बेमेतरा बारूद फैक्ट्री हादसे मे मृतक परिवार को एक करोड़ मुआवजा एक सदस्य को नौकरी दी जाये – डॉ महंत
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने बेमेतरा के ग्राम-बोरसी स्थित स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड में 25 मई 2024 को हुए ब्लास्ट की घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड में जो ब्लास्ट हुआ वह पूरी तरह से घोर लापरवाही का नतीजा है, राज्य सरकार की लापरवाही के कारण यह दुर्घटना हुई है। यदि इन्डस्ट्रीयल हेल्थ एंड सेफ्टी अधिकारियों के द्वारा बारूद कारखाना में मापदण्डों का पालन सुनिश्चित किया गया होता तो यह दुर्घटना नहीं होती, परंतु यह दुर्भाग्य पूर्ण है कि, मुख्यमंत्री एवं श्रम मंत्री को अपने उत्तरदायित्वों का अहसास ही नही और वे कुंभकर्णी निंद्रा में हैं। उनके पास दुर्घटना स्थल पर जाने और मृतकों के परिजनों को सांत्वना के दो शब्द बोलने का समय भी नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष डॉ महंत ने पीड़ित परिवार के जवीकोपार्जन के लिए मांग कि है, की, मेसर्स स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड प्रबंधक के द्वारा मृतकों के परिजनों को एक एक करोड़ का मुआवजा दें एवं राज्य सरकार मृतक परिवार के एक सदस्य को नौकरी दें। नेता प्रतिपक्ष डॉ महंत ने कहा की,घटना के चार दिन बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं होने से यह स्पष्ट हो रहा है कि राज्य सरकार दोषियों को बचाना चाह रही है। यह आपराधिक लापरवाही का मामला है इसलिए एफआईआर तत्काल होना चाहिए। कारखाना अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार किसी भी कारखाने में किसी भी प्रकार की दुर्घटना, या जनहानि होने पर ऑक्यूपायर और मैनेजर ये दो पदाधिकारी प्रथम दृष्टया दोषी होते ही है। अतः अब और विलम्ब नहीं करके तत्काल एफआईआर किया जाए, ऑक्यूपायर तथा मैनेजर को गिरफ्तार किया जाए और एस.आई.टी. गठित करके विवेचना प्रारंभ की जाए।
नेता प्रतिपक्ष डॉ महंत ने कहा कि, मेरे केंद्रीय राज्य मंत्री कार्यकाल के दौरान ही वर्ष 2011-12 मे पेट्रोलियम एक्सपलोसीव सेफ्टी ऑर्गनाइजेसन का क्षेत्रीय कार्यालय छत्तीसगढ़ कि राजधानी रायपुर अवंती विहार मे शुभारंभ किया गया था। राज्य सरकार पेट्रोलियम एक्सपलोसीव सेफ्टी ऑर्गनाइगेसन जो कि पूर्व मे विस्फोटक विभाग के नाम से जाना जाता था, के द्वारा स्थापित सुरक्षा मापदंडो ( एसओपी ) कि पूर्ण समीक्षा एक्सपर्ट कमेटी के द्वारा सुनिश्चित करें। स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड सहित छत्तीसगढ़ मे सभी कारखानों को बंद किया जाए एवं सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाओं की सघन जांच की जाए।