यकीन कीजिये किस पर, यकीन में क्या है….. मुझे पता है मेरी आस्तीन, में क्या है….!

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार)   

छग में विष्णुदेव सरकार बने करीब 15 महीने हो चुके हैं पर मंत्रिमंडल में 2/3 पद अभी भी रिक्त हैं वहीँ हाल ही में 36निगम,मंडल,प्राधि करण में नियुक्ति हो चुकी है,विधानसभा में उपाध्यक्ष का पद भी रिक्त है।विष्णु सरकार के गठन के बाद ही एक मंत्री पद रिक्त था, बृज मोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद भी एक मंत्री पद रिक्त हो गया है, वैसे 3 मंत्रियों की नियुक्ति कीचर्चा तेज है,अमर अग्रवाल और गजेंद्र यादव का नाम लग भग तय है वहीँ तीसरे मंत्री के नाम को लेकर कयास लगाये जा रहे हैं?इधर 1-2 मंत्रियों को हटाने तथा कुछ का विभाग बदलने के भी संकेत मिल रहे हैंमंत्रिमंडल के गठन के बाद विस उपा ध्यक्ष की नियुक्ति भी होगी निगम, मंडल, प्राधिकरण में 36 नियुक्ति हो चुकी है,सूत्र कहते हैं कि अब नवरात्रि के बाद कुछ हो सकता है।

‘दू डबिया गाड़ी’ से मेमू
स्पेशल रेल का सफर…

1मई, 2017 को जब छोटी रेललाइन के पहिए थम गए थे तो ट्रेन यात्रा की खुशीभी खत्म हो गई थी,लेकिनअब एक बार फिर से ट्रेन के चलने से खुशी पुरानी यादों के साथ लौट आई।पीएम नरेंद्र मोदी,मोहभट्टा, बिला सपुर कार्यक्रम स्थल से वीडियो कांफ्रेंसिंग माध्यम से हरी झंडी दिखाअभनपुर -रायपुर मेमू स्पेशल सेवा का शुभारंभ किया,रायपुर में लोगों के लिए रेलवे की छोटी लाइन और छोटी ट्रेन अब बीते कल की बात हो गई थी।123 साल पुरानी ये छोटी लाइन, ट्रेन रायपुर के लोग अब नहीं देख पा रहे थे, ब्राड़गेज (बड़ी लाइन) में तब्दील होने की प्रकिया तेज है।रायपुर-धमतरीछोटी रेललाईन ऐतिहासिक थी।सन 1896 में 45.74मील लंबी रेल लाइन बनाने का काम शुरू हुआ,5 सालबाद 1901 में पूरा किया गया। ब्रिटिश इंजीनियर एएस एलेन की अगुवाई में छग में अकाल में ग्रामीणों को रोज गार देने के नाम रेललाईन का निर्माण किया गया। इस ट्रेन से वन संपदा का दोहन युद्धस्तर पर किया गया पहले ग्रामीण “दू डबिया गाड़ी” कहते थे।शुरुवाती दिनों में इसमें दो डिब्बे ही होते थे, इंजन की सीटी सुन कर समय का पता लगाते थे। इसमें भाप का ईंजन 1980 तकचला।बाद में डीजल का इंजन लगाऔर सफ़र थोड़ी अधिक गति से होने लगा। इस रेल मार्ग पर अभनपुर महत्वपूर्ण जंक्शन था,यहाँ से राजिम,धमतरी के लिये रेलमार्ग पृथक हो जाता था। चर्चा यह भी थी कि पूर्व राष्ट्रपति एपीजे कलाम जब डीआर डीओ प्रमुख थे तब उन्होने एक गोपनीय यात्रा इस ट्रेन से रायपुर से धमतरी तक की थी…? नया छ्ग बनने के बाद रायपुर रेल्वे स्टेशन से हटाकर पहले परिचालन तेलीबांधा से किया जाता रहा, नई राजधानी से केन्द्री तक बड़ी रेललाईन काकार्य युद्ध गति से चला।वैसे धम तरी लाइन को बीएनआर की पहली नेरोगेज लाइन होने का गौरव प्राप्त था।रेल इतिहास पर एनएस कस्तुरी रंगन,साईबल बोस,लिखी किताब ‘दी रोईंग जर्नी’ के पेज नंबर 51 से 57 में राय पुर-धमतरी-राजिम रेल लाइन निर्माण का उल्लेख है। बंगाल-नागपुुर रेलवे (बी एनआर) ने 1891- 92 में रायपुर-धमतरी ब्रांच लाइन के लिए सर्वे शुरू करवाया था, सर्वे पूरा होने पर 17 अप्रैल 1896 को रिपोर्ट सौंपी गई।रिपोर्ट में बताया था,रायपुर- धमतरी 2 मीटर 6 इंच गेज यानी नेरोगेज (छोटी लाइन) में 65 हजार स्टार्लिन का खर्च आएगा। सर्वे के बाद सितंबर 1896 में डिस्ट्रिक्ट इंजीनियर एलेन को रेललाइन बनाने का जिम्मा दिया गया था। इंजी. एलेन ने अक्टूबर 18 96 मेंरायपुर-धमतरी लाइन का काम शुरू किया,पुस्तक में यह उल्लेख नहीं है कि काम कब पूरा हुआ, याता यात कब चालू किया गया? दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे यानि एसईसीआर के रिकार्ड में ‘माइल स्टोन सिन्स बीएन आर टू एसईआर’ शीर्षक में बताया गया है कि1901 में 45.74 मील लंबी धमतरी रेल लाइन10.50 मील लंबे राजिम ब्रांच लाइन में याता यात चालू हुआ। इससे पता चलता है कि1896 से 19 01तक 5 साल का समय रेल लाइन बनाने में लगा।छग में अकाल में ग्रामीणों को रोजगार देने के नाम ही रेललाईन का निर्माण किया गया।बताते हैं कि धमतरी मार्ग पर सिहावा नगरी तक पटरियां बिछाई गई, राजिम मार्ग में गरियाबंद के जंगलों तक? इसके परिचालन के लिए महानदी पर लकड़ी का पुल बनाया गया।इस ट्रेन से वन संपदा का दोहन भी युद्ध स्तर पर किया गया था।

