मुख्यमंत्री किसान मेला-2024 कार्यक्रम में हुए शामिल
रायपुर। विशेष पिछड़ी जनजाति अबुझमाड़िया बाहुल्य नारायणपुर जिला मुख्यालय में संचालित रामकृष्ण मिशन आश्रम परिसर में अब महाविद्यालय का संचालन भी किया जाएगा। नारायणपुर जिले के कुम्हारपारा रामकृष्ण मिशन आश्रम परिसर में आयोजित किसान मेले में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि इससे अब यहां अध्ययनरत अबूझमाड़िया युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाना नहीं पड़ेगा। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने तीरंदाजी प्रशिक्षण ले रहे युवाओं से मुलाकात की और मलखंब के प्रदर्शन का आनंद भी लिया। उन्होंने प्रशिक्षार्थियों के आग्रह पर तीर धनुष लेकर सीधे लक्ष्य पर निशाना लगाया। साथ ही मुख्यमंत्री श्री साय ने नारायणपुर जिले में 108 करोड़ रूपए से अधिक लागत के विभिन्न विकास कार्याें का लोकार्पण-भूमिपूजन भी किया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि रामकृष्ण मिशन आश्रम द्वारा किसान मेले के माध्यम से नारायणपुर जिले के किसानों के कल्याण के लिए बड़ी सुंदर पहल की गई है। किसानों को इस मेले से बड़ा लाभ होगा। उन्होंने कहा कि रामकृष्ण मिशन ने ऐसे कठिन क्षेत्र में विभिन्न चुनौतियों के बावजूद गांव-गांव जाकर शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में अद्भुत कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन-प्रशासन और रामकृष्ण मिशन के प्रयासों से यह अंचल अब पूरे देश-दुनिया में विख्यात हो रहा है। क्षेत्र के युवा मलखंब, तीरंदाजी और फुटबाल सहित विभिन्न खेलों में नाम रोशन कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि किसान मेले में दूर-दराज के इलाकों से हमारे किसान भाई आये हैं। मैंने यहां आते हुए देखा कि हमारे किसान भाई तरह-तरह की फल-सब्जियों की खेती कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे वह समय भी याद है, जब किसानों के पास अच्छी खेती के लिए पैसों की दिक्कत थी। गांव के साहूकारों से किसान औने-पौने ब्याज दर पर कर्ज लेने को मजबूर थे। किसानों के लिए पूंजी की समस्या को दूर करने का कार्य छत्तीसगढ़ के निर्माता पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न स्व अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा किया गया था। उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसानों को साहूकारी कर्ज के जाल से आजाद किया था। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने शून्य प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण देने की परंपरा प्रारंभ की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फसल बीमा योजना का सरलीकरण किया। छत्तीसगढ़ की वर्तमान सरकार ने किसानों को प्रति क्विंटल 3100 रुपए की दर पर धान खरीदने का निर्णय लिया है।
श्री साय ने कहा कि कि 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान की खरीदी का वादा हमने पूरा किया है। पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न स्व अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन सुशासन दिवस पर राज्य के 12 लाख किसानों को दो साल के बकाया धान बोनस की राशि 3716 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया है। 5500 रुपए मानक बोरा की दर से तेंदूपत्ता की खरीदी और महतारी वंदन योजना शुरू करने का कैबिनेट में निर्णय ले लिया गया है। इस योजना में विवाहित माताओं-बहनों को साल में कुल 12000 रुपए की मदद दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कैबिनेट की पहली बैठक में हमने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 18 लाख आवासों के निर्माण के लिए राशि की स्वीकृति दे दी है।
श्री साय ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अबूझमाड़ जैसे अति पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिए जो रोडमैप तैयार किया है उसकी सफलता में सेवाभावी संस्थानों का बड़ा योगदान होगा। अबुझमाड़िया जनजाति छत्तीसगढ़ की विशेष पिछड़ी जनजातियों में शामिल है। इन जनजातियों के समग्र विकास के लिए प्रधानमंत्री जनमन योजना का संचालन किया जा रहा है। इस योजना के तहत इन जनजातियों को शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, सड़क, पोषण, आवास जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इन जनजातियों को आयुष्मान कार्ड, आधार कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, जनधन खाते, गैस कनेक्शन आदि का लाभ दिया जा रहा है। सेवाभावी संस्थाओं और संगठनों के सहयोग से हम इन योजनाओं का लाभ अधिक प्रभावी तरीके से लोगों तक पहुंचा पाएंगे।
कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने अपने सम्बोधन में कहा कि रामकृष्ण मिशन अंचल के सामाजिक, आर्थिक उन्नयन के लिए अपनी सक्रिय भागीदारी निभा रहा है। सुदूर अंचल के किसानों, युवाओं को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए अनेक गतिविधियां संचालित की जा रही है। जिसने युवाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है।
इस अवसर पर वन एवं जलवायु परिवर्तन, सहकारिता एवं जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने भी सभा को संबोधित किया। कार्यक्रम में कमिश्नर श्याम धावड़े, पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी, कलेक्टर विपिन मांझी, पुलिस अधीक्षक पुष्कर शर्मा, रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी व्याप्तानंद और अन्य पदाधिकारी, विद्यार्थी तथा बड़ी संख्या में क्षेत्र के गणमान्य नागरिक तथा कृषकगण उपस्थित थे।