नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी ने किसी को भी नहीं छोड़ा है, तो सरकार के सामने ऐसे हालातों को भी ला दिया है, जो किसी भी व्यवस्था के लिए शर्म की बात है। इस दौर में अलग-अलग खेलों से खिलाड़ियों की ऐसी तस्वीरें भी सामने आयी हैं, जो अपना पेट पालने के लिए न जाने क्या-क्या कर रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं भारतीय दिव्यांग टीम के कप्तान राजेंद्र सिंह धामी । राजेंद्र पर हालात की ऐसी मार पड़ी कि यह पूर्व कप्तान अब मनरेगा के तहत पत्थर तोड़ने का काम कर रहा है और इतना होने पर भी अभी तक उत्तराखंड या केंद्र सरकार ने इस अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी और बीएड डिग्रीधारी की कोई सुध नहीं ली है। उत्तराखंड व्हीलचेयर टीम के कप्तान रहे राजेंद्र सिंह धामी को तमाम कोशिशें करने के बावजूद राज्य सरकार से कोई मदद नहीं ही मिली. बता दें कि राजेंद्र सिंह धामी खुद की अपनी टीम भी तैयार कर रहे हैं। वह 19 युवा खिलाड़ियों को कोचिंग भी दे रहे हैं. लेकिन बदनसीबी देखिए कि यह दिव्यांग क्रिकेटर जीवन चलाने के लिए महात्मा गांधी रोजगार योजना के तहत निर्माण में इस्तेमाल होने वाले पत्थर तोड़ रहे हैं।