शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )
कांग्रेस पार्टी देश में शांति और भाईचारा चाहती थी, इसलिये पूजा स्थलों की सुरक्षा के लिये 1991 में कानून लायी थी, जिसमें कहा गया है कि 1947 से पहले सभी धार्मिक स्थलों की जो स्थिति इस देश में थी वही स्थिति बनी रहेगी । उसमें कोई, किसी तरह का कोई सवाल नहीं उठाएगा, कोई छेड़छाड़ नहीं करेगा, अदालतें भी किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं करेगीं।कांग्रेस की सोच थी कि देश अगर धार्मिक विवादों में उलझा रहेगा तो तरक्की नहीं कर पायेगा ! मगर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस चंद्रचूड़ सिंह ने फैसला सुनाया कि भले 1991का कानून बदला नहीं जा सकता मगर धार्मिक स्थलों कि जाँच तो की ही जा सकती है ! इस फैसले ने नफरती गिरोह ने फायदा उठाते हुये ही हर मस्जिद पर मंदिर होने का दावा ठोकना शुरू कर दिया और जाँच की मांग करने लगे ! नतीजा हर तरफ नफ रत और तनाव है ! हाल ही में यूपी के संभल में मस्जिद पर हुये विवाद को लेकर दंगा शुरू हुआ ! आगज़नी हुई,5 मुस्लिमों की गोली मारकर हत्या कर दी गई, अब तो उस अजमेर शरीफ पर सवाल उठ रहे हैं जहाँ पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू से लेकर नरेंद्र मोदी तक ने चादर भेजी है!अब देश के हर मस्जिद की, हर दरगाह की,ईदगाह की,कब्र गाह की जाँच की जायेगी या सर्वे कराया जायेगा…! जय श्रीराम के जयघोष से पूरा देश गुंजायमान होगा, अदालतें साथ देंगी….तंत्र साथ देगा….लोकतंत्र के नाम पर सरकारें साथ देंगी, ऐसे में हमारा देश निश्चित ही विश्वगुरु बनेगा…..!
छत्तीसगढ़िया मुख्य
सचिव का बना रिकार्ड …
छग में 89 बैच के आई एएस अमिताभ जैन ने सबसे लम्बे समय तक (सी एस) मुख्य सचिव रहने का रिकार्ड अपने नाम करलिया है,अमिताभ जून 25में रिटा यर हो जाएंगे,अमिताभ के बाद कौन..अब यह सवाल उठ रहा है। 89बैच के जैन हैं। उनके बाद 90 बैच का कोई आईएएस छग में नहीं है। 91 बैच की आईएएस रेणु जी पिल्ले हैं तो 92 बैच के हैँ,सुब्रत साहू।अभीदोनों ही एडीशनल चीफ सेक्रेटरी है।वहीं इनके बाद 93 बैच के आईएएस अमित अग्र वाल प्रतिनियुक्ति में है। इस के बाद 94 बैच की रिचा शर्मा,निधी छिब्बर, विकास शील और मनोज पिंगुआ हैं जिनमें मनोज पिंगुआ को छोड़कर बाकी तीन को केंद्र सरकार ने एडीशनल सेक्रे टरी इम्पेनल किया है, वैसे अमिताभ और रेणु पिल्ले केंद्र में एडीशनल सेक्रेटरी इम्पेनल पहले ही हो चुके हैं अमित अग्रवाल एडीशनल सेक्रेटरी के तौर पर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। खैर 94 के बाद 95 बैच की मनिंदर कौर,गौरव द्विवेदी हैँ,तो 97 बैच की निहारिका बारिक हैं। 98 बैच के सुबोध सिंह हैं, 99 बैच के सोनमणी वोरा हैँ ।2001की शहला निगार,2002 के डॉ.कमल प्रीतसिंह, डॉ. रोहित यादव हैं।2003 बैच की ऋतुसेन, सिद्धार्थ कोमल परदेशी, 2004 बैच की पी.संगीता, आर.प्रसन्ना,अमित कटा रिया,अवलंगन पी,अलर मेल मंगई डी हैँ। बहरहाल अमिताभ मुख्य सचिव का कार्यकाल जून 2025 तक रहेगा।
छग में भी पुलिस
कमिश्नर प्रणाली…?
शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है,स्थितियां बदल रही हैं,ऐसे में कानून व्यवस्था के सामने नई चुनौतियां पैदा हो रही हैं, पड़ोसी राज्य मप्र के भोपाल, इंदौर में कानून व्यवस्था को बेहतर करने के लिए कमिश्नर सिस्टम लागू किया है,इधर छग में भी इस प्रणाली को राज धानी रायपुर में लागू होने के कयास लगाए जा रहे हैं। छ्ग के पहले सीएम,आईपी एस/आईएएस रहे अजीत जोगी ने भी इसके लिए पहल की थी पर नए राज्य में तत्काल संभव नही हो सका था।कमिश्नर प्रणाली को आसान भाषा में समझें तो फिलहाल पुलिस अधि कारी कोई भी फैसला लेने के लिए स्वतंत्र नहीं होते हैं। आकस्मिक परिस्थितियों में डीएम,मंडल कमिश्नर या शासन के दिए निर्देश पर ही काम करते हैं, पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने पर कलेक्टर,एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के ये अधिकार पुलिस अधिकारियों को मिल जाएंगे,इसमें होटल बार के लाइसेंस,हथियार के लाइसेंस देने का अधिकार उन्हें मिल जाता है। इसके अलावा धरना,प्रदर्शन की अनुमति देना,दंगे के दौरान लाठी चार्ज या कितना बल प्रयोग हो ये निर्णय सीधे पुलिस ही करेगी,उनकेअधि कार, ताकत बढ़ जाएगी पुलिस खुद फैसला लेने की हकदार हो जाएगी। माना जाता है कि कानून व्यवस्था के लिए कमिश्नर प्रणाली ज्यादा बेहतर है, ऐसे में पुलिस कमिश्नर कोई भी निर्णय खुद ले सकते हैं, पुलिसिंग व्यवस्था में ये अधिकार जिलाधिकारी (डीएम) के पास होते हैं, कमिश्नरी प्रणाली लागू होने से पुलिस बल बढ़ जाएगा, सबसे पहले कमिश्नर का मुख्यालय बनेगा,एडीजी स्तर के सीनियर आईपीएस पुलिस कमिश्नर के पद पर तैनात होंगे,शहर को जोन में बांटा जाएगा,जोन में डी सीपी की भी तैनाती की जाएगी,प्रणाली लागू होने पर पुलिस आयुक्त या कमि श्नर-सीपी संयुक्त आयुक्त या ज्वॉइंट कमिश्नर–जेसी पी,डिप्टी कमिश्नर- डीसीपी सहायक आयुक्त- एसीपी। वैसे आजादी से पहले के दौर में कमिश्नर प्रणालीलागू थी,आजादी के बाद भारत की पुलिस ने अपनाया…, कमिश्नर व्यवस्था में पुलिस कमिश्नर का सर्वोच्च पद होता,अंग्रेजों के जमाने में ये कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में हुआ करता था. इसमें ज्यूडिशियल पावर कमिश्नर के पास होता है, यह पुलिस प्रणाली अधि नियम,1861 पर आधारित है। यहां यह बताना जरुरी है कि रायपुर की आबादी 15 लाख पार कर गई है (2011 की जन गणना मे 10 लाख की आबादी हो चुकी थी) 215 वर्ग किमी इसका क्षेत्रफल है।कानून व्यवस्था के संचालन में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने पर विचार किया जाना अब समय की मांग है।
डीपीआर अजय सहित
14 बने आईएएस
जनसंपर्क संचालक अजय अग्रवाल समेत राज्य सेवा के 14 अफसर आईएएस प्रमोट हो गए हैं।दिल्ली में डीपीसी की बैठक में छ्ग शासन ने 3 दर्जन अफसरों का नाम डीपीसी के लिए भेजा था, सौम्या चौरसिया आरती वासनिक,तीर्थराज अग्रवाल का मामला लटक गया है। कोल घोटाला के मामले में सौम्या चौरसिया जेल में बंद हैं। पीएससी घोटाला में आरती वासनिक के खिलाफ एफ आईआर दर्ज है।विभागीय जांच चल रही है। तीर्थराज अग्रवाल के खिलाफ चल रही जांच खत्म हो गई है। शासन ने उन्हें क्लीन चीट दे दी है।एक मामला कोर्ट में विचारा धीन है।पिछले प्रमोशन में चुके संतोष देवांगन और हीना नेताम को भी प्रमोट किया गया है।राज्य प्रशा सनिक सेवा से आईएएस बनने वाले अफसरों में संतोष देवांगन,हीना नेताम, अश्वनी देवांगन,रेणुकाश्रीवा स्तव,आशुतोषपांडेय,अजय अग्रवाल रीता श्रीवास्तव, लोकेश चंद्राकर,प्रकाश सर्वे गजेंद्र ठाकुर,लीना कोसम, तुनजा सलाम,वीरेंद्र बहादुर पंच भाई और सौमिल चौबे के नाम शामिल हैं।
और अब बस…..
0छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनावों में अब मेयर और अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होगा, यानी पार्षद के साथ ही मेयर और अध्यक्ष के लिए भी जनता ही वोट करेगी।
0राजनांदगांव जिले में डोंगरगढ़ ब्लॉक के जार वाही निवासी बीरेंद्र साहू की सगाई डोंगरगांव क्षेत्र के ग्राम करियाटोला कीज्योति साहू के साथ हुई।सगाई की सारी रस्म होने के बाद हेल मेट पहनकर सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता का संदेश दिया।