शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )


छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सीबीआई की टीम ने छापेमारी की है।पूर्व सीएम भूपेश बघेल के आवास पर सीबीआई ने छापा मारा। महादेव सट्टा ऐप मामले में बघेल के घर समेत कई जगहों पर छापे मारी की गई,यह पहली बार है जब सीबीआई ने इस मामले में छापेमारी की है। इससे पहले इस मामले की जांच ईडी द्वारा की जा रही थी। सीबीआई की टीम ने बघेल,उनके ओएसडी के अलावा उनके राजनीतिक सलाहकार रहे विनोद वर्मा विधायक देवेंद्र यादव, आई पीएस शेख आरिफ,आनंद छाबड़ा,अभिषेक पल्लव, प्रशांत अग्रवाल,पूर्व आईए एस अनिल टुटेजा, एएसपी अभिषेक माहेश्वरी,संजय ध्रुव के ठिकानों पर छापे मारी की है।सीबीआई की कार्रवाई के बाद बघेल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा- अब सीबीआई आ गई है। 8-9 अप्रैल को अहमदाबाद में होने वाली एआईसीसी की ड्राफ्टिंग कमेटी की बैठक के लिए दिल्ली जाने की योजनाथी। उससे पहले सीबीआई राय पुर-भिलाई स्थित आवास पर पहुंच गई है।
जानें क्या है
महादेव ऐप…..
महादेव बेटिंग ऐप ऑन लाइन सट्टेबाजी के लिए बनाया गया है। इस पर यूजर्स ने चांस गेम्स, कार्ड गेम्स, पोकर नामक लाइव गेम खेले। ऐप के माध्यम से क्रिकेट, बैडमिंटन फुटबॉल जैसे खेलों के साथ- साथ चुनावों पर भी अवैध रूप से सट्टा लगा रहा था। इस ऐप के सबसे अधिक खाते छत्तीसगढ़ में खोले गए।
ऐप के साथ भी
धोखाधड़ी की गई…..
इस ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल इसे फ्रैंचाइज़ी के रूप में बेच रहे थे। उपयोगकर्ता को शुरू में लाभ होगा और फिर नुकसान होगा। जान कारी के मुताबिक, ऐप के प्रमोटर ने ऐसा एल्गोरिदम सेट किया था कि ऐप में निवेश करने वाले ग्राहकों में से केवल 30 % ही जीत पाते थे। दोनों प्रमोटरों ने कमाई का 80 %हिस्सा अपने पास रख लिया।
पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा
सभी घोटाले में शामिल…
मप्र में डिप्टी कलेक्टर बने अनिल टुटेजा को छ्ग बनने के बाद आईएएस अवार्ड हुआ, उनकी योग्यता को कोई नहीं समझा तभी तो किसी भी जिले मेंकलेक्टरी का मौका नहीं मिला और वे रिटायर हो गये,वैसे उनकी सिफारिश पर कुछकलेक्टर भी बने…?अभी फिलहाल जेल में हैं। अनिल टुटेजा,डॉ रमन सरकार में नान मामले में चर्चा में आये थे, वे रमन सरकार के करीबी रहे… लम्बा कोर्ट का दौर चला, उसके बाद भूपेश बघेल की सरकार बनी, इस सरकार के भी करीबी हो गये, भले ही वे सीएम सचिवालय में नहीं रहे पर उनकी अच्छी चलती भी थी, सुश्री सौम्या चौरसिया के जेल जाने के बाद तो फूलफार्म में आ गये थे।भूपेश सरकार में शराब घोटाला,कोयला वसूली मामला, महादेव सट्टा एप मामला चर्चा में है। ईडी, सीबीआई जाँच, छापा का दौर जारी है।अलग अलग मामले में कुछ नेता,अफसर निशाने में है पर एक बात का उल्लेख जरुरी है कि तीनों चर्चित मामले में एक ही अफसर शामिल होने की बात की जाए तो वहअनिल टूटेजा ही है।कोयला,शराब मामले में तो अनिल जेल में हैं वहीँ महादेव सट्टा मामले में भी सीबीआई ने उनके आवास में छापा मारा है।
गृहमंत्री के क्षेत्र में लम्बे
समय तक कैसे रहे एसपी!
