ये दबदबा,ये हुकूमत, ये नशा,ये दौलतें….. सब किरायेदार हैं, घर बदलते रहते हैं…..

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार ) 

देश के 5 विधानसभा चुनाव के असल नतीजे तो 3 दिसंबर को आने वाले हैं लेकिन उससे पहले एग्जिट पोल्स से इन चुनावों में जनता का मूड जरूर पता चल रहा है छत्तीसगढ़,मप्र राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम विधानसभा में जनता का फैसला ईवीएम में बंद हो चुका है।अलग अलग एग्जिट के आधार पर ‘पोल ऑफ पोल्स’ के नतीजों को ही यदि परिणाम मान लिया जाए तो छत्तीसगढ़,राजस्थान और तेलंगाना में कॉंग्रेस की सरकार बनते हुए दिखाई दे रही है तो मप्र में भाजपा की सरकार बन सकती है वहीं मिजोरम में भाजपा समर्थित पार्टी की सरकार बन सकती है।छ्ग में कांग्रेस की सरकार फिर से बनती दिख रही है।वहीं मप्र में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है।लेकिन पोल ऑफ पोल्स में यहां फिर से शिवराज सरकार का अनुमान है। राजस्थान में मुकाबला कांटे का है।पर यहां कांग्रेस की फिर सरकार बन सकती है।तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बनती दिख रही है।हालांकि ये केवल एग्जिट पोल्स के अनुमान हैं और मतगणना के दिन अंतिम परिणाम सामने आएगा….?

छत्तीसगढ़ और मिथक
का बनना-बिगड़ना….?   

छत्तीसगढ़ की राजनीति में नया राज्य बनने के पहले तथा बाद में कुछ मिथक हर बार चर्चा में रहते हैं। पहला मिथक विधानसभा अध्यक्ष, दूसरा मिथक नेता प्रतिपक्ष,तीसरा मिथक पंचायत मंत्री,चौथा मिथक महिला बाल विकास मंत्री को लेकर है, देखना यह है कि 3 दिसम्बर को क्या होता है….?नया छत्तीसगढ़ राज्य बना तो पहले विधानसभा अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद शुक्ला बने। 2003 को छ्ग के पहले विस चुनाव में वे जीत गये पर कांग्रेस की सरकार नहीं बनी उसके बाद लगातार विधानसभा अध्यक्ष अगला चुनाव हारते आ रहे हैं।भाजपा की पहली सरकार बनी प्रेम प्रकाश पांडे विस अध्यक्ष बने पर 2008 का अगला चुनाव वे हार गये।2008 में धरमलाल कौशिक विस अध्यक्ष बने पर 2013 का अगला चुनाव वे हार गये और 2013 में गौरीशंकर अग्रवाल विस अध्यक्ष बने हैं और अगला2018 का चुनाव वे भी हार गये यानि विस अध्यक्ष हारते हैँ तो उस पार्टी की सरकार बनती है।2018 में कांग्रेस की सरकार बनी और डॉ चरणदास महंत विस अध्यक्ष बने,वे इस बार भी चुनाव समर में उतरे हैं।नेता प्रतिपक्ष के साथ ही यही मिथक जुड़ा है कि वे अगला चुनाव हार जाते हैं। छ्ग नया राज्य बना तो नंदकुमार साय पहले नेता प्रतिपक्ष बने पर अगला 2003 का विस चुनाव वे अजीत जोगी से हार गये। 2003 में महेन्द्र कर्मा नेता प्रतिपक्ष बने पर 2008 का विस चुनाव वे हार गये।2008 में रविंद्र चौबे नेता प्रतिपक्ष बने पर 2013 का विस चुनाव वे हार गये उन्हें अपने जीवन में पहली बार चुनाव में पराजय का सामना करना पड़ा था। 2013 में टीएस सिंहदेव को नेता प्रतिपक्ष के पद की जिम्मेदारी दी गई है पर वे चुनाव में इस मिथक को तोड़ते हुए 2018 का चुनाव जीत गये है।2018 के विस चुनाव के बाद नेता प्रतिपक्ष दो लोग बने धरमलाल कौशिक और उनके बाद नारायण चंदेल… मौजूदा चुनाव में दोनों चुनाव समर में हैँ,3 को मतगणना में क्या होता है यह देखना है?पंचायत मंत्री भी अगला चुनाव हार जाते हैं। नया राज्य बनने के बाद अजीत जोगी के कार्यकाल में अमितेष शुक्ला पंचायत मंत्री बने पर अमितेष शुक्ला अगला चुनाव हार गये। भाजपा की पहली सरकार बनी और अजय चंद्राकर पंचायत मंत्री बने पर उन्हें भी अगले चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद रामविचार नेताम पंचायत मंत्री बने बाद में हेमचंद यादव को पंचायत मंत्री बनाया गया पर 2013 के चुनाव में दोनों हार गये। बाद में अजय चंद्राकर पंचायत मंत्री बने उन्होंने मिथक तोड़ते अगला चुनाव जीता पर सरकार कॉंग्रेस की बनी।नये राज्य में महिला एवं बाल विकास मंत्री भी अगले चुनाव में पराजित हो जाती हैं। अजीत जोगी की सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री गीता देवी को बनाया गया था पर 2003 का चुनाव और 2004 के उप चुनाव में उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा।भाजपा की पहली सरकार में रेणुका सिंह तथा दूसरी सरकार में लता उसेंडी इस पद पर रहीं पर अगले चुनाव में इन्हें भी पराजित होना पड़ा।रमन सिंह की तीसरी सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री के पद पर रमशीला साहू पदस्थ हुई थी पर,उन्हें तोअगले चुनाव में टिकट ही नहीं दी गई।भूपेश की सरकार में अनिला भेड़िया को महिला एवं बालविकास मंत्री बनाया गया,वे भी इस बार चुनाव समर में हैं….?

