इस बार सावन के महीना में बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने भक्तों को करना होगे ये काम, कुछ ऐसी रहेगी व्यवस्था

वाराणसी : कोरोना वायरस  के बीच सोमवार से सावन का महीना शुरू हो गया है। इस दौरान काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्त श्रद्धालुओं को सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखना पड़ेगा, साथ ही मास्क लगाना जरूरी होगा। भक्तों के लिए सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है।

शहर में लगाए गए यूनीपोल पर आरती, पूजन और अभिषेक का लाइव प्रसारण…

मंदिर के सीईओ गौरांग राठी ने बताया हर छह घंटे में मंदिर के साथ आसपास के क्षेत्र को सैनिटाइज कराया जाएगा। बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को तीन जोन से होकर गुजरना होगा। बाबा के दर्शन के लिए शहर में लगाए गए यूनीपोल पर भी इंतजाम किया जा रहा है। इसके जरिए आरती, पूजन और अभिषेक का लाइव प्रसारण होगा।

मंदिर में प्रवेश के लिए तीन मार्ग रखे जाएंगे…

मैदागिन से गोदौलिया के बीच नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया है। किसी भी प्रकार के वाहन का प्रवेश प्रतिबंधित करते हुए यातायात विभाग को इसका पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं। श्रद्धालुओं के मंदिर में प्रवेश के लिए तीन मार्ग रखे जाएंगे, ताकि श्रद्धालुओं को पूजन और दर्शन में किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।

मैदागिन-गोदौलिया मार्ग पर बैरिकेडिंग व वाहनों को प्रतिबंधित किए जाने का व्यापारियों ने विरोध भी किया है। काशी व्यापार प्रतिनिधि मंडल के पदाधिकारियों ने बैठक कर जिला प्रशासन से प्रतिबंध मुक्त करने की मांग की। इस दौरान व्यापारियों ने जनप्रतिनिधियों को भी इस मसले पर उचित निर्णय लेने की मांग की।

जगह-जगह ऑटोमैटिक हैंड सैनिटाइजिंग और हैंडवॉश मशीनें लगाई गई…

काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश के लिए तीन जोन बनाए गए हैं। पहला जोन मंदिर के अंदर होगा, जहां केवल पांच श्रद्धालु प्रवेश कर पाएंगे। दूसरे जोन में श्रद्धालु छह फीट की दूरी के साथ कतार में रहेंगे। तीसरे जोन में बैरिकेडिंग होगी, जहां सोशल डिस्टेंसिंग के लिए दो-दो मीटर की दूरी पर गोले बनाए जा रहे हैं। जगह-जगह ऑटोमैटिक हैंड सैनिटाइजिंग और हैंडवॉश मशीनें लगाई गई हैं। केवल झांकी दर्शन ही मिलेगा। पुजारी चंदन टीका भी नहीं लगाएंगे।

इस बार मंदिर परिसर के अलावा स्मार्ट सिटी के सौजन्य से शहर के 9 यूनिपोल पर बाबा श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन कराने की तैयारी की गई है। मैदागिन की ओर से आने वाली दर्शनार्थियों की भीड़ पांच पांडव प्रवेश द्वार से होते हुए रानी भवानी उत्तरी से जाकर मंदिर के गर्भ गृह के पूर्वी गेट पर झांकी दर्शन करते हुए जल चढ़ा सकेंगे।

आपात स्थिति को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने एम्बुलेंस की भी व्यवस्था परिसर में कर रखी… 

वहीं, दशाश्वमेध घाट गोदौलिया की तरफ से आने वाले श्रद्धालु बांस फाटक ढुंढीराज गणेश, अन्नपूर्णा मंदिर होते हुए मंदिर में प्रवेश करते हुए दक्षिणी गेट पर दर्शन करेंगे और मंदिर से बाहर निकल जाएंगे। श्रद्धालुओं के लिए तीसरा रूट गेट नंबर 4 छत्ता द्वार होगा जहां से श्रद्धालु ज्ञानवापी मस्जिद के किनारे से होते हुए बद्रीनाथ प्रवेश द्वार से गर्भगृह तक जाएंगे और गर्भगृह के उत्तरी द्वार पर दर्शन करते हुए फिर से वापस बाहर निकल जाएंगे। आपात स्थिति को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने एम्बुलेंस की भी व्यवस्था परिसर में कर रखी है।

 

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