1964 में था माना में फ़्लाइंग क्लब,राजीव भी आते थे यात्री विमान लेकर..

{किश्त 129} 

अविभाजित मप्र के सीएम द्वारिकाप्रसाद मिश्र ने इंदौर की तर्ज पर पर ही रायपुर में सबसे पहले 1964 में ईस्टर्न एमपी फ्लाइंग क्लब का उद्घाटन माना में किया था। ईस्टर्न एमपी फ़्लाइंग क्लब की बात है तो उस समय में वह निश्चित ही एक दूरदर्शी कदम था। इसके लिये श्यामाचरण शुक्ल ने जोर डाला था ! उस समय इंदौर में ही एक फ्लाइंग क्लब था जिसमें नौजवान वायुयान उड़ाना सीखते थे। रायपुर में स्थापना होने से छग के नौजवानों के लिए एक नए अवसर के द्वार भी खुलने की उम्मीद थी, यह प्रदेश का दुर्भाग्य था कि 1977 में ओछी राजनीति के चलते इसे बंद कर दिया गया।वैसे ज़ब फ़्लाइंग क्लब माना में बंद हो गया तो प्रशिक्षण देनेवाले छोटे विमान के कुछ कलपुर्जे भी गायब हो गये थे,बाद में उन्हें मौदहापारा में किसी कबाड़ी के पास से बरामद करने की भी चर्चा रही थी।

1975 में बना लेकिन
कई साल रहा वीरान

रायपुर एयरपोर्ट से जुड़े कुछ कर्मचारियों की मानें तो रायपुर हवाई अड्डा की पुरानी बिल्डिंग 1975 में बनाई गई थी। शुरुआती वर्षों में इस हवाई अड्डा से एक भी फ्लाइट किसी भी शहर के लिए उड़ान नहीं भरती थी। उस समय केवल राजनेताओं,अफसरों, कारो बारियों के विमान उतरा करते थे। कई वर्षों के बाद यहाँ से पहली बार दिल्ली के लिए एयर इंडिया की फ्लाइट शुरू हुई थी।तब मप्र के सीएम पंडित श्यामा चरण शुक्ल का सीधासंबंध रायपुर से होने की वजह से उनका विमान सबसेअधिक रायपुर आया करता था।

राजीव गांधी बतौर
पायलेट माना आते थे…

बहरहाल जनता पार्टी की देश में सरकार बनी,माना विमानतल में बतौर पायलेट राजीव गांधी विमान लेकर आते थे, दरअसल उस समय रायपुर के सांसद पुरुषोत्तम लाल कौशिक विमानन एवं उड्डयन मंत्री हो गये थे और उन्हें लेने- छोड़ने माना विमानतल तब के कलेक्टर अजीत जोगी जाया करते थे। तब कभी- कभार पायलेट राजीवगांधी विमान लेकर रायपुर आया करते थे। स्व.अजीत जोगी ने एक बार बताया था कि राजीव गांधी उन्हें हमेशा मिस्टर कलेक्टर कहकर संबोधित करते थे। उन्होंने एक बार कहा भी था कि माना विमानतल को नया रुप दें और बाद में जोगी ने माना विमानतल को नया रूप दिया। वहां स्थित एक कमरे को सुसज्जित भी किया था ताकि वीआईपी आकर वहां बैठ सकें।उस विशेष कक्ष में ही पहले बड़े राजनेताओं की पत्रवार्ता भी होती थीं। राजीव गाँधी से अजीत जोगी की निकटता बाद में जोगी के राज्यसभा,लोकसभा होकर छ्ग के पहले सीएम बनने का शायद मार्ग बनने में सहायक भी बना… !

अत्याधुनिक बना
रायपुर का एयरपोर्ट

छत्तीसगढ़ बनने के बाद सन 2000 में रायपुर एयरपोर्ट से एयर इंडिया की केवल दो फ्लाइट दिल्ली और मुंबई के लिए उड़ान भरती थी।सुबह दिल्ली- मुंबई से फ्लाइट आती थी और उसी समय चली जाती थी,यानी दोनों शहरों से एक ही दिन में आना-जाना भी नहीं होता था।सुबह फ्लाइट से दिल्ली-मुंबई जाने पर दूसरे दिन की फ्लाइट का इंतजार करना पड़ता था। बाद में एक अत्याधुनिक एयरपोर्ट बना जिसका स्वामी विवेकानंद के नाम पर नामकरण किया गया। अब एक दिन में करीब 22 शहरों के लिए रायपुर से ही उड़ानें भी संचालित हो रही हैं।

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