समझेगा कौन जागती आँखों के ख़्वाब को…. हम अपने हादसों के अकेले गवाह हैं….!

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )     

हरियाणा, जम्मू-कश्मीर दोनों राज्यों के चुनावों में हरियाणा में भाजपा तीसरी बार सरकार बना रही है तो जम्मू-कश्मीर में पूरे 10 साल बाद चुनाव करवाये गये। इस चुनाव में भाजपा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने , धारा 35 ए लगाने, नेशनल कॉन्फ्रेंस +कांग्रेस इसे वापस लेने के मुद्दे चर्चा में रहे। हालांकि दोनों राज्यों में एक में जीत और एक में हार का विश्ले षण तो यही होता है,मुका बला बराबरी पर छूटा है।इन चुनावों में नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी चर्चा का केंद्र बने रहे?जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस+ नेशनल कांफ्रेंस के गठ बंधन को जीत मिली तो भाजपा को हरियाणा में तीसरी बार सत्ता में आने का मौका मिला है। कांग्रेस को आत्ममंथन की जरूरत है कि क्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, उत्तराखंड की तरह हरि याणा की जीती बाज़ी भी उसने गंवा दी, सैनी केबि नेट के अधिकांश मंत्रियों की हार भी यह बता रही है कि जनता ने भाजपा के काम पर मुहर ही नहीं लगाई है,कोई और हीवजह भाजपा की जीत का कारण बनी, कांग्रेस, सीएम कौन बनेगा हुड्डा या शैलजा इसी विवाद के चलते निपट गई? चुनावों से यह सामने आया है कि भाजपा का साथ देने वाली पार्टियों को अपने भविष्य की चिंता करनी चाहिये। क्योंकि हरियाणा में जेजेपी,जम्मू-कश्मीर में पीडीपी साफ़ हो गई है।एक वक़्त में इन दोनों के साथ मिलकर भाजपा ने सरकारों का गठन किया था।बिहार महाराष्ट्र,झारखंड मेंभाजपा का साथ जदयू, लोजपा, शिवसेना शिंदे,अजित पवा र एनसीपी दे रहे हैं, अब इन दलों को सोचना है कि वो अपने भविष्य-अस्तित्व को भाजपा से कैसे बचाएं?

कुछ बड़े मंत्रियों का
विभाग बदलेगा….?   

छतीसगढ़ में 9 महीने पहले बनी विष्णु देव सरकार में अब महसूस किया जा रहा है, सीएम विष्णुदेव पिछले महीने से कुछ बदले बदले से नजर आ रहे हैं। कुछनये नवले मंत्रियों का व्यवहार, कार्यप्रणाली से आमजन, संघ,भाजपा के लोग भी नाखुश हैं, कुछ की शिका यत पीएम मोदी , एचएम शाह और सीएम तक भी पहुंची है। सूत्र बताते हैं मंत्रिमंडल में रिक्त 2 मंत्रियों को शामिल करना मुश्किल नहीं है, दरअसल कुछ ‘बड़े मंत्रियोँ ‘के विभाग बदलने, एकाध मंत्री को हटाने की चर्चा भी जारी है, तबादला, पदोन्नति, बड़बोलेपन के कारण कुछ कि शिकायत भाजपा आलाकमान के पास भी पहुंची है,कुलमिला कर मंत्रिमंडल के पुनर्गठन में कुछ ‘बड़ा’ होगा ऐसा लगता है….?

बृजमोहन पर ‘साय
बंधुओँ ‘ का साया….!   

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सशस्त्र सेना समा रोह में गये भाई बृजमोहन अग्रवाल ने हथियारउठाकर निशाना लगाने का प्रयास किया..अब निशाने परकौन था यह तो मोहन भैया ही बता सकते हैं…? लगातार 8 बार एक ही विधानसभा से विधायक,मप्र से छतीस गढ़ तक बनी भाजपा सर कारों में मंत्री रहे भाई मोहन अभी रायपुर के सांसद हैं। छ्ग बनने से लेकर अभी तक आदिवासी नेता साय (नंदकुमार साय,विष्णुदेव साय) दोनों ही मोहन भैया पर भारी पड़े…? नया छ्ग राज्य बना तो नेता प्रतिपक्ष के लिये उनका मजबूतदावा था पर नंदकुमार साय को इस पद पर नियुक्त किया गया, उस समय अचानक उपजे विवाद का वे अभी तक खामियाजा भुगत रहे हैं।भूपेश की सरकार जाने के बाद भाजपा की सरकार बनी तो विस में सबसे वरिष्ठ 8 बार लगातार विधायक होने से सीएम के लिये भी उनका दावा बनता था पर विष्णुदेव साय को सीएम बना दिया गया,चलो उनके मंत्रिमंडल में मोहन शामिल हो गये पर वह भी आला कमान को बर्दाश्त नहींहुआ उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बना दिया गया, जाहिर था उन्हें जीतना ही था,रिकार्ड मतों से जीतने के बाद भी उन्हें मोदी मंत्रि मंडल में स्थान नहीं मिला, पहलीबार के सांसद तोखन साहू को स्थान दिया गया, कुल मिलाकर उनके साथ अन्याय ही हुआ,यह चर्चा आम-खास के बीच है।

बड़ा प्रशासनिक
फेरबदल जल्दी…   

साय सरकार के 9 महीने के कार्यकाल में सांय-सांय काम होने की बात भाजपा के लोग प्रचारित करते रहते हैं,पर अब सांय-सांय तबा दले होने की भी संभावना से इंकार नहीं है…सीएम सचिवालय से लेकर अति रिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, संचालक स्तर पर भी फेरबदल हो सकता है… सूत्र कहते हैं कि प्रतिनियुक्ति से लौटने वाले आईएएस को महत्व पूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है,इधर दो आईपीएस की फील्ड में पदस्थापना होने की भी संभावना है, दोनों अभी नान पुलिस कार्य कर रहे हैं। कुछ एसपी भीबदले जा सकते हैं…?

कैप्टन अभिमन्यु दूसरी
बार फिर हारे…..

हरियाणा में भाजपा की तीसरी बार सरकार बन रही हैं,एक बार जीतकर वित्त मंत्री बनने,लगातार 2 बार हारने वाले कैप्टनअभिमन्यु का छ्ग से नाता है,वे एक समाचार पत्र और न्यूज़ चैनल से मालिक हैं। इस बार के विस चुनाव मेंउनकी बुरी पराजय की छ्ग में भी जमकर चर्चा है। नारनौंद विधानसभा सीट पर कांग्रेस के जस्सी पेटवार जीत गए हैं।जस्सी पेटवार ने भाजपा के अभिमन्यु को 12578 वोटों से हराया है।कांग्रेस के जस्सी पेटवार को 84801 अभिमन्यु को 72223 वोट मिले।

और अब बस….

0 पापुनि में ईमानदार एसीएस रेणु पिल्ले कोजाँच का जिम्मा देकर क्या किसी को निपटाने की तैयारी है…?
0 कांग्रेसी मामा के पीछे तो बिष्णुदेव सरकार लगी है पर भांजी दामादों पर मेहर बान क्यों है…?
0क्या किसी आदिवासी मंत्री को महत्वपूर्ण विभाग दिया जा रहा है…?

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