शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )
कभी मथुरा ( कृष्ण की शरण में ..) कभी अयोध्या (श्री राम की शरण में …) में विस चुनाव लड़ने की चर्चा तथा 400 सीटें जीतकर फिर से उप्र में सरकार बनाने का दावा करने वाले योगी आदित्य नाथ आखिर गोरखपुर सदर को ही अपने लिए सेफ सीट मानकर वहीं से चुनाव लड़ना तय किया है…अब वे खुद लड़ना चाहते थे या हाईकमान की इच्छा पर लड़ रहे हैँ….? इसका खुलासा तो वही कर सकते हैं। बहरहाल अब तक अयोध्या में हवा बना चुके कार्यकर्ताओं को झटका जरूर लगा है। योगी अब अयोध्या से नहीं बल्कि अपने गोरखपुर लोस की सदर विधानसभा सीट से लड़ेंगे। अयोध्या में 93% आबादी हिंदुओं की है फिर भी योगी का पीछे हटना बताता है कि “डर सबको लगता है…गला सबका सूखता है”…। अयोध्या में योगी के लिए जनसंपर्क शुरू हो चुका था। मंदिर के पुजारी भी पूजा करने आने वाले लोगों से योगी को वोट देने की अपील कर रहे थे। भाजपा का कोर वोटर व्यापारी वर्ग भी योगी के सर्मथन में प्रचार करने लगा था। जनसंपर्क के लिए एक दर्जन टीम बनाई गई थी। लेकिन, पहली सूची के साथ ही योगी आदित्यनाथ पीछे हट गए। सीट पार्टी तय करती है यह किसी कार्यकर्ता या पार्टी पदाधिकारी बोले तो अनुशासन माना जा सकता है लेकिन किसी मुख्यमंत्री को इतनी छूट तो जरूर होती है कि वह अपने प्रदेश में किसी भी सीट से चुनाव लड़ ले…?बंगाल में पिछले साल ममता दीदी ने अपनी सुरक्षित सीट भवानीपुर को छोड़कर नंदीग्राम से सुवेंदु अधिकारी को टक्कर देने के लिए मैदान में आ गई थीं…परिणाम जो भी रहा हो लेकिन दीदी ने चुनौती स्वीकार की। यहां बाबा तो खुद पीछे हट गए…..!दरअसल, बाबा को पता है कि इस बार उनकी कुर्सी तक सुरक्षित नहीं है। ऐसे में अगर वे अयोध्या से चुनाव लड़ते और हार जाते तो उनके लिए लखनऊ और दिल्ली दोनों दूर हो जाते…..ऐसे में बाबा ने सेफ जोन में ही रहकर अपने लिए गोरखपुर सीट आरक्षित कर लिया है। अयोध्या में 93% हिंदू आबादी होने के बावजूद बैकड्रॉ होना बताता है कि राममंदिर निर्माण के बावजूद वहां के हिंदू सरकार के कामकाज से खुश नहीं है….। दूसरी बात की 2017 विधानसभा चुनाव में भयंकर लहर के बावजूद यहां बीजेपी को 49% वोट मिले थे। लेकिन, 2012 विधानसभा चुनाव में भाजपा को यहां 25% वोट ही मिले थे। सपा 28% वोट शेयर के साथ बड़ी पार्टी रही थी। इसके अलावा यूपी में ब्राह्मणों की नाराजगी भी यहां मुश्किल खड़ी कर सकती थी इसलिए लौट के बाबा घर को आए…?
भारत में अमीर-गरीब की खाई बढ़ी…..
कोरोना महामारी के दौरान जहां एक ओर देश में गरीबों के सामने खाने-पीने का संकट पैदा हो गया था, तो दूसरी तरफ इस दौरान देश में अरबपति अमीरों की संख्या बढ़ गई है।गैर सरकारी संगठन ऑक्सफैम इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में जहां भारत में 84 प्रतिशत परिवारों की आय में गिरावट आई, वहीं भारतीय अरबपतियों की संख्या 102 से बढ़कर 142 हो गई।ऑक्सफैम इंडिया की तरफ से वार्षिक असमानता सर्वे जारी किया गया है। इसके अनुसार, कोरोना काल में भारतीय अरबपतियों की कुल संपत्ति दोगुनी हो गई इनकी अमीरी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि टॉप-10 अमीरों के पास इतनी दौलत है कि वे देश के सभी स्कूलों और कॉलेजों को अगले 25 सालों तक चला सकते हैं।98 अमीर लोगों के पास 55.5 करोड़ गरीब लोगों के बराबर दौलत….!
