वाशिंगटन : शपथ लेने के 22 दिन बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बृहस्पतिवार (भारतीय समयानुसार) को पहली बार चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत की। इसके अगले ही दिन बाइडन ने अमेरिकी सीनेट क कुछ सदस्यों के साथ बैठक की और चेताया कि हम चीन की नीति पर नहीं चल सकते हैं। चीन हमारा बनाया भोजन (लंच) खाना चाहता है। यानी वो हमारा अधिकार हमसे छीनने की कोशिश करेगा।
बाइडन ने कुछ सीनेटरों से कहा कि आधारभूत ढांचा (इंफ्रास्ट्रक्चर) पर खर्च के मामले में अमेरिका ने यदि तेजी नहीं दिखाई तो चीन भारी पड़ेगा और अमेरिका पीछे हो जाएगा। इसलिए इस पर अधिक खर्च करने की जरूरत है।
इससे एक दिन पहले शी जिनपिंग के साथ हुई करीब दो घंटे की फोन वार्ता में चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि टकराव से दोनों ही देशों को नुकसान होगा इसलिए हमें बीच का रास्ता निकालकर चलने की जरूरत है।
इस दौरान बाइडन ने ऐसे मुद्दे भी उठाए जिनसे चीन कतराता है। अगले दिन बाइडन ने पर्यावरण और लोकनिर्माण समिति के सदस्यों के साथ हुई बैठक में चेताया कि टकराव वास्तव में दोनों देशों के लिए बेहद घातक साबित हो सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन हाई-स्पीड रेल नेटवर्क, उन्नत तकनीक वाले रिहाइशी अपार्टमेंट, मोबाइल नेटवर्क और विद्युत ग्रिड पर जमकर पैसा खर्च कर रहा है।
जो बाइडन ने सीनेटरों के साथ हुई बैठक में कहा, हमें इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाने की जरूरत है। चीन विभिन्न क्षेत्रों में अरबों डॉलर खर्च कर रहा है। चाहे वो यातायात के साधन हों, पर्यावरण से जुड़ी योजनाएं हों या इंफ्रास्ट्रक्चर के अन्य मामले, चीन उन पर जमकर खर्च कर रहा है। इसलिए हमें भी अपने कदम बढ़ाने होंगे और अपना स्तर सुधारना होगा।
उइगरों की गलत रिपोर्टिंग पर चीन ने बीबीसी पर लगाई रोक
चीन ने रिपोर्टिंग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने के आरोप में बीबीसी वर्ल्ड न्यूज का प्रसारण प्रतिबंधित कर दिया है। चीन के टेलीविजन और रेडियो नियामक द्वारा की गई इस घोषणा पर बीबीसी ने कहा कि वह इससे निराश है। यह घोषणा की है। इससे एक सप्ताह पूर्व ब्रिटेन ने चीन सरकार के नियंत्रण वाले प्रसारक चाइना ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क (सीजीटीएन) का लाइसेंस को रद्द कर दिया था।
इससे पहले चीन शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों के दमन और कोरोना वायरस महामारी पर रिपोर्टिंग के लिए बीबीसी की आलोचना कर चुका है। एनआरटीए ने कहा है कि बीबीसी ने चीन से संबंधित अपनी खबरों से रेडियो और टेलीविजन तथा विदेशी उपग्रह चैनल से जुड़े नियमन का सरासर उल्लंघन करते हुए चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा और एकजुटता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। इसलिए न तो बीबीसी को चीनी क्षेत्र में सेवा जारी रखने की अनुमति मिलेगी और न ही अगले साल के लिए प्रसारण को लेकर बीबीसी का आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
चीन का कदम अस्वीकार्य : ब्रिटेन
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक रॉब ने चीन के इस कदम को मीडिया की आजादी बाधित करने का अस्वीकार्य कदम बताया। उन्होंने कहा यह फैसला चीन में आजाद मीडिया को दबाने के व्यापक अभियान का हिस्सा है। उन्होंने कहा, चीन ने दुनिया भर में मीडिया और इंटरनेट की स्वतंत्रता पर कुछ सबसे गंभीर प्रतिबंध लगाए हैं और यह ताजा कदम दुनिया की नजर में चीन की प्रतिष्ठा को धूमिल करेगा।
चीन को झटका : फ्रांस ने द. सागर में उतारी एटमी पनडुब्बी
फ्रांस ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की अपील के मुताबिक शुक्रवार को चीन की बहुपक्षीय चुनौती का सामना करने के लिए दक्षिण सागर में एक परमाणु हमला करने वाली पनडुब्बी को तैनात कर दिया है। एशिया टाइम्स ने फ्रांसीसी रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पारली के हवाले से बताया कि यह हमारे नौसेना की क्षमता का दूरगामी कार्यक्रम है जो ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापानी सहयोगियों से साथ लंबे समय के लिए चलाया गया है। पारली ने एक सप्ताह पूर्व ही एक ट्वीट में एलान किया था कि पनडुब्बी को समुद्री क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत तैनात किया जाएगा। इस कार्रवाई से चीन के साथ तनाव बढ़ने की आशंका है।