रायपुर। आरटीआई कार्यकर्ता और काँग्रेस पार्टी के नेता संजीव अग्रवाल ने रसोई गैस सिलेंडर के दामों में वृद्धि और पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों पर चिंता जताते हुए कहा है कि आज देश में पेट्रोलियम पदार्थों की वृद्धि के कारण आम जनता के किचन का बजट बिगड़ चुका है। एक तरफ देश में आर्थिक मंदी छाई हुई है, दूसरी ओर कोरोनावायरस के देशव्यापी असर ने काम धंधा को पूर्ण रूप से चौपट कर दिया है। देश एक बड़ी विपत्ति का सामना कर रहा है। ऐसे में यह केंद्र सरकार की ज़िम्मेदारी बनती है कि आम लोगों को सीधे तौर पर आर्थिक लाभ पहुँचाया जाए जैसा बहुत से देशों में हुआ है और हाल ही में अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी किया है जिसके कारण वहां प्रत्येक व्यक्ति के खाते में लगभग ₹30000 जमा हुए हैं। लेकिन भारत में दृश्य कुछ और ही है। यहाँ पर आर्थिक सहायता के नाम पर केवल घोषणाएँ की जाती हैं जो बाद में जुमला साबित होती हैं।
संजीव अग्रवाल ने कहा कि यूपीए के शासनकाल में जब यही रसोई गैस का सिलेंडर लगभग ₹400 के करीब था तो भारतीय जनता पार्टी के नेता सड़क पर आकर छाती पीटते थे और तत्कालीन सरकार को पानी पी पी के कोसते थे और जनता के हितैषी बनने का झूठा आडंबर करते थे। लेकिन आज जब 6 साल से मोदी सरकार सत्ता में है तो भारतीय जनता पार्टी के लोग डीज़ल, पेट्रोल और रसोई गैस की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर कोई टिप्पणी भी करना पसंद नहीं करते। आज उन्हें जनता का दुख दर्द समझ में नहीं आ रहा है। यही है भारतीय जनता पार्टी के असली चाल, चरित्र और चेहरे का आवरण। यह लोग केवल सत्ता के भूखे हैं और सत्ता पाने के लिए आम जनता को झूठे वादे करते हैं ताकि इनकी इनकी बातों में आकर जनता इन्हें वोट करें और यह सत्ता में बने रहें।
संजीव अग्रवाल ने कहा कि आज रसोई गैस की कीमत लगभग ₹800 के करीब पहुंच गई हैं। डीज़ल, पेट्रोल ₹90/लीटर के आसपास पहुंच गया है लेकिन मोदी सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रहा है, क्योंकि यह सरकार आम आदमी की सरकार नहीं है बल्कि यह सरकार पूंजीपतियों की सरकार है।