ये है रायपुर स्थित कांग्रेस भवन। क्या आप जानते हैं गांधी मैदान में ये ऐतिहासिक भवन वर्ष 1939 में बना था। शायद यह जानकर आपको आश्चर्य हो कि इस भवन को बनाने के लिए कांग्रेस के पास बिल्कुल भी धन नहीं था। इस भवन को कांग्रेस पार्टी के धन से बनाया भी नहीं गया बल्कि शहर के लोगों के सहयोग से कांग्रेस भवन की नींव पड़ी। दरअसल ये वो वक्त था जब पूरे देश मे स्वतन्त्रता आंदोलन जोर पकड़ चुका था। ऐसे में छत्तीसगढ़ कहाँ अछूता रहता।पूरे देश की छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस पार्टी स्वतन्त्रता आंदोलन का नेतृत्व कर रही थी। शहर में कई ठिकाने थे, जहां स्वंतत्रता के दीवाने इकट्ठे होते, बैठक करते, योजनाओं को अंजाम देते।ये वो वक्त था जब कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता छत्तीसगढ़ आ रहे थे।
ऐसे में कांग्रेस भवन की आवश्यकता तीव्रता से महसूस की जा रही थी। लेकिन बिना धन के भवन निर्माण कैसे होता। तब आया अंचल के लोकप्रिय पर्व छेर छेरा पुन्नी। कांग्रेस नेताओं ने लोगों से इस दिन भवन निर्माण के लिए जनसहयोग की अपील की। शहर और प्रदेश के लोगों ने खुले दिल से कांग्रेस भवन बनने के लिए दान किया। इससे जुड़ा एक और ऐतिहासिक तथ्य यह है कि गांधी चौक का नामकरन 20 दिसम्बर 1920 को ही हो चुका था। दरअसल महात्मा गांधी ने इस दिन यानी 20 दिसम्बर 1920 में यहां आमसभा ली थी। कांग्रेस भवन इस मायने में भी महत्वपूर्ण है कि यहां बापू यानी महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री पण्डित जवाहरलाल नेहरू, पूर्व राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद, सरदार पटेल भी आ चुके हैं। सोचिये कितने महान लोग रायपुर के गांधी चौक स्थित कांग्रेस भवन में आये हैं।