शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )
‘मुफ्त’ के वादे सभी कर रहे पर सारे राजनीतिक दल कर रहे हैं..?राज्य सरकारें ‘मुफ्त’ कीआदत तो डाल रही हैं,लेकिन परिणाम तो भयावह हो सकते हैं,इसे आंकड़ों से समझा जा सक ता हैं।मार्च 2020 से मार्च 2023 तक 3 साल में 28 राज्यों की देनदारी43%तक बढ़ने का अनुमान है।राज्यों की बकाया देनदारियां 75 लाख करोड़ रुपये तक हो जाएंगी। ‘मुफ्त’ के वादे के साथ दिल्ली में सत्ता मेंआई थी’आप’गैरभाजपा शासित राज्यों में अब ‘मुफ्त’ की होड़ मची है।भाजपा भी तो ‘मुफ्त’ के हथियार से अब लोगों को पटा रही है।कर्ना टक में ‘मुफ्त’ के वादे करने में पीछे नहीं थी।चुनावों में जीत सुनिश्चित करने राज्यों में फ्री बिजली ,कर्जमाफी पुरानी पेंशन योजना जैसे वादे राजनीतिक पार्टियां करने में पीछे रहना नहीं चाहतीं हैँ । दिल्ली में आम आदमी पार्टी को सत्ता ऐसे ही मुफ्त के वादों से मिली थी। बाद तो यह सिलसिला ही चल पड़ा है। ऐसे वादे करने राज्यों में होड़ लगी हुई है।2014 के बाद से तो तकरीबन सभी गैर भाजपा शासित राज्यों में एक दूसरे से आगे निकलने की हड़- बड़ी साफ दिख रही है। राज्यों पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है,पर चिंता कोई नहीं कर रहा। यह बीमारी सिर्फ गैर भाजपा शासित राज्यों तक पहले सीमित थी,पर इस बार तो मप्र भाजपा सरकार ने भी विस चुनाव को ध्यानमें रख कर मुफ्त की दुकान खोल दी थी वादों का तात्कालिक लाभ भाजपा को मिलाभी? पर इसके दूरगामी परिणाम भयावह हो सकते हैं।बजट सत्र में केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़े अध्ययन से पता चलता है कि मार्च 2020 से मार्च 2023 तक यानी 3 साल में 28 राज्यों की बकाया देन दारी 43% तक बढ़ने का अनुमान है। राज्यों की बकाया देन दारियां 75 लाख करोड़ रुपये तक हो जाएंगी। मार्च 2020 में देनदारी 52 लाख करोड़ रुपये थी। मार्च 20 21 तक राज्यों पर कर्ज की रकम 69.47 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई है ।कृषिऋण माफी, मुफ्त की बिजली या ऐसे लोक लुभा वन वादों को पूरा करने राज्य सरकारों को कर्ज लेकर अपनी जरूरतें पूरी करनी पड़ रही हैं। मुफ्त के वादों के साथ कांग्रेस ने कर्नाटक में सरकार बना ली। अब जरा कर्नाटक की माली हालत जान लीजिए। पहले से ही साढ़े पांच लाख करोड़ ₹ के कर्ज मेंकर्नाटक डूबा हुआ है।कर्नाटक में सबने मुफ्त के वादे किये, परन्तु कामयाबी कांग्रेस को ही मिली। कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस ने परिवार को 200 यूनिट मुफ्त बिजली, मुखिया महिला को महीने के दो हजार ₹ देने की बात की। इसकेअलावा बीपीएल परिवारों को हर महीने 10 किलो मुफ्त चावल,बेरोज गारों को डेढ़ से 3 हजार ₹ बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया तो जबरदस्त कामयाबी मिली। हालांकि इस तरह के वादे करने में भाजपा भी पीछे नहीं थी।उसने मैनिफेस्टो में वादा किया कि अनुसूचित जाति (एसी),अनुसूचित जनजाति (एसटी) परिवारों को 10 हजार रुपये की फिक्स्ड डिपोजिट 5 साल के लिए कराएगी। गरीब परिवारों को साल में 3 गैस सिलेंडर मुफ्त देगी।रोजाना आधा लीटर दूध देगी। प्रतिमाह 5 किलो चावल, बाजरा भी मुफ्त दिया जाएगा। मुफ्त के वादे में कुमार स्वामी की पार्टी जेडीएस भी पीछे नहीं थी।जेडीएस ने वादा किया था कि गर्भवती महिलाओं को 6 महीने तक 6 हजार रु दिए जाएंगे तो विधवाओं को ढाई हजार ₹ की सहा यता दी जाएगी। जेडीएस ने भाजपा से आगे बढ़कर साल में 5 फ्री गैस सिलेंडर देने का वादा किया था। किसान पुत्र से लड़की की शादी होने पर उसे दो लाख ₹ की सब्सिडी देने की बात भी जेडीएस ने कही थी। आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली की परंपरा बर करार रखते हुए 300 यूनिट मुफ्त बिजली का वादा किया था छात्रों के लिए शहरों में मुफ्त बस यात्रा,3 हजार रु बेरोज गारी भत्ता देने की बात कही थी। भाजपा ने दिल्ली पंजाब, हिमाचल, कर्नाटक के बाद मप्र में फ्री के वादे किये गये। छ्ग में महतारी वंदन योजना के तहत 1 हजार ₹ मासिक देने की योजना का वादा किया था।हिमाचल के चुनाव हुए तो कांग्रेस ने जनता से 10 ऐसे वादे किए, जो किसी को भी लुभा सकता है। कांग्रेस का सबसे आकर्षक वादा था पुरानी पेंशन योजना की बहाली, 300 यूनिटबिजली फ्री करने का वादा था।हिमा चल में कांग्रेस के अलावा प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने वायदों का कोईआकर्षक पैकेज आफर नहीं किया। कांग्रेस वहां जीत गई तो वोटरों ने यही माना कि मुफ्त का असर है।दिल्ली, पंजाब, हिमाचल, कर्नाटक के बाद मप्र, राजस्थान और छ्ग में भाजपा की मुफ्त योजनाओं के चलते उनकी सरकार बन गईं।महाराष्ट्र, झारखण्ड में भी मुफ्त योज ना की घोषणा की गई है।सवाल यह है कि मुफ्त की योजना से सरकार तो बन जाती हैं पर आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है,जनोपयोगी योजनाएं सिचाई, बिजली उत्पादन, बांध सहित अन्य बड़ी योजना को सरकार चाह कर भी शुरू नहीं कर पा रहीं हैँ..?
