UP में धर्म बदलने के लिए दो माह पहले डीएम को देनी होगी जानकारी, उल्लंघन पर तीन साल की सजा

लखनऊ : धर्म छिपाकर या जबरन धर्म बदलवाकर होने वाली शादियों पर देशभर में गरमाए माहौल के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाली प्रदेश कैबिनेट ने धर्मांतरण अध्यादेश के मसौदे को मंजूरी दे दी है। झांसा देकर, झूठ बोलकर या छल-प्रपंच करके धर्म परिवर्तन करने-कराने वालों के साथ सरकार सख्ती से पेश आएगी।

अगर सिर्फ शादी के लिए लड़की का धर्म बदला गया तो ऐसी शादी न केवल अमान्य घोषित कर दी जाएगी, बल्कि धर्म परिवर्तन कराने वालों को 10 साल तक जेल की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है।

योगी कैबिनेट ने ‘विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020’ के मसौदे को मंजूरी दे दी। राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही यह कानून प्रभावी हो जाएगा। नया कानून अमल में आने के बाद ऐसा अपराध गैर जमानती होगा।

अध्यादेश के अनुसार एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन के लिए संबंधित पक्षों को विहित प्राधिकारी के समक्ष उद्घोषणा करनी होगी कि यह धर्म परिवर्तन पूरी तरह स्वेच्छा से है। संबंधित लोगों को यह बताना होगा कि उन पर कहीं भी, किसी भी तरह का कोई प्रलोभन या दबाव नहीं है।

धर्म बदलने के लिए दो माह पहले डीएम को देनी होगी जानकारी
अध्यादेश में धर्म परिवर्तन के सभी पहलुओं पर प्रावधान तय किए गए हैं। इसके अनुसार धर्म परिवर्तन का इच्छुक होने पर संबंधित पक्षों को तय प्रारूप पर जिला मजिस्ट्रेट को दो माह पहले सूचना देनी होगी। इसका उल्लंघन करने पर छह माह से तीन वर्ष तक की सजा हो सकती है। इस अपराध में न्यूनतम जुर्माना 10,000 रुपये तय किया गया है।

 

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