उत्तराखंड,ऊखीमठ : आज सोमवार को विधि-विधान व वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूर्वाह्न 11 बजे तय लग्न पर द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के कपाट खोले जाएंगे। कोरोना संक्रमण के चलते कपाटोद्घाटन में सीमित संख्या में प्रशासन, पुलिस और हक-हकूकधारी ही मौजूद रहेंगे। इसके बाद आराध्य की छह माह की पूजा-अर्चना धाम में ही होगी।
रविवार सुबह 5 बजे राकेश्वरी मंदिर रांसी गांव में धाम के पुजारी शिव लिंग ने भगवान मद्महेश्वर की भोग मूर्तियों का अभिषेक कर पूजा-अर्चना की। साथ ही मां राकेश्वरी के साथ द्वितीय केदार की संयुक्त आरती उतारी। सुबह 6.30 बजे द्वितीय केदार की चल विग्रह उत्सव डोली ने राकेश्वरी मंदिर की परिक्रमा के बाद अपने धाम के लिए प्रस्थान किया।
इस दौरान रांसी गांव के ग्रामीणों ने अपने घरों से अपने ईष्ट देव को हाथ जोड़कर विदा किया। छह किमी घने जंगल के बीच से होते हुए बाबा मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली सुबह 8.30 अपने अंतिम रात्रि प्रवास गौंडार गांव पहुंची। इस बार कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के चलते गांव में धार्मिक परंपराओं का निर्वहन सूक्ष्म रूप से किया गया।
सोमवार सुबह लगभग 6 बजे द्वितीय केदार की डोली ने गौंडार गांव से धाम के लिए प्रस्थान किया। बणतोली, खुन्नू, खटरा होते हुए द्वितीय केदार 12 किमी पैदल रास्ता तय करते हुए अपने धाम पहुंचेंगे। जहां पर पूर्वान्ह 11 बजे धाम के कपाट खोले जाएंगे। इस मौके पर तहसीलदार दीवान सिंह राणा, एसआई पुनीत दसौनी, राजस्व निरीक्षक जयकृत रावत, डोली प्रभारी अनूप पुष्पवाण, उमेद नेगी, शिव सिंह रावत, मदन पंवार, वीर सिंह पंवार आदि मौजूद थे।