इस आर्थिक असमानता रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 142 अरबपतियों की कुल दौलत 719 बिलियन डॉलर, यानी 53 लाख करोड़ रुपए है। 98 सबसे अमीर लोगों के पास 55.5 करोड़ गरीब लोगों के बराबर दौलत है। यह करीब 657 बिलियन डॉलर, यानी 49 लाख करोड़ रुपए होती है। इन 98 परिवारों की कुल दौलत भारत सरकार के टोटल बजट का करीब 41% है।
छग काडर की उमा देवी एडीशनल सेक्रेटरी होम बनी …
छत्तीसगढ़ कैडर की आईएफएस उमा देवी
केंद्रीय गृह मंत्रालय में एडीशनल सेक्रेटरी बनाई गईं हैँ। 87 बैच की आईएफएस उमा देवी
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम की पत्नी हैं। वर्तमान में सुब्रमण्यम दिल्ली में सेक्रेटरी कॉमर्स के पद पर पदस्थ हैं. ये भी छ्ग काडर के 87 बैच के आईएएस हैं तथा छ्ग के वर्तमान मुख्य सचिव अभिताभ जैन (आईएएस 89 बैच)से वरिष्ठ अफसर हैं..
बस्तर में बनेगी फोरलेन सुरंग….
छत्तीसगढ़ की पहली फोरलेन सुरंग बस्तर संभाग में बनने जा रही है. केन्द्र सरकार की भारतमाला परियोजना के तहत ये सुरंग बनाई जाएगी. परियोजना के तहत रायपुर से विशाखापट्टनम तक एक्सप्रेस-वे बनना है. इस एक्सप्रेस वे में कुल 3 सुरंग बनेंगी, जिसमें से एक सुरंग छत्तीसगढ़ के बस्तर में बनेगी. सुरंग करीब ढाई किलोमीटर लंबी होगी. एक्सप्रेस-वे का काम इसी साल 2022 में ही शुरू हो जाएगा. केन्द्र सरकार के इकोनामिक कॉरिडोर के तहत इस एक्सप्रेस-वे को विकसित किया जाएगा. छत्तीसगढ़ की पहली ढाई किलोमीटर लंबी सुरंग बस्तर संभाग के केशकाल की पहाड़ियों से होकर गुजरेगी।इस परियोजना के तहत बन रहे इस फोरलेन एक्सप्रेस वे पर ओड़िशा में 2 और सुरंगें बनाई जाएंगी. परियोजना के तहत रायपुर के अभनपुर से यह एक्सप्रेस वे शुरू होगा, जो आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में सब्बावरम तक बनाया जाएगा. बता दें कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से विशाखापट्टनम के बीच जगदलपुर होकर जाने से करीब 625 किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ती है. इस मार्ग पर केशकाल, सुनकी व सालूर घाटियों को पार करना होता है. बताया जा रहा है कि भारतमाला परियोजना के तहत बनाए जाने वाले एक्सप्रेस-वे से यह दूरी लगभग 175 किलोमीटर तक कम हो जाएगी।
डोमन सिंह को छठवें जिले की कमान…
प्रमोटी आईएएस डोमन सिंह को मुंगेली, कोरिया, कांकेर,पेंड्रारोड गौरेला, महासमुंद के बाद अब बलौदाबाजार का कलेक्टर बनाया गया है… एक छत्तीसगढ़िया प्रमोटी आईएएस अफसर की इस उपलब्धि कई लोगों के लिए ईर्ष्या का कारण भी बन सकता है… खैर 2009 बैच के डोमन सिंह रायपुर में एडीऍम भी रह चुके हैँ…..बालोद जिले के रहने वाले डोमनसिंह कांकेर में अधिक समय नहीं रह सके क्योंकि उनकी पदस्थापना के बाद ही लोक सभा चुनाव की घोषणा हो गई और कांकेर लोक सभा के अंतर्गत बालोद आता है इसलिए गृह जिला होने के कारण वे जल्दी हटा दिये गये.. बहरहाल अभी तक छ्ग राज्य बनने के बाद 4जिलों में कलेक्टर बनने का रिकॉर्ड सुबोध सिंह, ठाकुर रामसिंह, सिद्धार्थ कोमल परदेशी, सोनमणि वोरा, दयानन्द, भीम सिंह तथा एक मात्र महिला अधिकारी किरण कौशल के नाम दर्ज है। ठाकुर राम सिंह प्रमोटी आईएएस होने के साथ ही रायपुर, बिलासपुर रायगढ़ तथा दुर्ग जैसे बड़े जिले में सफल कलेक्टरी करने का रिकॉर्ड बना चुके हैँ…
और अब बस….
0 छ्ग सरकार के एक मंत्री के खिलाफ कभी पार्टी के विधायक मोर्चा खोल देते हैँ तो कभी उन्ही के विभाग का रिटायर अफसर…..
0निलंबित आईपीएस जीपी सिंह को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 14 दिन की न्यायिक हिरासत पर जेल भेज दिया गया है। छ्ग में संभवत:ये पहले आईपीएस होंगे जो जेल गये हैं!