मप्र की कार्यवाहक सीएस वीरा राणा रायपुर में भी रह चुकी हैं पदस्थ…… 

मध्य प्रदेश में नए मुख्य सचिव को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। इस रेस में सबसे आगे 1988 बैच की आईएएस अधिकारी वीरा राणा चल रही हैं। उन्हें चुनाव आयोग ने कार्यवाहक मुख्य सचिव बना दिया है,हालांकि उनके सीएस बनने पर अंतिम मुहर मप्र की नई सरकार लगाएगी।यहाँ यह बताना जरुरी है कि श्रीमती वीरा संजय राणा अविभाजित मप्र में रायपुर में एडीशनल कलेक्टर रह चुकीं हैं तो इनके पति 1986 बैच के आईपीएस संजय राणा रायपुर के पुलिस कप्तान भी रह चुके हैं।दरअसल मप्र के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस का कार्यकाल 30 नवंबर को समाप्त हो गया।ऐसे में निर्वाचन आयोग ने वरिष्ठ आईएएस वीरा राणा को कार्यवाहक मुख्य सचिव बनाने का आदेश जारी कर दिया है।वीरा राणा 1988 बैच की आईएएस अफसर हैं।वीरा राणा मूल रुप उप्र की रहने वाली हैं अगर राणा पूर्णकलिक मुख्य सचिव बनती हैं तो वे मप्र शासन की दूसरी महिला होंगी जो मुख्य सचिव बनेंगी।इनसे पहले निर्मला बुच मप्र की पहली महिला मुख्य सचिव रह चुकी हैं।इनका कार्यकाल 22 सितंबर 1991 से एक जनवरी 1993 तक था।

महंगी यात्रा और बार- बार
रेल भी होती है रद्द..

पहले कहा जाता था कि रेल की आग (कोयला इंजन)जेल की आग (जेल के भीतर रसोई घर) कभी नहीं बुझती है यानि रेल रोजाना चलती हैऔर जेल की रसोई में भी रोज खाना बनता ही है पर,कोरोना काल में रेल बंद की गई और उसके बाद तो कभी आधुनिकता, कभी सुधार के नाम पर कभी भी रेल बंद कर दी जाती है।कोरोना के बाद कुछ रेलों में यात्री किराया बढ़ाया गया वह अभी भी चल रहा है।बुजुर्गो सहित अन्य वर्गों,महिलाओं को भी यात्रा में दी जाने वाली छूट भी समाप्त कर दी गई, सांसदों, विधायकों की छूट जारी है…?छग में ट्रेनें लगातार रद्द हो रही हैं। ट्रेनों के रद्द होने का सिलसिला करीब साल भर से चल रहा है। किसी न किसी कारण से रेलवे लगातार गाड़ियों को रद्द कर रहा है।इसे लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी होती रही है पर ट्रेनों के रद्द होने का क्रम बदस्तूर जारी है। छत्तीसगढ़ से बड़ी संख्या में यूपी-बिहार जाने वाले यात्रियों को बड़ा झटका लगा है।उत्तर पूर्व रेलवे की ओर से सारनाथ एक्सप्रेस को 2 दिसम्बर 2023 से 29 फरवरी 2024 के बीच कई तारीखों को रद्द की गई है। रेलवे इसके पीछे की वजह कोहरे की आशंका को बता रहा है। यहाँ यह बताना जरुरी है कि प्रयागराज सीधे जाने वाली सारनाथ एक मात्र रेल है।खैर छग से होकर चलने वाली 18 ट्रनों को भी रद्द किया गया है।यह काम 27 नवंबर 2023 से 23 मार्च 2024 तक किया गया है।इन ट्रेनों के रद्द होने के कारण दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के रायपुर स्टेशन से उत्तर प्रदेश जाने वाले कई ट्रेनें रद्द रहेगी। इससे रेल यात्रियों कोकाफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।सवाल यहीं उठ रहा है कि निम्न,माध्यमवर्गीय लोग क्या करेंगे …. वह तो टैक्सी या विमान से यात्रा करने में समर्थ नहीं है?

छ्ग विस परिणाम,सबसे पहले,
सबसे बाद में कौन…..

कवर्धा, कसडोल, पंडारिया,सारंगढ़, जशपुर,बिल्हाऔर मस्तूरी विधानसभा सीट का परिणाम सबसे देर से आएगा।यहां के लोगों को इस बात का लंबा इंतजार करना पड़ेगा कि उनके क्षेत्र का विधायक कौन बना। जानकारी के अनुसार कवर्धा सीट में 29 राउंड में मतगणना होगी।कसडोल में भी 29 राउंड में होगी। वहीं,पंडरिया सीट में वोटों की गिनती 28 राउंड में पूरी होगी।इधर मनेन्द्रगढ़ सीट में वोटों की गिनती सबसे पहले होगी क्योंकि यहां गिनती 11 राउंड में होगी।उसके बाद भिलाई नगर सीट में 12 राउंड में गिनती पूरी होगी।मनेन्द्रगढ़ और भिलाई नगर के अलावा रायपुर उत्तर,बस्तर,दुर्ग शहर,पामगढ़,जांजगीर ,दुर्ग ग्रामीण,बिलासपुर,राजनांदगांव सीट के परिणाम सबसे पहले आएंगे?

और अब बस…..

0रायपुर की चारों विस सीटों में जीत-हार को लेकर सबसे अधिक शर्त लगाई जा रही है?
0कांग्रेस में एक युवा आदिवासी नेता भी सीएम बनने का सपना देखने लगे हैँ ?
0 देखना है कि कितने बड़े नेता पुन:चुनकर आते हैं?

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