महादेव सट्टा की शुरुआत भिलाई-दुर्ग से हुई, वहाँ जूस सेन्टर चलाने वाला एक युवक,इस सट्टा एप को शुरूकर देश विदेश में चर्चा में है, दुर्ग जिले में एसपी रहे हैं अभिषेक पल्ल्व,भूपेश की सरकार में ही दुर्ग के बाद कवर्धा (कबीरधाम)के एसपी बने, बाद में भाजपा की सरकार बनी,कवर्धा के विधायक विजय शर्मा गृह मंत्री के साथ ही डिप्टी सीएम भी बने पर अभिषेक की गजब की सेटिंग थी, उन्हें वहाँ से हटाया ही नहीं गया क्योंकि किसी ‘अजय’ का आशीर्वाद उनके साथ था,वो तो कवर्धा में एक बड़ा कांड हो गया और उन्हें हटाने के हालात बने…? महादेव एप में आरोपी दास ने सीएम पर 507 करोड़ देने का आरोप लगाया था और बाद में तब के दुर्ग के एसपी अभिषेक ने विडिओ जारी कर सफाई भी दीथी।गृहमंत्री विजय शर्मा को क्या इसकी जानकारी नहीं थी…?
आईपीएस से अधिक पैसे
दो एडिशनल एसपी को…..
सीबीआई की राडार मेंआये कुछ आईजी,एसपी (आई पीएस)को हर महीने 10 से 20 लाख रूपये मिलते थे सूत्रों की मानें तो राज्य पुलिस सेवा के अभिषेक माहेश्वरी को सबसे तगड़ा पैसा मिलता था। तब इनके पास एडिशनल एसपी इंटे लिजेंस, एएसपी रायपुर का जिम्मा था। 35 लाख रुपये महीना लेते थे! ये पैसा कांस्टेबल संदीप दीक्षित, रोहित-राहुल उप्पल और प्रशांत त्रिपाठी पहुंचाते थे।वहीं, राज्य पुलिस सेवा के दूसरे अधिकारी संजय ध्रुव तब एएसपी दुर्ग के प्रभार में रहे हैं। इन्हें 20 लाख रुपये महीने मिलते थे! इन तक पैसे सिपाही अमित दुबे पहुंचाता था।इसके अलावा पूर्व सीएम की उपसचिव रही सौम्या चौरसिया,करीबी विजय भाटिया,ओएसडी रहे डा. सूरज कश्यप को 35-35 लाख! क्रमशः मनीष उपा ध्याय, रोहित-राहुल उप्पल, प्रशांत त्रिपाठी हर महीने पहुंचाते थे।
छ्ग अब नक्सल ग्रस्त
क्षेत्र नहीं.. सीएम साय
छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णु देव साय ने कहा कि पिछले 15 महीने में 343 सेज्यादा नक्सली मारे गए हैं और 2 हजार से अधिक को या तो गिरफ्तार किया गया है या आत्मसमर्पण हुआ है।छग के सीएम ने निवेशकों की बैंगलोर की बैठक में दावा किया,ऐसी छविबनाई गई है कि पूरा छग नक्सलवाद से ग्रस्त है, जो सच नहीं है।छग का छोटा -सा क्षेत्र बस्तर है, नक्सल वाद की समस्या से ग्रस्त है और राज्य का बाकी हिस्सा इस समस्या से मुक्त है।साय ने चर्चा में कहा,”हमारी एक साल पहले बनी सरकार में सुरक्षाबल, नक्सल समस्या के खिलाफ बहादुरी से लड़ रहे हैं। हमें पूरा विश्वास है कि नक्सल समस्या का जल्द ही खात्मा कर दिया जाएगा। सीएम ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वालों के लिए अनुकूल पुनर्वास पैकेज तैयार किया हैइसके अलावा,नक्सल प्रभावित इलाकों में ‘आपका सुंदर गांव’ नाम से एक योजना भी शुरू की गई है।जिसके तहत वहां करीब 38 सुरक्षा शिविर खोले गए हैं। साय ने कहा कि इस योजना का लाभ 100 से अधिक गांवों को दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 31मार्च 2026 तक नक्सल समस्या को खत्म करने का संकल्प लिया है।
और अब बस…..
0 आईपीएस अफसरों पर पैसा हवाला के माध्यम से विदेश भेजने के मामले में एक डॉक्टर की भूमिका की भी जांच संभव है…?
0 हवाला मामले में चर्चित पुलिस कर्मचारी तो आईपी एस की मनपसंद पोस्टिंग भी कराता था…?
0सीबीआई की मानें तो महादेव सट्टा एप में सबसे अधिक प्रोटेक्शन मनी एक एएसपी लेता था…?
0छ्ग के एक चर्चित सीनियर आईपीएस अफसर के सीबीआई के राडार से बचने की चर्चा पुलिस मुख्यालय में भी जमकर है?