सीएस अभिताभ जैन
का बनेगा रिकार्ड….
छग के मुख्य सचिव 1989 बैच के आईएएस अभिताभ जैन ने 30 नवम्बर 2024 को अपना 4 साल का कार्य काल पूरा करके रिकार्डबना लेंगे। अभी तक 4 साल कोई मुख्य सचिव नहीं रहा है। 12 वें मुख्य सचिव हैँ अभिताभ। जून 2025 तक इनका कार्यकाल रहेगा,छ्ग के पुराने मुख्य सचिव (सी एस) के कार्यकाल की चर्चा करें तो पहले सीएस अरुण कुमार करीब 2 साल 3माह सुयोग्य कुमार मिश्र 1 साल 5 महीने,अशोक विजय वर्गीय 1साल 4 माह, आर पी बगई 1साल 2माह,शिव राजसिंह 1साल 6माह, पी जाय.उम्मेन 3 साल 5 माह, सुनील कुमार 2साल,विवेक ढांड 3 साल 11माह,अजय सिंह 1 साल, सुनील कुमार कुजूर 9 माह,आर. पी. मण्डल, 1 साल 1 माह तक सीएस बने रहे।
पूर्व आईएएस डॉ शुक्ला, टुटेजा पूर्व महाधिवक्ता वर्मा के खिलाफ केस दर्ज….
आर्थिकअपराध अनुसंधान ब्यूरो,एंटी करप्शन ब्यूरो ने रिटायर्ड आईए एस अनिल टुटेजा, डॉ आलोक शुक्ला, पूर्व महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। एफआईआर में इन तीनों आरोपियों के वाट्सअप चैट, प्रवर्तन निदे शालय (ईडी) के प्रतिवेदन के आधार पर नागरिक आपूर्ति निगम (नान) में बड़े वित्तीय घोटाले के आरोपों के संबंध में दर्ज किया है।ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि पूर्व की कांग्रेस सरकार के दौरान अधिकारियों ने राशन वित रण में बड़े पैमाने पर गड़ बड़ी की, अपने पद का दुरुपयोग किया गया।20 19-20 में हाईकोर्ट मेंदूषित तरीके से अग्रिम जमानत प्राप्त की गई, जिसका सम र्थन करने कई सबूत ईओ डब्ल्यू को मिले हैं। जांच में पाया गया कि 2019- 20 20 के बीच,आलोक शुक्ला अनिल टुटेजा ने अपनी स्थिति का दुरुपयोग करते हुए सतीशचंद्र वर्मा को अनु चित लाभ पहुंचाया,जिससे वे अपने कर्तव्यों का पालन गलत तरीके से कर सकें।आपस में मिलकर आपरा धिक षड्यंत्र रचते आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में दस्तावेजों,जानकारी में बद लाव किया,ताकि खिलाफ दर्ज नान के मामले में उच्च न्यायालय में पक्ष में जवाब तैयार किया जा सके। गौर तलब है कि अनिल टुटेजा शराब घोटाले में भी ईडी और एसीबी के मामले में आरोपित हैं।ईडी द्वारा पंजीकृत ईसी आईआर 01/2019में भी अग्रिम जमानत प्राप्त करने का प्रयास किया गया। आरो पियों ने गवाहों को अपने बयान बदलने दबाव भी बनाया, दस्तावेजों को प्रभावित किया। ईओडब्ल्यू ने आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधि नियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।पूर्व सरकार केकार्यकाल के दौरान 13, 301 राशन दुकानों में राशन वितरण में गड़बड़ी काआरोप है,केवल चावल के मामले में 600 करोड़ रुपये का घोटाला होने का दावा किया गया है, जबकि घोटाले का आंकड़ा एक हजार करोड़ रुपये से अधिक बताया जा रहा है।
और अब बस….
0छत्तीसगढ़ राज्योत्सव का आयोजन कार्यक्रम में छत्ती सगढ़ महतारी की तस्वीर न होने से विवाद खड़ा हो गया है,कांग्रेस ने भाजपा सर कार पर हमला करते हुए इसे छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा का अपमान बताया है।
0क्या सीएमओ में किसी वरिष्ठ आईएएस की जल्दी नियुक्ति होगी….?
0गृह मंत्रालय विजय शर्मा से नहीं सम्हल रहा है, भाजपा के एक बड़े पदा धिकारी ने क्लास ली, कहा कि..कवर्धा ही नहीं सम्हाल रहा है..?
0अगला डीजीपी कौन होगा, इसको लेकर अभी से मंथन शुरू हो गया है..?