कोरोना वायरस संकट के कारण चीन की दुनियाभर में आलोचना हो रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार कह रहे हैं कि चीन ने वायरस से जुड़ी जानकारियां छिपाई हैं। वहीं, अब कोविड-19 मुद्दे से इतर हांगकांग के मसले पर भी डोनाल्ड ट्रंप ने बयान दिया है। जिसको लेकर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने की आशंका है।
दरअसल, हांगकांग पर अपना प्रभुत्व जताने वाले चीन ने एक नया कानून पेश किया है, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का नाम दिया गया है। इस कानून को लेकर हांगकांग में व्यापक स्तर पर लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, इस मुद्दे पर राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हांगकांग में जो चीन कर रहा है वो बिल्कुल भी ठीक नहीं है, हम जल्द इस पर कोई फैसला लेंगे। उन्होंने कहा कि आप इसके बारे में जल्द ही सुनेंगे, शायद इसी हफ्ते सुनेंगे। हम बहुत कठोर जवाब देंगे।
हालांकि, ट्रंप ने इस बात की स्पष्ट रूप से जानकारी नहीं दी कि वह चीन पर क्या कदम उठाने वाले हैं। लेकिन इससे पहले व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैली मैकनेनी ने कहा था कि वह (ट्रंप) चीन द्वारा लाए गए सुरक्षा कानून से नाराज हैं और राष्ट्रपति को लगता है कि अगर चीन ने सत्ता संभाली तो हांगकांग का एक वित्तीय केंद्र बना रहना मुश्किल होगा।
गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप पहले ही चीन से कोरोना वायरस और अमेरिकी चुनाव के मसलों को लेकर नाराज हैं, वो कोरोना वायरस के लिए चीन को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं तो वहीं चुनाव में उनको हराने की चीनी चाल भी बता चुके हैं।
बता दें कि, वर्तमान में चीन में कम्युनिस्ट पार्टी की संसद जारी है, जहां चीन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जा रही है। इसी दौरान हांगकांग में लाए जाने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा कानून पर भी चर्चा की गई और एलान किया गया कि इसे एक माह के भीतर लागू कर दिया जाएगा।
यह वही कानून है, जिसे लेकर पिछले वर्ष से ही हांगकांग की सड़कों पर लोग ऐतिहासिक विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इस प्रदर्शन पर दुनियाभर की निगाहें टिकी हुई हैं। दरअसल, इस कानून की मदद से चीन को यह शक्ति हासिल होगी कि अगर हांगकांग का कोई व्यक्ति चीन में अपराध करता है तो उसे जांच के लिए चीन प्रत्यर्पित किया जा सकेगा।