विशाल यादव , भोपाल। सरकार गिरने के बाद कांग्रेस उपचुनाव की तैयारी कर रही है। लेकिन इस दौरान वो अपने पुराने औऱ मजबूत कार्यकर्ताओं को भी भूला रही है। बात सांवेर की करें तो यहां के लिए कभी कांग्रेस में रहे प्रेमचंद गुड्डू को पार्टी में वापसी कराई जा रही है। हांलाकि कांग्रेस में इसे लेकर दो फाड़ हैं एक वर्ग नहीं चाहता है कि गुड्डू और उनके बेटे अजीत बोरासी को कांग्रेस में प्रवेश के बाद सांवेर से टिकट दिया जाए। बल्कि फिर से निष्ठा साबित करने के लिए एक सामान्य कार्यकर्ता की तरह उपचुनाव में मदद कराइ जाए। अभय वर्मा या जयकिशन बोरासी क्यों नहीं ? कांग्रेस सांवेर में उपचुनाव के लिए गुड्डू और उनके बेटे की वापसी करा रही है। कार्यकर्ताओं में ही चर्चा है कि टिकट के लिए बीजेपी में जाने वालों को कांग्रेस जैसी पार्टी वापसी कराके टिकट देना कार्यकर्ताओं के उत्साह को कुचलने का काम है। सांवेर विधानसभा चुनाव के लिए सबसे कम उम्र में इंदौर नगर निगम में नेताप्रतिपक्ष रहे अभय वर्मा या प्रेमचंद गुड्डू के ही छोटे भाई जयकिशन बोरासी को टिकट दे दिया जाए। गुड्डू के कांग्रेसी होने की परीक्षा भी हो जाएगी औऱ सांवेर में उनकी ताकत भी दिख जाएगी। इन दो नामों के अलावा भी सांवेर में लोकल कार्यकर्ता भी हैं उनके नाम पर विचार करें। गुड्डू के प्रवेश से नया विवाद इंदौर की कांग्रेस में जन्म ले रहा है। अवसरवादी नेताओं के खिलाफ की तैैयारी होने लगी है। ये बड़ा रूप लेगी तो गुड्डू की राजनीति पर असर पड़ेगा। आपको बता दें कि जयकिशन बोरासी ने कभी कांग्रेस को नहीं छोड़ा ।