वाशिंगटन : मुंबई 26/11 आतंकी हमले की साजिश में शामिल पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण जल्द हो सकता है। दरअसल, जो बाइडन प्रशासन ने एक अमेरिकी कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर भारत के राणा के प्रत्यर्पण के आवेदन का समर्थन किया है। मामले में अगली सुनवाई अब 24 जून को होगी।
लॉस एंजिलिस स्थित अमेरिकी जिला अदालत की जज जैक्लीन चूलजियान के समक्ष अमेरिकी सरकार के अटॉर्नी जॉन जे लुलेजियान ने इस मामले में नया हलफनामा दिया है। लुलेजियान ने पत्र और उसके साथ सौंपे दस्तावेज में प्रत्यर्पण के प्रमाणन संबंधी अनुरोध के पक्ष में अमेरिका के समर्थन को दोहराया है।
भारत के भगोडे़ राणा के बारे में अमेरिकी अटॉर्नी ने कोर्ट में कहा, 59 वर्षीय राणा का भारत में प्रत्यर्पण भारत और अमेरिका के बीच हुई प्रत्यर्पण संधि के मुताबिक ही है। भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के मुताबिक, भारत सरकार ने राणा के औपचारिक प्रत्यर्पण का अनुरोध किया है और अमेरिका ने प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अमेरिकी सरकार ने दलील दी कि भारत प्रत्यर्पण के लिए राणा सभी मानकों को पूरा करता है।
भारत ने राणा के खिलाफ दिए हैं पर्याप्त सुबूत
लुलेजियान ने कहा कि अमेरिका राणा को भारत को प्रत्यर्पित करने के लिए का अनुरोध करता है। उन्होंने कहा, भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध में राणा के खिलाफ पर्याप्त सुबूत हैं और राणा ने भारत के अनुरोध को खारिज करने के लिए कोई सुबूत नहीं दे सका है।
आतंकी हेडली का दोस्त है राणा
राणा लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी डेविड कोलमैन हेडली के बचपन का दोस्त है। भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद राणा को मुंबई आतंकी हमले में शामिल होने के आरोप में लॉस एंजिलिस में बीते साल 10 जून को फिर से गिरफ्तार किया गया था। 2008 में हुए इस हमले में छह अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोगों ने जान गंवाई थी। पाकिस्तानी मूल का अमेरिकी नागरिक हेडली मुंबई हमलों की साजिश रचने में शामिल था। हालांकि, वह इस मामले में गवाह बन गया था और हमले में अपनी भूमिका के लिए अमेरिका में 35 साल जेल की सजा काट रहा है।