नक्सलियों ने दिया शांति
वार्ता का प्रस्ताव…. 

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरे के पहले नक्सलियों के शांति वार्ता का प्रस्ताव सामने आया है।सुरक्षाबलों कीआक्रामकता को देख़ ऑपरेशन रोकने का आग्रह किया गया है। माओवादियों ने शांति वार्ता के लिए कुछ शर्तें भी रखी है। यह प्रेस नोट सीपीआई (माओवादी) केंद्रीय समिति के प्रवक्ता अभय ने जारी किया है! नक्सलियों ने शांतिवार्ता की मांग की है।भारत सरकार से ऑपरेशन कगार रोकने काआग्रह के साथ दावा है कि, इस ऑप रेशन के नाम परआदिवासी समुदायों के खिलाफ काफी हिंसा हुई है। वे सुरक्षा बलों की वापसी,आतंकवाद के विरोधी अभियानों कोरोकने की मांग करते हैं। तेलगू भाषा के पत्र में नक्सलियों ने शांति वार्ता के लिए कुछ शर्तें भी रखी हैं।

एलएलबी, संपादक
नक्सली रेणुका मारी गई..

बस्तर,दंतेवाड़ा जिले में सुरक्षाबलों ने 45 लाख ₹ की इनामी महिला नक्सली को मुठभेड़ में मार गिराया। पुलिस के अनुसार दंतेवाड़ा – बीजापुर जिले के सीमा वर्ती क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी की सदस्य गुम्माडिवेली रेणुका उर्फ भानु उर्फ चैते उर्फ़ सिर स्वती/दमयन्ती को मार गिराया।नक्सली के सिर पर छग में 25 तेलंगाना में 20 लाख का इनाम रखा था। घटनास्थल से इंसास राइ फल,मैगजीन,गोला बारूद, लैपटॉप,नक्सली साहित्य, दैनिक उपयोग का सामान बरामद किया है। रेणुका सेंट्रल रीजनल ब्यूरो कीप्रेस टीम इंचार्ज थी। दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी की प्रभात पत्रिका की संपादक थी। रेणुका ने एलएलबी की डिग्री हासिल की थी। तेलं गाना के वारंगल जिले की कड़वेन्डी गांव की निवासी थी,नक्सली रेणुका 1996 में नक्सल संगठन में भर्ती हुई थी आंध्र में स्पेशल जोनल कमेटी सदस्य कृष्ण अन्ना के साथ काम किया है।2020 में दंडकारण्य स्पे शल जोनल कमेटी सदस्य बनाने के साथ सेंट्रल रीज नल ब्यूरो प्रेस टीम का भी इंचार्ज बनाया गया। वह संगठन की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी करती थी विभिन्न पत्रिकाओं जैसे प्रभात, महिला मार्गम, आवामी जंग, पीपुल्स मार्च, पोडियारो पोल्लो, झंकार, संघर्षरत महिला, पितुरी, मिडंगुर,भूमकाल संदेश का मुद्रण, प्रकाशन का कार्य करती थी। रेणु का भाई जीवीके प्रसादउर्फ सुखदेव उर्फ गुड़सा उसेंडी भी स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य था,2014 में तेलंगाना में आत्मसमर्पण किया था।रेणुका का विवाह 2005 में(सीसीएम) शंका मुरी अप्पा राव उर्फ रवि के साथ हुआ था। रवि 2010 के नलमल्ला मुठभेड़(आंध्र) में मारा गया था। बस्तर के आईजी सुंदरराज पी नेकहा कि माओवादी संगठन के पास आत्मसमर्पण करने के अलावा कोई विकल्प नही बचा है।वैसे इस वर्ष अब तक अलग-अलग मुठभेड़ों में छ्ग में 135 से अधिक नक्सली मारे गए हैं। इनमें से 119 बस्तर संभाग में मारे गए हैं।

और अब बस……

0कलेक्टर, एसपी की तबादला लिस्ट मंत्रिमंडल गठन के बाद आएगी या पहले….?
0डीजीपी बनने की दौड़ में शामिल एक अफसर को अभी तक कोई जिम्मेदारी नही मिली है….?
0एक आईपीएस को एसपी बनाने की तैयारी थी पर सीबीआई छापा से सब गुड़ गोबर हो गया…!
0जोगी कांग्रेस,कांग्रेस में शामिल होना चाहती है पर कॉंग्रेस की इसमें कोई रुचि नहीं है…?

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