भोपाल। प्रदेश में विशेषकर इंदौर में बढ़ते कोरोना प्रकोप से चिंतित प्रदेश के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। चर्चा के दौरान सिलावट ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि जिस प्रकार प्रधानमंत्री जी ने कोराना को देखते हुवे डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बीमा योजना लागू की है, उसी प्रकार मध्य प्रदेश सरकार भी उस योजना को यहां तत्काल लागू करें। साथ ही कोराना संक्रमित मरीजों के इलाज के दौरान अगर कोई डॉक्टर या स्वास्थ्य कर्मी इससे संक्रमित हो जाता है तो उसे क्षतिपूर्ति के रूप में ₹2 लाख की सहायता उपलब्ध कराई जाए। इसी प्रकार इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी द्वारा जिस प्रकार दिन-रात काम किया जा रहा है उसे देखते हुए उनकी सुरक्षा की भी पूरी व्यवस्था की जाए। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया है कि इस भयावह बीमारी से बचाव के लिए दिल्ली से भोपाल भेजी जा रही उच्च गुणवत्ता की पीपीइ किट्स और rt-pcr इंजेक्शन को इंदौर के मेडिकल कॉलेज को भी शीघ्र उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इंदौर में एम वाई हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज में लाइफ सपोर्ट सिस्टम के साथ अतिरिक्त एंबुलेंस की व्यवस्था भी की जाना जरूरी है। सिलावट ने मांग की कि इंदौर की गंभीर स्थिति को देखते हुए लॉकडाउन को और सख्ती से लागू किया जाना जरूरी है।इसके लिए ज्यादा प्रभावित और संवेदनशील क्षेत्रों में अर्ध सैनिक बल की तैनाती की जानी चाहिए। सिलावट ने कहा कि मध्यप्रदेश में सभी 89 आदिवासी विकास खंडों में आदिवासियों के राशन सामग्री का समुचित वितरण होना चाहिए और इसके मॉनिटरिंग के लिए आयुक्त आदिवासी विकास जैसे वरिष्ठ अधिकारी को जवाबदारी दी जाना चाहिए । सिलावट ने मुख्यमंत्री जी से आग्रह किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में आपके द्वारा प्रत्येक पंचायत में आवंटित ₹30000 की राशि का व्यवस्थित रूप से उपयोग हो और हितग्राहियों को समय पर राशन मिले , इसकी मॉनिटरिंग मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के माध्यम से की जानी चाहिए।
सीएम चौहान ने तुलसी सिलावट द्वारा रखे सभी बातों को ध्यान से सुना और तत्काल कार्यवाही के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।