रायपुर। तमिलनाडु के मदुरै शहर में “सामाजिक अर्थव्यवस्था उन्नयन “ के विषय पर कार्यशाला में छत्तीसगढ़ की टीम ने भागीदारी की . इसका आयोजन ‘वालिंट्री एसोसिएशन फ़ॉर पीपल सर्विसेज़ ‘और ‘ ग्रीनफेम ‘ तमिलनाडु ने किया । वालिंट्री एसोसिएशन फ़ॉर पीपल सर्विसेज़ के संस्थापक अरूल और ग्रीन फ़ेम के ईलामथी ने इस कार्यशाला को संचालित किया। दिल्ली स्कूल ऑफ सोशल सांईस और आई आई एम की विज़िटिंग फ़ैकल्टी लक्ष्मी मेमन ने कार्यशाला का उद्घाटन करते हुये कहा कि आधुनिक अर्थव्यवस्था में देश के गरीब और निचले तबके के लिये कोई स्थान नहीं है। सामाजिक , नैतिक और सर्वभौमिक मुल्य को दरकिनार करके सिर्फ़ लाभ कमाने की नीति ने दुनिया में विसंगतियों को बढ़ावा दिया है. सबको इसकी जानकारी और समझ विकसित करने के लिये इस प्रकार के प्रयासों की ज़रूरत है। सिर्फ़ बौद्धिक चर्चा के बजाय अहिंसक अर्थव्यवस्था के लिये किये गये कार्यों का पुरे देशभर में क्रियान्विन ज़रूरी है। छत्तीसगढ़ से आये हुए प्योर और दोस्त सामाजिक संस्था के संस्थापक डॉ सत्यजीत साहू ने छत्तीसगढ़ की परिस्थितियों के संदर्भ में किये जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी । डॉ सत्यजीत ने कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास के लिये छत्तीसगढ़ माडल के ज़िक्र करते हुये कहा कि इसके प्रभावों का अध्ययन किया जाना देश के लिये ज़रूरी है। छत्तीसगढ़ के सुनील शर्मा ने ग्रीनफैम के द्वारा आधुनिक टेक्नोलॉजी के साथ महिलाओं के विकास के लिये किये गये कार्यों की सराहना की. एडवोकेट संतोष ठाकुर ने विभिन्न कानुन के बारे में बताया जिससे महिलाओं को अपने अधिकारों की जानकारी हुई। टीम ने मदुरई के यलोबैग संस्था के केंद्र का भ्रमण किया और वेगनई नदी के किनारे बसे गरीब बस्तियों में किये सशक्तिकरण और शिक्षा के लिये प्रयोगों का अध्ययन किया। अरुल और ईलामथी तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों में अहिंसक अर्थव्यवस्था के कई आयामों पर कार्य कर रहे हैं।