अनलॉक: 16 जून को खुलेगा ताजमहल, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने जारी की सूचना

आगरा : कोरोना संक्रमण के चलते विगत 16 अप्रैल से बंद ताजमहल को पूरे दो महीने के बाद 16 जून को खोला जाएगा। ताजमहल सहित संरक्षित स्मारक खोलने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है। गौरतलब है कि विगत वर्ष 2020 में भी कोरोना संक्रमण के कारण ताजमहल, आगरा किला, फतेहपुर सीकरी समेत देशभर के केंद्रीय संरक्षित स्मारकों को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था। ताजमहल के दरवाजे 207 दिन तक खुलने के बाद फिर बंद हो गए थे। बीते साल 188 दिनों तक ताजमहल सैलानियों के लिए बंद किया गया था। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में 15 जून तक ताजमहल बंद रखने के आदेश थे। अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने पर पर्यटन से जुड़े लोगों ने ताजमहल और अन्य स्मारकों को भी खोलने के लिए मांग उठाई थी ताकि लोगों को रोजगार मिल सके।

21 सितंबर को खोले गए थे ताज के दरवाजे…
कोरोना संक्रमण के कारण बीते साल 17 मार्च को ताजमहल समेत स्मारक बंद कर दिए गए थे। ताजमहल को स्थानीय प्रशासन ने 188 दिनों के बाद 21 सितंबर को पर्यटकों के लिए खोला था। उससे 20 दिन पहले एक सितंबर को फतेहपुर सीकरी, सिकंदरा, एत्माद्दौला, महताब बाग, रामबाग व अन्य स्मारकों को खोला गया था। पहली बार ताजमहल 188 दिनों तक बंद रहा था।

ताजमहल 16 अप्रैल से बंद हैं। स्मारकों से रोजी रोटी कमा रहे गाइड, फोटोग्राफर, छोटे दुकानदार, होटल, रेस्टोरेंट, एंपोरियम, हस्तशिल्पियों को जब ताजमहल खुलने की खबर मिली तो वे खुश हो गए। आगरा में करीब ढाई लाख लोगों का रोजगार ताजमहल और अन्य स्मारकों से जुड़ा है।

फैक्टरियां खुल सकती हैं तो ताज क्यों नहीं  ?
ताजमहल को अनलॉक की प्रक्रिया के दौरान नहीं खोले जाने पर शहर में पर्यटन व्यापारियों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। एंपोरियम संचालक गौरव चौहान ने कहा था कि हजारों, लाखों लोगों की रोजीरोटी ताजमहल से जुड़ी है। जब फैक्टरियां खुल सकती हैं तो ताजमहल क्यों नहीं खोल सकते। वहां तो एक हॉल में मजदूर हैं, ताज का कैंपस ही इतना बड़ा है कि शारीरिक दूरी का पालन होता रहेगा। अब जब ताजमल खुलेगा तो उन्हें आमदनी की उम्मीद दिखने लगी है।

तब बंद रहा ताजमहल…
ताजमहल का निर्माण 1632 से 1648 के बीच हुआ। इसके बाद से लेकर अब तक 372 सालों में ताज केवल पांच बार सैलानियों के लिए बंद किया गया। सबसे पहले 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान ताजमहल को पूरी तरह पेड़ों की टहनियों से ढक दिया गया था। युद्ध 4 से 16 दिसंबर तक चला था, लेकिन उसकी सफाई में दो दिन और लगने से यह पर्यटकों के लिए 4 से 18 दिसंबर तक बंद रहा था। साल 1978 में सितंबर के महीने में यमुना में बाढ़ आई। पर्यटक ताज से यमुना में पानी देखने पहुंचते थे। सुरक्षा की दृष्टि से तब सात दिन तक ताजमहल को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था। चमेली फर्श के नीचे तक पानी आ गया था। इसके बाद तीसरी बार ताजमहल कोरोना संक्रमण के कारण 17 मार्च से 20 सितंबर तक बंद रहा है। विगत वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते ताजमहल को बंद किया गया था और इस वर्ष 16 अप्रैल को ताजमहल के दरवाजे बंद हुए।

 

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