भाजपा के धरने से कार्यकर्ताओं ने बनाई दूरी, एक गुट विशेष को फिर दिया झटका

रायपुर। टूलकिट मामले में भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं ने विरोध में पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन किया है। गौर हो कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के खिलाफ कांग्रेस द्वारा एफआईआर कराई गई है। इसके विरोध में प्रदेश भर में सभी प्रमुख नेता और कार्यकर्त्ता अपने – अपने निवास के समक्ष धरने पर बैठेना तय किया था। कुछ जगह ये हुआ भी लेकिन बीजेपी का ये तय धरना गुटबाजी की भेंट चढ़ गया। इसबार इसमें पूरे प्रदेश के कई कार्यकताओं ने खुद को ये कहते हुए अलग कर लिया कि जब उन्होंने सरकार के खिलाफ विरोध किया और उनपर मामले दर्ज हुए तो बड़े नेताओं ने किनारा कर लिया था ऐसा कई बार हुआ। अब जब बड़े नेता पर बात आई है तो सबको विरोध करने की लिए कहा जा रहा है। बीजेपी के अंदर एक गुट विशेष के अधिकार होने को लेकर पहले भी विरोध के स्वर मुखर हुए हैं ऐसे में एक बार फिर जिस तरह से कार्यकर्ताओं ने दूरियां बनाई हैं उससे आपसी एकता की पोल खुल गई है। इस पूरे धरने में देखा जाए तो साफ नजर आ रहा है कि प्रमुख नेताओं ने सिर्फ औपचारिकता निभाई , इससे उनके कार्यकर्ता व बीजेपी समर्पित दूर ही रहे। आपको बता दें कि 21 मई को जब प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रदेश के किसानों को राजीव गाँधी किसान न्याय योजना के तहत राशि की किश्त प्रेषित कर रहे थे, ठीक उसी वक़्त प्रदेश भर में भाजपा द्वारा धरना प्रदर्शन किया जा रहा था।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के मौलश्री विहार स्थित निवास पर उनके साथ पूर्व मंत्री राजेश मूणत और कुछ अन्य प्रमुख नेताओं ने धरना दिया, वहीं विधायक बृजमोहन अग्रवाल के निवास पर सांसद सुनील सोनी, पूर्व विधायक देवजी भाई पटेल धरने पर बैठे। उधर भाजपा के रायपुर जिलाध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी कुछ कार्यकर्ताओं के साथ एकात्म परिसर में धरना देते नजर आए।

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