजी स्तर के अधिकारी को सौँपी है।मयंक श्रीवास्तव 2006 बैच के आईपीएस हैंउन्होंने प्रशिक्षण नारायणपुर बस्तर में प्राप्त किया।अधिकांश समय वहीं पदस्थ रहें।वर्ष 2013 में हुए झीरम घाटी कांड के समय सुकमा के एसपी थे।घटना के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद उन्हें राजभवन में पदस्थापना दी गई।वे राज्यपाल के परि सहायक रहे।वहां से उन्हें स्थानांतरित कर दुर्ग जिले की कमान सौंपी गई है।मूलत:उप्र के रहने वाले मयंक जल्दी ही आईजी बन सकते हैं।
पुलिस विभाग की
तबादला सूची अटकी…
विष्णुदेव साय सरकार ने 89आईएएस की जम्बो सूची जारी कर 19 जिलों के कलेक्टरों को बदल दिया है।पर पुलिस में तबादला सूची न जाने क्यों अटक गई है?चर्चा तो यहीं है कि कई बड़े अफसरों से जिलों के एसपी तक बदले जा रहे हैं।तेजतरार गृहमंत्री विजय शर्मा स्वयं कवर्धा में झंडा विवाद में पुलिस के व्यवहार के भुक्तभोगी हैं,वे दो बैठक पुलिस के आला अफसरों की ले चुके हैं। वैसे गुप्तचर शाखा के प्रमुख सहित करीब 10 एसपी के बदलने की चर्चा है तो आईजी भी बदले जा सकते हैं पर कब….? सूत्र कहते हैं कि पीएम मोदी के डीजीपी कॉन्फ्रेंस में अधिकारियोँ को बदले जाने की जगह उन्हीं से काम लेने के उदगार के बाद छ्ग में नये सिरे से विचार हो रहा है।30/35 आईपीएस के तबादले की सूची कभी भी आ सकती है?
बस्तरिया हैं नये
महाधिवक्ता भारत ….
नवनियुक्ति महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत मूलत:बस्तर जगदलपुर के रहने वाले हैं। विधि की डिग्री लेने के बाद जबलपुर हाईकोर्ट से वकालत प्रारंभ की। पांच साल तक जबलपुर हाई कोर्ट में वकालत करते रहे।इसी बीच छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की स्थापना हुई,बाद वे जबलपुर से बिलासपुर आ गए।यहां वकालत प्रारंभ की।महाधिवक्ता रविंद्र श्रीवास्तव के कार्य काल में पहले पैनल लायर बने फिर अतिरिक्त महा धिवक्ता के पद पर कार्य प्रारंभ किया।राज्य में सत्ता परिवर्तन के साथ ही महा धिवक्ता व अन्य विधि अधिकारियों के साथ ही इन्होंने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद निजी वकालत करते रहे।
और अब बस….
0क्या अजीत जोगी की पार्टी भाजपा में मर्ज हो जाएगी?
0छ्ग सरकार का कौन मंत्री मोदी-शाह के सतत संपर्क में हैं?
0परिवहन विभाग का मुखिया कोई आईएएस बनेगा या आईपीएस?